जबलपुर में सेंट्रल बुक डिपो और विनय पुस्तक सदन के खिलाफ FIR दर्ज

 जबलपुर
 मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में दो पुस्तक विक्रेताओं (Book Sellers) के खिलाफ नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन (NCERT) की नकली बुक बेचने पर एफआईआर दर्ज की गई है. दिल्ली से आये एनसीईआरटी के अधिकारियों और पुलिस की संयुक्त टीम ने शुक्रवार (3 मई) को शहर के दो बुक स्टोर पर छापामार कार्रवाई की. इस दौरान दोनों बुक स्टोर से एक हजार से अधिक नकली किताबें बरामद की गई.

एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि प्रारम्भिक जांच के बाद दोनों बुक-सेलर्स के खिलाफ लार्डगंज थाने में मामला दर्ज किया गया है. दिल्ली से आए एनसीईआरटी के सदस्यों ने पहले तो अभिभावक बनकर किताबें खरीदीं और जब उन्होंने देखा कि किताबें नकली हैं, तो इसकी जानकारी पुलिस अधीक्षक से साझा की गई. पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह से भूपेन्द्र सिंह ने शिकायत की कि वह एनसीईआरटी नई दिल्ली में बिजनेस मैनेजर के पद पर पदस्थ हैं.

एनसीईआरटी की नकली पुस्तकें जबलपुर शहर में बेचे जाने संबंधी सूचना एनसीईआरटी मुख्यालय नई दिल्ली में मिली थी. इसके बाद सक्षम अधिकारी के रूप में उनके साथ सहायक उत्पादन अधिकारी दीपक जायसवाल को सत्यापन और सूचना सही पाए जाने पर संबंधित थाने में दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने हेतु अधिकृत किया गया है. एनसीईआरटी के अधिकारी भूपेंद्र सिंह और उनकी टीम ने 2 मई की शाम नया बाजार स्थित सेंट्रल बुक डिपो और विनय पुस्तक सदन 157 नया बाजार से कक्षा 9वीं की कुछ एनसीईआरटी की किताबें खरीदीं.

एक हजार नकली किताबें जब्त
इसके बाद जांच करने पर ये किताबें नकली पाई गई. दोनों दुकान के संचालकों द्वारा सरकार को वित्तीय नुकसान पहुंचाते हुए विद्यार्थियों को नकली किताबें बेचकर धोखाधड़ी की जा रही थी. पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह द्वारा शिकायत पर वैधानिक कार्यवाही किए जाने का आदेश दिया गया. इस पर थाना प्रभारी लार्डगंज हरिकिशन ने अपनी टीम और एनसीईआरटी के अधिकारियों के साथ नया बाजार स्थित सेंट्रल बुक डिपो और विनय पुस्तक सदन में दबिश दी. दोनों दुकानों से लगभग एक हजार नकली एनसीईआरटी की किताबें जब्त की गईं.

सेंट्रल बुक डिपो के संचालक तनिष्क चौरसिया और विनय पुस्तक सदन के संचालक मनोज गुप्ता के खिलाफ एनसीईआरटी की नकली किताबें बेचकर शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचाने पर एफआईआर दर्ज की गई. दोनों पर लाभ अर्जित करने और विद्यार्थियों के साथ धोखाधड़ी करना पाए जाने पर धारा 63, 65 कॉपीराइट एक्ट और धारा 420 के संबंध में पूछताछ की जा रही है

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