रेल आपूर्तिकर्ताओं के लिए चेतावनी — घटिया सामग्री पर बैन व ब्लैकलिस्टिंग की तैयारी

नई दिल्ली

रेल मंत्री अश्विनी वैष्‍णव ने रेल कंपनियों को कड़ी चेतावनी दी है. उन्‍होंने सीधे शब्‍दों में कहा है कि गुणवत्ता में सुधार कीजिए नहीं तो ब्‍लैकलिस्‍ट कर दिया जाएगा. CII के एक कार्यक्रम में बोलते हुए अश्विनी वैष्‍णव ने कहा कि ऐसे किसी भी मैन्‍युफैक्‍चरर और सप्‍लायर को बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा, जो रेलवे को बेकार माल सप्‍लाई करते हैं. उन्‍होंने आगे कहा कि ऐसी कंपनियों पर सख्‍त रवैया अपनाते हुए ब्‍लैकलिस्‍ट कर दिया जाएगा. 

इस कार्यक्रम में रेल मंत्री ने मैन्‍युफैक्‍चरिंग प्रॉसेस के ऑडिट का आदेश दिया और 2400 किलोवाट की हाइड्रोजन बेस्‍ड ट्रेन के लॉन्‍च करने के साथ ग्रीन एनर्जी में एक बड़ी छलांग का ऐलान किया, जो पूरी तरह से भारत में डेवलप हुई है. 

गुणवत्ता में बदलाव करने की जरूरत

ट्रैक और उपकरण आपूर्तिकर्ताओं की सभा को संबोधित करते हुए वैष्णव ने कहा कि मुझे पता है कि कई कलपुर्जा निर्माता इसे पसंद नहीं करेंगे, लेकिन यह हमारे यात्रियों की सुरक्षा के लिए बहुत-बहुत महत्वपूर्ण है. कड़े शब्दों में लिखे एक निर्देश में वैष्‍णव ने प्रोडक्‍ट्स के सेलेक्‍शन से लेकर सप्‍लाई तक गुणवत्ता नियंत्रण में पूरी तरह से बदलाव करने के लिए कहा. 

ब्‍लैकलिस्‍ट कर दिया जाएगा

वैष्‍णव ने कहा कि जो सुधार नहीं करेंगे, वे हार जाएंगे. मैं आप सभी से प्रक्रियाओं में सुधार करने के लिए आह्वान करता हूं. वैष्णव ने कहा कि उन्होंने रेलवे बोर्ड को ऐसे अधिकारियों की नियुक्ति करने का निर्देश दिया है जो गुणवत्ता की जांच करने में परफेक्‍ट हों. उन्होंने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि उन्हें घटिया उपकरण बनाने और रेलवे को आपूर्ति करने वाले लोगों को प्रतिबंधित, सूची से हटाना और कभी-कभी ब्‍लैकलिस्‍ट भी करना चाहिए. निर्दयी बनें. 

उन्होंने आगे कहा कि घटिया सामग्री सप्लाई करने वालों पर कोई रहम नहीं किया जाएगा. चाहे सिग्नलिंग हो, अर्थिंग हो, ट्रैक उपकरण हों, या लोकोमोटिव के पुर्जे हों. सभी प्रोडक्‍ट्स में 10 गुना सुधार चाहिए. 

लोग 1950 या 60 के दशक की सेवाओं से खुश नहीं

रेल मंत्री ने RDSO की भूमिका पर भी जोर दिया, जो पिछले 3 सालों से स्‍पेसिफिकेशन अपग्रेडशन पर काम कर रहा है. अब उन्होंने कहा कि यह काम बहुत तेजी से आगे बढ़ना चाहिए. वैष्‍णव ने कहा कि यह एक महत्‍वाकांक्षी समाज है. लोग 1950 या 60 के दशक की सेवाओं से खुश नहीं होंगे. 2025 की दुनिया विश्‍वस्‍तरीय रेल यात्रा की हकदार है और इसकी मांग भी करती है. 

इस दौरान रेल मंत्री ने भारत की पहली 2400 किलोवाट की हाइड्रोजन ट्रेन का प्रदर्शन किया और इसे एक साहसिक कदम बताया. उन्होंने कहा कि हमने इस तकनीक का आयात न करने का एक कठिन फैसला लिया है. हम नई तकनीकों में सबसे आगे होंगे. 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button