डिगमा की महिलाओं ने हर्बल गुलाल से बनाई अपनी अलग पहचान

रायपुर

छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के तहत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं। इसी क्रम में अम्बिकापुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत डिगमा की राधे कृष्णा स्वयं सहायता समूह की महिलाएं हर्बल गुलाल का निर्माण कर अपनी अलग पहचान बना रही हैं। उनका यह प्रयास न केवल आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में एक कदम है, बल्कि लोगों को रासायनिक मुक्त और प्राकृतिक रंगों से सुरक्षित होली मनाने का भी अवसर दे रहा है।

    समूह की महिलाओं ने बताया कि वे हर्बल गुलाल बनाने के लिए फलों, चुकंदर और पलाश के फूलों का उपयोग करती हैं, जिससे यह गुलाल पूरी तरह प्राकृतिक और त्वचा के लिए सुरक्षित होता है। यह पहल न केवल एक स्वस्थ विकल्प प्रदान कर रही है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक है। पिछले वर्ष समूह ने 10 क्विंटल हर्बल गुलाल का विक्रय कर एक लाख 54 हजार रुपये की आमदनी अर्जित की थी। इस वर्ष उन्होंने बिक्री का लक्ष्य 20 क्विंटल निर्धारित किया है, जिससे उनकी आय और अधिक होगी।

महिला समूह द्वारा कलेक्ट्रेट कंपोजिट बिल्डिंग में लगाए गए हर्बल गुलाल के स्टॉल पर कलेक्टर विलास भोसकर सहित अन्य अधिकारियों ने भी होली के लिए हर्बल गुलाल खरीदा। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। महिलाएं अब स्वरोजगार से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रही हैं। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे स्वयं सहायता समूह द्वारा निर्मित हर्बल गुलाल का उपयोग करें और रासायनिक रंगों से बचकर प्राकृतिक और सुरक्षित होली मनाएं।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button