रामनवमी कब है जानें तिथि,पूजा विधि और महत्व
राम नवमी का पर्व भगवान राम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। वाल्मीकि रामायण के अनुसार, भगवान राम का जन्म चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन कर्क लग्न में अभिजीत मुहूर्त में हुआ था। रामनवमी का पर्व चैत्र मास की नवरात्रि के आखिरी दिन होता है। रामनवमी का पर्व भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के कई हिस्सों में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस बार नवरात्रि का आरंभ 9 अप्रैल से हो रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं राम नवमी का पर्व कब मनाया जाता है।
चैत्र मास रामनवमी कब है?
पंचांग के अनुसार, चैत्र मास की नवमी तिथि का आरंभ 16 अप्रैल के दिन मंगलवार को दोपहर 1 बजकर 23 मिनट से प्रारंभ होगा और नवमी तिथि 17 जनवरी को दोपहर 3 बजकर 15 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि में नवमी तिथि होने के कारण रामनवमी का पर्व 17 अप्रैल को मनाया जाएगा। 17 अप्रैल को पूरे दिन रवि योग भी रहने वाला है।
भगवान राम की कृपा पाने के लिए इस दिन व्यक्ति को रामायण का पाठ और राम रक्षा स्तोत्र का पाठ भी करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है। इस दिन भगवान राम के मंदिर में जाकर उन्हें पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें। साथ ही पीले रंग के फूलों से बनी माला भी अर्पित कर उनकी स्तुति करें।
घर में ऐसे करें रामनवमी की पूजा
यदि मंदिर जाना संभव न हो तो आप अपने घर में भी पूजा कर सकते है।
पूजा के लिए सबसे पहले एक लकड़ी की चौकी लें। उसपर लाल रंग का एक कपड़ा बिछाएं।
इसके बाद राम परिवार जिसमें भगवान राम, लक्ष्मणजी, माता सीता और हनुमान जी हो ऐसी मूर्ति गंगाजल से शुद्ध करके स्थापित करें।
इसके बाद सभी को चंदन या रोली से तिलक करें। फिर उन्हें अक्षत, फूल, आदि पूजन सामग्री चढ़ाएं।
इसके बाद घी का दीपक जलाकर राम रक्षा स्त्रोत, श्रीराम चालीसा और रामायण की चौपाइयों का पाठ तरें।
आप चाहें तो इस दिन सुंदर कांड के पाठ या हनुमान चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं।