मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में वर्कफोर्स में 7.1% का इजाफा : टीमलीज स्टाफिंग
लॉजिस्टिक्स, ई-कॉमर्स और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर बने विकास के मुख्य इंजन

● कोयंबटूर, गुड़गांव और जयपुर नौकरी की संभावनाओं के लिए तेजी से उभरते केंद्र बन गए हैं। ये भारत के बदलते जॉब मार्केट को दर्शाते हैं।
● 59% कंपनियां अब क्लाउड-बेस्ड सॉल्यूशंस को प्राथमिकता दे रही हैं। इसके साथ ही एआई, आईओटी और ऑटोमेशन टूल्स कर्मचारियों की उत्पादकता को बढ़ा रहे हैं।
बेंगलुरु। भारत के अग्रणी स्टाफिंग समूह टीमलीज़ सर्विसेज (NSE: TeamLease) ने अक्टूबर 2024 से मार्च 2025 तक के लिए अपनी एम्प्लॉयमेंट आउटलुक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार, इस अवधि में रोजगार दर में 7.1% की बढ़ोतरी हुई है, जो पिछली छमाही के 6.33% से अधिक है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि, 59% कंपनियां अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की योजना बना रही हैं, जबकि 22% नियोक्ता अपने मौजूदा स्टाफ को बनाए रखना चाहते हैं। जबकि 19% कंपनियां अपने कर्मचारियों की संख्या में कमी की संभावना जता रही हैं। यह रिपोर्ट दिखाती है कि भारत में रोजगार का परिदृश्य लगातार सक्रिय है। कंपनियां अपनी जरूरतों और उद्योग की मांग के अनुसार काम कर रही हैं, जिससे जॉब मार्केट में सकारात्मक बदलाव आ रहा है। इस साल रोजगार के बढ़ते मौके उन सेक्टरों में देखने को मिले हैं जो तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं, जैसे लॉजिस्टिक्स, ईवी और ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर, कृषि और ई-कॉमर्स। इन सेक्टरों ने टेक्नोलॉजी और इंफ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश किया है, जिससे नौकरी के नए रास्ते खुले हैं। उदाहरण के लिए, लॉजिस्टिक्स सेक्टर में 14.2% की बढ़त हुई है, क्योंकि यहां 69% कंपनियां अपने स्टाफ को बढ़ाने की योजना बना रही हैं। इस सेक्टर में 5जी टेक्नोलॉजी और ग्रीन सप्लाई चेन को अपनाने के प्रयासों ने बड़ा योगदान दिया है। साथ ही, राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति का भी फायदा मिला है। लॉजिस्टिक्स के बाद रोजगार देने में सबसे ज्यादा योगदान ईवी और ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में 12.1% की ग्रोथ देखी गई है, जो इस सेक्टर की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है। कृषि और कृषि रसायन क्षेत्र ने 10.5% की बढ़ोतरी हासिल की है, जबकि ई-कॉमर्स और टेक स्टार्टअप्स में 8.9% की वृद्धि हुई है।
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ई-कॉमर्स कंपनियां एआई का इस्तेमाल कर ग्राहकों की ज़रूरतों को समझ रही हैं और त्योहारों की मौसमी मांग का भरपूर फायदा उठा रही हैं। ऑटोमोटिव इंडस्ट्री ने भी स्मार्ट टेक्नोलॉजी को अपनाकर 8.5% की वृद्धि दर्ज की है। रिटेल सेक्टर, जो स्मार्ट स्टोर्स और हाइपरलोकल डिलीवरी पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, ने 8.2% की ग्रोथ दर्ज की है। इन सेक्टरों की यह बढ़त न केवल रोज़गार के अवसर बढ़ा रही है, बल्कि इनोवेशन और आर्थिक विकास को भी गति दे रही है।
रोजगार के मौकों में इन इंडस्ट्री ट्रेंड्स के साथ-साथ, अब स्थान के हिसाब से भी बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। कई नए शहर तेजी से प्रतिभाओं को आकर्षित कर रहे हैं। कोयंबटूर (24.6%) और गुड़गांव (22.6%) जैसे शहर रोजगार के नए केंद्र बनकर उभरे हैं, जो बताता है कि अब नौकरियां पारंपरिक महानगरों से बाहर भी बढ़ रही हैं। फिर भी, बेंगलुरु (53.1%), मुंबई (50.2%), और हैदराबाद (48.2%) जैसे शहर अभी भी सबसे ज्यादा नौकरियों के केंद्र बने हुए हैं। इनके अलावा, कोयंबटूर, गुड़गांव, जयपुर, लखनऊ, और नागपुर जैसे शहरों में बढ़ती कर्मचारियों की मांग दिखाती है कि पूरे देश में रोजगार के अवसर तेजी से फैल रहे हैं। इससे छोटे शहर नौकरी चाहने वालों और कंपनियों के लिए नए और बेहतर विकल्प बनते जा रहे हैं। यह बदलाव नौकरी करने वालों को नए क्षेत्रों में अवसर तलाशने का मौका देता है और कंपनियों को पूरे भारत में बेहतर प्रतिभा खोजने का। आज के समय में, कंपनियां केवल खाली पदों को भरने पर ध्यान नहीं दे रहीं, बल्कि उन कर्मचारियों की तलाश कर रही हैं जिनमें खास कौशल हो जो वर्तमान व्यापार और तकनीकी जरूरतों के साथ मेल खाएं। समस्याओं का समाधान (35.3%), समय का प्रबंधन (30.4%), और बिक्री के बाद सेवा (28.4%) जैसे कौशलों वाली नई नौकरियां बेहद महत्वपूर्ण हो गई हैं। वहीं, संचार (57.8%), बिक्री और विपणन (44.6%), और क्रिटिकल थिंकिंग (37.3%) जैसे कौशल अभी भी सबसे जरूरी बने हुए हैं। इसके अलावा, मशीनरी ऑपरेशन और मेंटेनेंस (24.1%) और टीम सहयोग (23.1%) जैसे तकनीकी कौशल कंपनियों को विस्तार के साथ उत्पादकता बनाए रखने में मदद करते हैं। टेक्नोलॉजी के बढ़ते इस्तेमाल ने उत्पादकता को और भी अहम बना दिया है।