झुंझुनू में चुनाव बहिष्कार पर अड़े ग्रामीण, अधिकारी नहीं दे पाए ग्रामीणों के सवालों के जवाब

झुंझुनू.

यमुना नहर की मांग को लेकर चुनाव बहिष्कार पर अड़े ग्रामीणों के साथ प्रशासन की तीसरे दौर की वार्ता भी विफल हो गई। पिलानी विधानसभा क्षेत्र के गांव में सिंचाई और पेयजल के लिए नहर की मांग को लेकर ग्रामीण आर-पार की लड़ाई लड़ रहे हैं। हमीनपुर गाड़ौली से शुरू हुए ग्रामीणों के इस संघर्ष को अन्य गांव का समर्थन भी मिल रहा है। जल नहीं तो वोट नहीं, के नारे के साथ हमीनपुर गाड़ौली के अलावा बनगोठडी खुर्द, धिंधवा बिचला आदि गांव ने भी चुनाव बहिष्कार की घोषणा की है।

जिला प्रशासन ग्रामीणों को समझाइश कर चुनाव में मतदान के लिए मनाना चाहता है, लेकिन तीसरे दौर की वार्ता के बाद भी ग्रामीणों ने अपना निर्णय नहीं बदला है। लोकसभा चुनाव का ग्रामीणों ने किया बहिष्कार, तहसीलदार कमलदीप पूनिया की अगुवाई में जलदाय विभाग झुंझुनू के अधिकारी और सभी प्रशासनिक अधिकारियों का एक दल हमीनपुर गाड़ौली मैं ग्रामीणों से वार्ता के लिए पहुंचा। गांव के आईटी सेंटर में आधी अधूरी तैयारी के साथ पहुंचे अधिकारी वार्ता के दौरान ग्रामीणों के सवालों का जवाब तक नहीं दे पाए। लंबी चर्चा के बाद ग्रामीण जल संकट का स्थाई समाधान नहीं होने तक चुनाव बहिष्कार के अपने निर्णय पर कायम रहे।

अधिकारी ग्रामीणों के सवालों का जवाब नहीं दे पाए
गांव के हनुमान सिंह ने अधिकारियों से पूछा कि सर्वे कब तक पूरा कर लिया जाएगा? अधिकारी इसकी कोई निश्चित समय सीमा नहीं बता सके। आचार संहिता के चलते काम धरातल पर कब शुरू होगा? इसके बारे में भी अधिकारी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। अधिकारियों का कहना था कि क्षेत्र में यमुना नहर का पानी आने में काम से कम पांच वर्ष का समय लगेगा।

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