बाढ़-बारिश से पूर्वोत्तर में और बिगड़ेंगे हालात? अब तक 34 की मौत, ब्रह्मपुत्र का रौद्र रूप, आफत की चेतावनी

इंफाल
 पूर्वोत्तर राज्यों में मानसून अब भयंकर तबाही का रूप ले चुका है. असम, मणिपुर, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण भीषण तबाही मची है. भारतीय मौसम विभाग ने छह जून तक भारी बारिश की चेतावनी दी है. इस कारण फिलहाल कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है. इस आपदा ने अब तक 34 लोगों की जान ले ली है. हजारों लोग बेघर हो गए हैं. कई गांव पानी में डूब गए हैं. सड़कें, पुल और बिजली की लाइनें टूट गई हैं.
असम में हालात बुरे

असम में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं. रविवार तक 15 जिलों में 78,000 से ज्यादा लोग बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित थे. ब्रह्मपुत्र समेत 10 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. गुवाहाटी में भूस्खलन से पां लोगों की मौत हो गई. लखीमपुर के घुनासुटी इलाके में बाढ़ ने कई गांवों को डुबो दिया. असम के मंत्री जयंत मल्लाबरुआ ने पीड़ितों के लिए चार लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया. राहत शिविरों में 28,317 लोग शरण लिए हुए हैं. लेकिन कई इलाकों में मदद पहुंचाना मुश्किल हो रहा है. सिलचर में 42 सेमी बारिश दर्ज की गई. करीमगंज में 35 सेमी बारिश हुई. हालाकांडी में 30 सेमी बारिश ने तबाही मचा दी.

मणिपुर और सिक्किम में लगातार बारिश

मणिपुर में इंफाल शहर पानी में डूब गया है. यहां 31 मई से लगातार बारिश हो रही है. इंफाल नदी और नंबुल नदी खतरे के निशान से ऊपर हैं. 3800 से ज्यादा लोग प्रभावित हैं. 883 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं. सुरक्षा बलों ने कई लोगों को सुरक्षित निकाला. सिक्किम में 1500 पर्यटक उत्तरी क्षेत्र में फंसे हैं. मंगन जिले में तीस्ता नदी में एक गाड़ी बह गई. इसमें 8 लोग लापता हैं. एक की मौत हो गई.

अरुणाचल प्रदेश में नौ की मौत

अरुणाचल प्रदेश में भूस्खलन और बाढ़ से 9 लोगों की मौत हुई. रविवार को भारतीय वायु सेना ने बोमजीर नदी में फंसे 14 लोगों को बचाया. यह इलाका लोअर दिबांग घाटी में है. एक कार बाढ़ में बह गई. इसमें 7 लोग मारे गए. किबिथू में 17 सेमी बारिश हुई. हायूलियांग में 15 सेमी बारिश दर्ज की गई. भूस्खलन से कई सड़कें बंद हैं. गांव मुख्य क्षेत्र से कट गए हैं.

मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा की तबाही

मेघालय में 6 लोगों की मौत हुई. मिजोरम में भी 6 लोग मारे गए. मिजोरम में एक होटल भूस्खलन से ढह गया. इसमें 3 म्यांमार नागरिक मारे गए. त्रिपुरा में 1300 परिवार प्रभावित हैं. मुख्यमंत्री माणिक साहा ने लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने का निर्देश दिया. 4 जून तक भारी बारिश की चेतावनी है.

एक्शन में केंद्र सरकार

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को असम, मणिपुर, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से बात की. उन्होंने हर संभव मदद का भरोसा दिया. शाह ने कहा कि मोदी सरकार पूर्वोत्तर के लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है. राहत और बचाव कार्य तेज किए गए हैं. सेना और आपदा प्रबंधन टीमें काम कर रही हैं.
राहत की उम्मीद नहीं

मौसम विभाग ने 6 जून तक भारी बारिश की भविष्यवाणी की है. 1 से 5 जून तक तेज बारिश, तूफान और बिजली गिरने का अनुमान है. 5 और 6 जून को बारिश कम हो सकती है. लेकिन सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है.

मौमस में बदलाव की वजह से बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है और तीस्ता नदी में खतरनाक उफान आया है, जिससे बचाव और निकासी अभियान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. बढ़ते जल स्तर और नदी की तेज़ धाराओं की वजह से कई रास्ते भी बह गए. अधिकारियों ने बताया कि रविवार को लगातार तीसरे दिन भी मंगन जिले में भारी बारिश जारी रहने के कारण उत्तरी सिक्किम में करीब 1,500 पर्यटक फंसे हुए हैं. उन्होंने बताया कि खराब मौसम की वजह से दो पुल आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए.

पूर्वी सिक्किम में नीमचेन प्रेमलखा के पास भूस्खलन हुआ है. अधिकारियों ने बताया कि यात्रियों को सतर्क रहने और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है. उन्होंने बताया कि सड़क संपर्क बाधित होने की वजह से लाचेन में करीब 112 पर्यटक और लाचुंग में 1,350 पर्यटक फंसे हुए हैं. लाचुंग से चुंगथांग और चुंगथांग से थेंग सुरंग तक सड़क साफ करने के लिए सीमा सड़क संगठन (BRO) की भारी मशीनरी तैनात की गई है.

थेंग में एक बड़े भूस्खलन ने शुरू में सड़क को अवरुद्ध कर दिया था, लेकिन अब बताया जा रहा है कि जीआरईएफ कैंप के पास शिपगेयर तक इसे साफ कर दिया गया है. हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि कैंप से कुछ सौ मीटर आगे एक बड़ा पत्थर अभी भी हटाया जाना बाकी है.

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि भारी बारिश की वजह से तीस्ता नदी में तेज़ बहाव के कारण द्ज़ोंगू इलाके में स्थित फ़िदांग पुल क्षतिग्रस्त हो गया. उन्होंने बताया, "नदी के बहाव ने इसके आधार को नष्ट कर दिया है, जिससे पुल की संरचनात्मक स्थिरता प्रभावित हो सकती है."

अधिकारियों ने बताया कि मंगन को चुंगथांग से जोड़ने वाला संगकालांग बेली ब्रिज भी तीस्ता नदी के बहाव के कारण आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है. एक अधिकारी ने बताया कि पुल की हालत बहुत खराब है और अब यह सार्वजनिक उपयोग के लिए सुरक्षित नहीं रह गया है. उन्होंने बताया कि मानसून की बारिश तेज हो गई है, जिससे तीस्ता नदी उफान पर आ गई है, जिस पर यह पुल बना हुआ है.

कांग्रेस कार्यकर्ताओं से प्रियंका गांधी की अपील…

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा, "असम, अरुणाचल समेत पूर्वोत्तर के राज्यों में भारी बारिश से हुई मौतों का समाचार अत्यंत दुखद है. लाखों लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. ईश्वर सभी की रक्षा करें. केंद्र और राज्य सरकारों से अपील है कि राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाई जाए, जिससे लोगों को कम से कम तकलीफ उठानी पड़े. कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकर्ताओं से भी आग्रह करती हूं कि प्रभावित लोगों की यथासंभव मदद करें."

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