राजस्थान सरकार के सामने अभ 5 विधानसभा के उपचुनावों की नई चुनौती

दौसा.

लोकसभा चुनावों के बाद राजस्थान की नई भजनलाल सरकार को इसी साल 3 चुनावों का सामना और करना है। इनमें एक राज्यसभा सीट, विधानसभा उपचुनाव और स्थानीय निकाय चुनाव इसी साल होने की संभावना है। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद अब राजस्थान में उनकी राज्यसभा सीट खाली हो रही है। हालांकि बहुमत के आधार पर अब यह सीट बीजेपी के खाते में जाती दिख रही है।

वहीं राजस्थान में राज्यसभा चुनाव के अलावा विधानसभा उपचुनाव और लोकल बॉडी चुनाव भी इसी साल होने हैं। लोकसभा चुनावों में 11 सीटें हार चुकी प्रदेश की नई भजनलाल सरकार के लिए अब इन चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करने का भारी दबाव रहेगा।

इन 5 सीटों पर होने हैं उपचुनाव
राजस्थान में खींवसर, दौसा, चौरासी, झुंझुनू और देवली उनियारा में विधानसभा उपचुनाव होने हैं क्योंकि यहां के विधायक अब लोकसभा सांसद बन चुके हैं। इनमें से कोई भी सीट बीजेपी के पास नहीं है। यहां तक कि जिन लोकसभा सीटों में ये विधानसभाएं आती हैं, वहां भी बीजेपी इस चुनाव में हार गई। खींवसर से आरएलपी के हनुमान बेनीवाल, दौसा से कांग्रेस के मुरारी मीणा, चौरासी से बीएपी के राजकुमार रोत, झुंझुनू से कांग्रेस के बृजेंद्र ओला और देवली उनियारा से कांग्रेस के हरीश मीणा विधायक थे। अब ये पांचों सांसद बन चुके हैं। इसलिए इन सीटों पर उपचुनाव होने हैं।

लोकल बॉडी चुनाव सबसे बड़ी चुनौती
विधानसभा उपचुनाव और लोकल बॉडी चुनाव लगभग आसपास ही होंगे। उपुचनावों के नतीजे भले ही सरकार पर कोई असर नहीं डालने वाले लेकिन इससे सरकार के पक्ष में या खिलाफ माहौल जरूरत बनता है। वहीं यदि उपचुनाव पहले होते हैं तो इसका असर लोकल बॉडी इलेक्शन पर भी पड़ना तय है।

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