वोडाफोन-आइडिया को ₹52 हजार करोड़ की सरकार से मिल सकती है मदद

मुंबई
वोडाफोन आइडिया एक बार फिर सरकार से मदद की गुहार लगाते हुए कहा कि कंपनी अपने एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू को लेकर काफी मुश्किलों का सामना कर रही है और उन्हें अपने पुराने स्पेक्ट्रम का भी पेमेंट चुकाना है, जिसे लेकर उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस मुश्किल का सामना करने के लिए उन्होंने केंद्र सरकार से राहत की मांग की है।
कंपनी की ओर से टेलीकॉम सेक्रेटरी नीरज मित्तल ने 11 मार्च को केंद्र सरकार को एक लेटर लिखा, जिसमें उन्होंने सरकार से अपने कर्ज के एक बड़े हिस्से को इक्विटी में बदलने के लिए गुहार लगाई। यदि यह प्रस्ताव सरकार द्वारा मान ली गयी , तो सरकार की वोडाफोन आइडिया में मौजूद हिस्सेदारी, जो कि 22.6% है, से बढ़कर लगभग 49% हो जाएगी। इससे कंपनी को जो अपने फाइनेंशियल कंडीशन को लेकर जो समस्याओ का सामना करना पड़ रहा है, उसमें कंपनी को कुछ राहत मिलेगी। रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी के ऊपर कुल बकाया लगभग 36,950 करोड़ रुपए है, जिसमें से कंपनी को 13,089 करोड़ रुपए आने वाले कुछ ही हफ्तों में देना होगा।
सरकार के मानने पर 52,000 करोड़ रुपए तक की मिल सकती है राहत
यदि केंद्र सरकार वोडाफोन आइडिया द्वारा मांगी गई इस सहायता को स्वीकार कर लेती है, तो वोडाफोन आइडिया को तकरीबन 52,000 करोड़ रुपए की राहत मिल सकती है। हालांकि, मीडिया की कुछ खबरों के अनुसार, यह भी वक्त आया गया है कि सरकार बकाया राशि में किसी भी तरह की छूट देने के मूड में नहीं है।
वोडाफोन आइडिया द्वारा देखा जा रहा यह मुश्किल समय सिर्फ उनके लिए ही नहीं, बल्कि उनके ग्राहकों और टेलीकॉम सेक्टर के लिए भी हानिकारक साबित हो सकता है। यदि वोडाफोन आइडिया अपने फाइनेंशियल में जल्द ही सुधार नहीं करती है, तो टेलीकॉम सेक्टर में कॉम्पिटिशन कम हो सकता है। इस कम होती हुई कॉम्पिटेटिव चुनौती की वजह से टेलीकॉम सेक्टर में मौजूद अन्य कंपनियां ग्राहकों से अपनी मनमानी भी कर सकती हैं।
कंपनी ने 2021 टेलीकॉम राहत पैकेज के तहत सहायता मांगी
रिपोर्ट के मुताबिक, वोडाफोन-आइडिया 36,950 करोड़ रुपए के AGR और स्पेक्ट्रम बकाया के लिए राहत की मांग कर रही है। इसमें आने वाले हफ्तों में 13,089 करोड़ रुपए का तत्काल भुगतान भी शामिल है।
फाइनेंशियल दिक्कतों से जूझ रही VI ने संकेत दिया है कि उसके पास इन पेमेंट्स को पूरा करने की क्षमता नहीं है। वोडाफोन आइडिया ने 2021 टेलीकॉम राहत पैकेज के तहत सहायता मांगी है। इस मामले में कंपनी की तरफ से अब तक कोई बयान सामने नहीं आया है।
VI को 52 हजार करोड़ रुपए की राहत मिल सकती है
वोडाफोन-आइडिया ने ऐसे समय में रिक्वेस्ट की है कि जब मीडिया रिपोर्ट्स के दावे के मुताबिक सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों को एजीआर बकाए में कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया है।
अगर कंपनी की रिक्वेस्ट को सरकार मान लेती है तो एनालिस्ट्स का अनुमान है कि VI को 52 हजार करोड़ रुपए की राहत मिल सकती है, जो इसके आउटस्टैंडिंग AGR लायबिलिटी का करीब 75% घटा देगा और टोटल कर्ज का 25% कम हो जाएगा।
सितंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी की याचिका खारिज की थी
वोडाफोन आइडिया ने पिछले साल जुलाई 2024 में सुप्रीम कोर्ट में एक क्यूरेटिव याचिका दायर कर AGR के बकाए के कैलकुलेशन को चुनौती दी थी। जिसमें नॉन-कोर रेवेन्यू को भी शामिल किया गया था और कंपनी इसके खिलाफ थी। हालांकि, सितंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम ऑपरेटर की याचिका खारिज कर दी थी।
तीसरी तिमाही में वोडाफोन-आइडिया को ₹6,609 करोड़ का लॉस
वोडाफोन-आइडिया को वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में 6,609 करोड़ रुपए घाटा (कॉन्सोलिडेटेड नेट लॉस) हुआ है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी को 6,986 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। सालाना आधार पर कंपनी का घाटा 5.40% कम हुआ है।
टेलीकॉम सेक्टर में तीन ही बड़ी कंपनियां हैं
आपको बता दें कि हाल-फिलहाल टेलीकॉम सेक्टर में तीन ही बड़ी कंपनियां हैं, जिनका नाम है रिलायंस जिओ, भारतीय एयरटेल और वोडाफोन आइडिया। अगर वोडाफोन आइडिया अपनी फाइनेंशियल स्थिति को सुधार नहीं पाती है, तो भारतीय टेलीकॉम सेक्टर में एक बहुत बड़ी मुश्किल पैदा हो सकती है।
वोडाफोन आइडिया ने सुप्रीम कोर्ट में पिछले एक क्यूरेटिव पेटिशन दायर कर के एजीआर की गणना में गैर कोर राजस्व को शामिल करने पर विरोध जताया गया था. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए कंपनी को एक बड़ा झटका दिया.