यमुना अथॉरिटी के सुपरटेक अपकंट्री प्रॉजेक्ट एक मौका, बिल्डर प्रॉजेक्ट में फंसे 900 बायर्स करा सकेंगे रजिस्ट्री
ग्रेटर नोएडा
यमुना अथॉरिटी के सेक्टर-17ए स्थित सुपरटेक अपकंट्री प्रॉजेक्ट में फंसे करीब 900 होम बायर्स की रजिस्ट्री कराने का रास्ता साफ हो गया है। यमुना अथॉरिटी ने बायर्स की ऑफर दिया है कि वह किसानों को दिया जाने वाला 64 प्रतिशत मुआवजे का और लीज रेंट का अपने हिस्से का बकाया अथॉरिटी के खाते में जमा कराकर सीधे रजिस्ट्री करा सकेंगे। अथॉरिटी उन्हें सीधे रजिस्ट्री कराने की अनुमति दे देगी। इसके लिए बिल्डर की एनओसी की जरूरत नहीं होगी।
बता दें कि इस प्रॉजेक्ट में 2010-2011 में होम बायर्स ने घर लिए थे। तब से लेकर अब तक घर खरीदार धक्के खा रहे हैं। बायर्स पिछले करीब एक साल से यमुना अथॉरिटी के अधिकारियों से मिल रहे थे और अपनी रजिस्ट्री शुरु कराने की मांग कर रहे थे। होम बायर्स और अथॉरिटी दोनों की सहमति होने के चलते अब अथॉरिटी ने अवसर दिया है कि वह किसानों के 64 फीसदी का मुआवजा और लीज रेंट का पैसा बिल्डर को न देकर सीधे अथॉरिटी के खाते में जाम करा दें तो अथॉरिटी उनकी रजिस्ट्री कराने के लिए एनओसी जारी कर देगी।
अथॉरिटी अधिकारियों का कहना है कि फ्लैट के साइज के हिसाब से सबका अलग-अलग पैसे की लिस्ट जारी की जाएगी। इस पैसे को जमा कराने के बाद केवल 15 दिन में हो बायर्स अपनी रजिस्ट्री करा सकते हैं। यमुना अथॉरिटी के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि गलगोटिया विश्वविद्यालय के पास सेक्टर-17ए में सुपरटेक ने अपकंट्री परियोजना को 2011 में शुरू किया था। सुपरटेक पर यीडा का करीब 383 करोड़ रुपए बकाया है। बिल्डर पैसे नहीं दे रहा। इस वजह से लोगों के घरों की रजिस्ट्री अटकी हुई है।
खुलेगा जॉइंट अकाउंट
अब यह रास्ता निकाला गया है कि इसमें 64 फीसदी मुआवजे और लीज रेंट का करीब 107 करोड़ बनता है। यह पैसा यदि बायर्स सीधे अथॉरिटी के खाते में अपने-अपने हिस्से का जमा करा देंगे तो अथॉरिटी इनकी रजिस्ट्री करा देगी। फैसला लिया गया कि सुपरटेक अपकंट्री हाउसिंग सोसायटी के घर खरीदारों पर जितना पैसा बकाया है, उसको लेने के लिए प्राधिकरण और आवंटियों के बीच एक संयुक्त खाता खोला जाएगा। इसमें घर खरीदार अपना बकाया पैसा जमा कर सकेंगे। पैसा जमा करने के बाद लोगों के घर की रजिस्ट्री के रास्ते खुल जाएंगे। पैसा जमा होने के 15 दिन बाद ही रजिस्ट्री शुरू हो जाएगी।