द इनसाइडर्स ब्रेकिंग : मध्यप्रदेश में भी विदेशों जैसी गगनचुंबी इमारतें बनेंगी, देश में सबसे ज्यादा 7 एफएआर मिलेगा
भूमि विकास नियम में संशोधन जारी, 15 दिन तक दे सकते हैं दावे-आपत्ति; औद्योगिक क्षेत्रों के अलावा भी उद्योग लगाने पर मिलेगी ज्यादा निर्माण की अनुमति
कुलदीप सिंगोरिया @9926510865
न्यूयार्क सिटी का मिडटाउन मैनहट्टन। पेरिस का लॉ डिफेंस। मुंबई का बांद्रा कुर्ला कॉम्पलेक्स। यह तीनों गगनचुंबी इमारतों वाले दुनिया के बेहतरीन सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक (सीबीडी) यानी कमर्शियल कॉम्पलेक्स हैं। इन्हीं की तर्ज पर प्रदेश में भी सीबीडी और कमर्शियल कॉम्पलेक्स विकसित करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने शुक्रवार को कुल निर्माण सीमा या फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) 2.5 से बढ़ाकर 7 करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने भूमि विकास नियम 2012 में संशोधन को राजपत्र में प्रकाशित करते हुए बताया है कि शहरों की निवेश सीमा में कमर्शियल लैंडयूज वाले क्षेत्रों में एफएआर 5 किया जाएगा। हालांकि यह प्रीमियम एफएआर होगा, जिसको खरीदने की दरें राज्य सरकार तय करेगी। यह एफएआर ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइटस (टीडीआर) के जरिए मिलेगा। वहीं दूसरा बदलाव प्रदेश में ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवपलमेंट (टीओडी) और सीबीडी वाले क्षेत्रों के लिए किया गया है। टीओडी के तहत प्रदेश में हाइराइज को बढ़ावा दिया जाना है और मेट्रो रूट आदि के दोनों ओर ऊंची इमारतों का निर्माण किया जाएगा। लिहाजा, सीबीडी और टीओडी वाले क्षेत्रों में 7 एफएआर दिया जाएगा। वहीं नोटिफकेशन के बाद लोग 15 दिन तक दावा-आपत्ति दे सकते हैं। इसके बाद इन्हें फाइनल रूप से नोटिफाई किया जाएगा। हालांकि, इन्हें अमल में लाने के लिए शहरों के मास्टर प्लान में भी शामिल करना होगा।
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100 मंजिला इमारतों का निर्माण भी संभव
अर्बन प्लानर प्रवीण भागवत बताते हैं कि अहमदाबाद में स्मार्ट सिटी एरिया में 5 एफएआर है। इसी तरह मुंबई आदि में भी 5 एफएआर है। प्रदेश में ज्यादा एफएआर देने का मतलब है कि यहां 50 से 100 मंजिला इमारतों के निर्माण होना संभव हो सकेगा। लेकिन यह तभी संभव होगा जबकि बाजार की डिमांड और वायबिलिटी होगी। नहीं तो यह संशोधन सिर्फ अर्बन रिफार्म के रूप में केंद्र सरकार से इंसेंटिव लेने तक सीमित हो जाएगा।
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सभी को 0.25 एफएआर देने का प्रस्ताव अटका
भूमि विकास नियम में तीन अन्य संशोधन भी प्रस्तावित थे। अभी इन्हें सिर्फ इस वजह से रोक दिया गया क्योंकि केंद्र सरकार की अर्बन रिफार्म की गाइडलाइन में इनका जिक्र नहीं था। चूंकि 30 नंवबर तक रिफार्म की शर्तें पूरी करनी थी, इसलिए इन्हें छोड़ दिया गया है। अब इन पर फिर से विचार करने के बाद नोटिफिकेशन के लिए भेजा जाएगा। इसमें सभी को निर्माण के लिए 0.25 अतिरिक्त एफएआर खरीदने वाला अहम सुधार शामिल था। इसके साथ ही रेलवे की सीमा से 30 मीटर की जमीन खाली छोड़ने और छोटे शहरों में 15 मीटर चौड़ी सड़क पर पेट्रोल पंप और ईंधन केंद्र की अनुमति देने का भी प्रस्ताव शामिल था।
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उद्योगों को मिलेगा लाभ
ऐसे उद्योग जो कि बहुमंजिला बिल्डिंग में संचालित किए जा सकते हैं, उनके लिए भी ग्राउंड कवरेज बढ़ाते हुए एफएआर 2 कर दिया गया है। जबकि सिंगल यूनिट के लिए एफएआर, पार्किंग, एमओएस आदि में ज्यादा फायदा दिया गया है। यानी कि प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों के अलावा भी दूसरी जमीनों पर उद्योग लगाना आसान होगा।
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