ग्वालियर की महिलाओं का गुस्सा उबाल पर, कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन

ग्वालियर की महिलाओं का गुस्सा उबाल पर, कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन

कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देकर कोलकाता रेप मर्डर केस जैसी घटनाओं पर अंकुश के लिए सख्त कदम उठाने की मांग

ग्वालियर
ग्वालियर शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों में सक्रिय महिलाएं बड़ी संख्या में वरिष्ठ समाजसेवी डॉ. प्रतिभा चतुर्वेदी के नेतृत्व में कलक्ट्रेट पर एकत्र हुईं। कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ रेप मर्डर की घटना तथा वहां के पुलिस प्रशासन व राज्य सरकार द्वारा इस घटना को दबाने के लिए की गई कोशिश पर कड़ी नाराजगी जताते हुए दोषियों को फांसी की मांग को लेकर महिलाओं ने पहले कलेक्ट्रेट के बाहर नारेबाजी की। महिलाएं हाथों में तख्तियां थामे हुए थीं, जिन पर महिलाओं की चिंता व गुस्से को जाहिर करने वाले नारे लिखे हुए थे। इसके बाद महिलाओं के समूह ने कलेक्टर श्रीमती रूचिका चौहान को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन पत्र सौंपा।

ज्ञापन पत्र में कहा गया है कि इस दिल दहला देने वाली घटना पर हम अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं और शीघ्र न्याय की उम्मीद करते हैं। हमारी संवेदनाएं सभी उम्र की उन सभी महिलाओं के साथ हैं जो अमानवीय घटनाओं की शिकार हुई हैं। महिला प्रतिनिधियों ने मांग की कि कोलकाता महिला डॉक्टर रेप मर्डर केस के आरोपी को मृत्युदण्ड जैसी सख्त सजा दी जाए ताकि भविष्य में कोई महिला उत्पीड़न करने की जुर्रत न कर सके। सभी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में लेडी डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं, छात्राओं व युवतियों को जूडो कराटे की ट्रेनिंग दी जाए, इसक लिए स्कूल कॉलेजों में अनिवार्यत: ट्रेनर नियुक्त किये जाएं, ग्वालियर पुलिस की बेटी की पेटी, ऑपरेशन मजनूं व पिंक जैसी योजनाओं को कागजों के बजाए धरातल पर प्रभावी ढंग से अमल में लाया जाए। महिलाओं के प्रति हिंसा रोकने के लिए अलग से कड़ा कानून बनाया जाए।

स्कूल, कॉलेजों, अस्पतालों में वरिष्ठ महिला पुलिस अधिकारी के नेतृत्व में कमेटी बनाई जाए। कोचिंग सेंटर, पार्कों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, मुख्य सड़कों पर सार्वजनिक शौचालय बनाए जाएं। ग्वालियर में महिला हेल्पलाइन नम्बर जारी किया जाए। अस्पतालों व कॉलेजों में महिलाओं के लिए अलग विश्राम कक्ष व एसओएस हॉल बनाया जाए।

महिला प्रतिनिधियों का नेतृत्व कर रहीं डॉ. प्रतिभा चतुर्वेदी ने ग्वालियर अंचल में हो रहीं महिला विरोधी हिंसा व उत्पीड़न रोकने के लिए स्थानीय पुलिस प्रशासन से सख्त कदम उठाने की भी मांग की। ज्ञापन के दौरान निर्मला शर्मा, ऊषा मौर्य, ज्योति नोरके, पूनम सूरी, माला खरे, डॉली कुकरेजा, नीरू सिंह, डॉ. रीता शर्मा, आभा मिश्रा, डॉ. नीतू भारद्वाज, शिखा गोखले, सुधा दीक्षित, पुष्पा मिश्रा, सुनीता यादव, कल्पना ऋषीश्वर, नीतू उपमन्यु, डॉ. अर्चना जैन, वंदना शर्मा, सीमा दुबे, रेनू उपमन्यु, स्मिता दीक्षित, अनीता खलाटे, कल्पना पाठक, रेखा नाईक, रेनू शर्मा, ऊषा शर्मा, स्वाती गुप्ता, पूनम झा, निर्दोष तोमर, आभा मिश्रा, अनीता तोमर, माला वालस्कर, संध्या माथुर, अनीता सक्सेना, निधि मिश्रा, स्नेहा कुशवाह, मुस्कान तोमर, कुमकुम भदौरिया, निकिता तोमर, मीना भट्ट, निशा महेश्वरी, अंजू जोगिया, ज्योति सिंह चौहान, श्वेता गौतम, मोनी सिंह, सुमन तिवारी, मीना तिवारी, रेनू शर्मा, निशा शुक्ला, आशा मंगोन, प्रियम्बदा दुबे, प्रताप उपमन्यु, बृजेश शर्मा (बल्ली पंडित), मोहित चौधरी, सोनू दीक्षित, शिवम ढमोले, अभिषेक पुरोहित, सुदीप चतुर्वेदी, राधाचरण शर्मा, मोहन करन, रवि कुशवाह आदि उपस्थित रहे।

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