पीएचडीसीसीआई ने कहा- भारत में 2030 तक 10 करोड़ से ज्यादा नई नौकरियां पैदा होने की संभावना
नई दिल्ली
भारत में 2030 तक 10 करोड़ से ज्यादा नई नौकरियां पैदा होने की संभावना है। इस दौरान जीडीपी में 3.3 ट्रिलियन डॉलर की बढ़त देखने को मिलेगी। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) की ओर से मंगलवार ये बातें कही गई।
नई सरकार के 100 दिनों के एजेंडे के लिए पीएचडीसीसीआई की ओर से 10 महत्वपूर्ण बिंदु सुझाए गए हैं। इसमें रोजगार, मैन्युफैक्चरिंग में दोहरे अंक में वृद्धि, निर्यात को मजबूत करना, टियर-2 और टियर-3 शहरों में स्टेट-ऑफ-द-आर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर, किसानों को मजबूत बनाने के लिए नीति बनाना, बढ़ती महंगाई, डिजिटल अर्थव्यवस्था, महिला सशक्तीकरण, पर्यावरण सुरक्षा और हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे मुद्दे शामिल हैं।
बता दें, अनिश्चित वैश्विक माहौल के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2022 से लेकर वित्त वर्ष 2024 तक औसत 8 प्रतिशत की दर से विकास किया है। पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष संजीव अग्रवाल ने कहा, हमने स्टार्टअप, एमएसएमई और बड़ी कंपनियों में 2030 तक 10 करोड़ नई नौकरियां जोड़ने के लिए रोडमैप सुझाया है।
अग्रवाल ने कहा कि फैक्टरी स्तर पर व्यापार में आसानी कर मैन्युफैक्चरिंग में वृद्धि दर को दोहरे अंक में लाया जा सकता है। इससे व्यापार करने की लागत भी कम होगी। मौजूदा समय में नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी की जरूरत है, जिससे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट मजबूत हो सके। चैंबर की ओर से ऐसे 75 उत्पादों को सुझाया गया, जिसके जरिए हमारा निर्यात बढ़ सकता है। इससे वैश्विक निर्यात में हमारी हिस्सेदारी बढ़ेगी।
अग्रवाल ने कहा कि 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर के निर्यात के लक्ष्य को पाने के लिए इन 75 उत्पादों पर फोकस करना आवश्यक है। एजेंडे में कहा गया कि सरकार का फोकस पहले 100 दिन में ग्रामीण इलाकों के साथ टियर-2 और टियर-3 शहरों में स्टेट-ऑफ-द-आर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने पर होना चाहिए। साथ ही गांवों में पब्लिक के लिए सभी जरूरी सुविधाएं होनी चाहिए। एआई जैसी टेक्नोलॉजी के इस दौर में सरकार को डिजिटल इकोनॉमी और साइबर सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए रणनीति बनाने का सुझाव हमारी ओर से दिया गया है।