PM Oath Ceremony: BJP National President के रेस में 4 नेताओं के नाम

नईदिल्ली

नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार पीएम पद की शपथ ले ली है और उनके साथ ही पूरे मंत्री परिषद का भी रविवार को शपथ ग्रहण हो गया है। भाजपा के मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा अब केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं। इसके साथ ही पार्टी की नए अध्यक्ष की तलाश तेज हो गई है। जेपी नड्डा का कार्यकाल बीते साल दिसंबर में ही समाप्त हो गया था, लेकिन उन्हें 6 महीने का विस्तार मिला था। अब उनका एक्सटेंशन पीरियड भी 30 जून तक समाप्त हो रहा है। इसलिए भाजपा को नए अध्यक्ष की तलाश है औऱ जिन नामों की चर्चा तेज थी, उनमें से भी को केंद्र सरकार का ही हिस्सा बना लिया गया है।

अब तक चर्चा थी कि मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को पार्टी की कमान मिल सकती है। इसके अलावा मनोहर लाल खट्टर का नम भी चर्चा में था। इन दोनों नेताओं को भी कैबिनेट मंत्री की शपथ दिलाई गई है। वहीं धर्मेंद्र प्रधान और भूपेंद्र यादव को भी लेकर भी अटकलें तेज थीं। ये दोनों नेता भी फिर से मंत्री बन गए हैं। अब इसके बाद चर्चा जोरों पर है कि संगठन में पहले से ही काम कर रहे किसी नेता को कमान मिल सकती है। इन नेताओं में पार्टी के दो महासचिवों के नाम चर्चा में हैं। एक नाम है सुनील बंसल का। वह यूपी में संगठन महामंत्री रहे हैं और उन्हें जीत का श्रेय दिया जाता है।

विनोद तावड़े का नाम भी अध्यक्ष पद की रेस में

सुनील बंसल को अमित शाह का भरोसेमंद माना जाता है। एक नाम विनोद तावड़े का चर्चा में है। वह पिछड़े समाज से आते हैं और बीते कुछ सालों में तेजी से उनका उभार हुआ है। महाराष्ट्र से आने वाले विनोद तावड़े राज्य सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। फिलहाल वह महासचिव हैं और बिहार के प्रभारी भी हैं। लोकसभा चुनाव कैंपेन में भी उन्हें अहम जिम्मेदारी दी गई थी। तावड़े को कुछ ही समय में काफी महत्व मिला है और वह मोदी सरकार की योजनाओं के प्रचार का कामकाज देखते रहे हैं।

क्यों बंसल का रिपोर्ट कार्ड भी चर्चा में, अध्यक्ष बनने के भी कयास

वहीं सुनील बंसल की बात करें तो वह ओडिशा, बंगाल और तेलंगाना के प्रभारी हैं। इससे पहले वह उत्तर प्रदेश में अहम रोल अदा कर चुके हैं। यूपी में अच्छे प्रदर्शन का ही उन्हें इनाम मिला था और पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर भूमिका दी थी। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान वह भाजपा के कॉलसेंटर्स को देख रहे थे। फीडबैक ले रहे थे और उसके आधार पर जमीन पर काम करने का प्लान तैयार किया गया था। उन्होंने कम अरसे में ही भाजपा हाईकमान का भरोसा जीता है। फिलहाल यह भी संभावना है कि नए अध्यक्ष की तलाश पूरी होने तक नड्डा ही पद पर बने रहें। एक और नाम अनुराग ठाकुर का भी अचानक से चर्चा में आया है। इसकी वजह यह है कि वह हमीरपुर सीट से जीते हैं और मोदी कैबिनेट में शामिल नहीं गए हैं। 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button