टिकटोक की भारत में होने वाली है वापसी

भारतीय बाजार में वापसी की योजना बना रहा है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की मूल कंपनी बाइटडांस (ByteDance) इस क्षेत्र में फिर से प्रवेश करने के लिए भारत में नए पार्टनर्स की तलाश कर रही है. बता दें, भारत सरकार द्वारा 2020 में लोकप्रिय शॉर्ट वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. सरकार ने इस प्रतिबंध के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों का हवाला दिया और तब से इस क्षेत्र में टिकटॉक अनुपलब्ध है.

भारतीय बाजार में वापसी की योजना बना रहा है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की मूल कंपनी बाइटडांस (ByteDance) इस क्षेत्र में फिर से प्रवेश करने के लिए भारत में नए पार्टनर्स की तलाश कर रही है. बता दें, भारत सरकार द्वारा 2020 में लोकप्रिय शॉर्ट वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. सरकार ने इस प्रतिबंध के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों का हवाला दिया और तब से इस क्षेत्र में टिकटॉक अनुपलब्ध है.

चल रही है बातचीत

लेकिन इस मामले से जुड़े सूत्रों का हवाला देते हुए ET की एक रिपोर्ट के अनुसार यह जल्द ही बदल सकता है. कथित तौर पर, चीनी फर्म हीरानंदानी ग्रुप के साथ पार्टनरशिप के लिए बातचीत कर रही है. यह समूह मुंबई की एक फर्म है जो Yotta Infrastructure Solutions के तहत डेटा सेंटर का संचालन करती है.
 
केंद्र सरकार को बताया जा चुका है प्लान

दोनों ग्रुप बातचीत कर रहे हैं और आखिर के चरणों में हैं. हालांकि, सूत्रों ने कहा कि केंद्र सरकार के अधिकारियों को इन प्लान्स के बारे में अनौपचारिक रूप से जानकारी दी गई है. इसके अलावा, एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि “अभी तक हमारे साथ कोई औपचारिक बातचीत नहीं हुई है. लेकिन, हमें प्लान्स के बारे में सूचित कर दिया गया है. जब भी वे मंजूरी के लिए हमारे पास आएंगे, हम उनके अनुरोध की जांच करेंगे.

करना होगा नियमों का पालन

भारत में टिकटॉक के प्रतिबंधित होने का एक कारण यूजर डेटा के स्टोरेज के बारे में अनिश्चितता थी. इस प्रकार सरकारी अधिकारी ने कहा कि "महत्वपूर्ण यूजर डेटा भारत के बाहर स्टोर नहीं किया जाना चाहिए. सभी ऐप्स और वेबसाइटों ने या तो डेटा को स्थानीय रूप से स्टोर करने का प्रावधान किया है या अपनी डेटा स्टोरेज और प्रोसेसिंग नीतियों में आवश्यक बदलाव कर रहे हैं. अगर वे (टिकटॉक) वापस आते हैं, तो उन्हें इन नियमों का पालन करना होगा.

लेकिन इस मामले से जुड़े सूत्रों का हवाला देते हुए ET की एक रिपोर्ट के अनुसार यह जल्द ही बदल सकता है. कथित तौर पर, चीनी फर्म हीरानंदानी ग्रुप के साथ पार्टनरशिप के लिए बातचीत कर रही है. यह समूह मुंबई की एक फर्म है जो Yotta Infrastructure Solutions के तहत डेटा सेंटर का संचालन करती है.
 
केंद्र सरकार को बताया जा चुका है प्लान

दोनों ग्रुप बातचीत कर रहे हैं और आखिर के चरणों में हैं. हालांकि, सूत्रों ने कहा कि केंद्र सरकार के अधिकारियों को इन प्लान्स के बारे में अनौपचारिक रूप से जानकारी दी गई है. इसके अलावा, एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि “अभी तक हमारे साथ कोई औपचारिक बातचीत नहीं हुई है. लेकिन, हमें प्लान्स के बारे में सूचित कर दिया गया है. जब भी वे मंजूरी के लिए हमारे पास आएंगे, हम उनके अनुरोध की जांच करेंगे.

करना होगा नियमों का पालन

भारत में टिकटॉक के प्रतिबंधित होने का एक कारण यूजर डेटा के स्टोरेज के बारे में अनिश्चितता थी. इस प्रकार सरकारी अधिकारी ने कहा कि "महत्वपूर्ण यूजर डेटा भारत के बाहर स्टोर नहीं किया जाना चाहिए. सभी ऐप्स और वेबसाइटों ने या तो डेटा को स्थानीय रूप से स्टोर करने का प्रावधान किया है या अपनी डेटा स्टोरेज और प्रोसेसिंग नीतियों में आवश्यक बदलाव कर रहे हैं. अगर वे (टिकटॉक) वापस आते हैं, तो उन्हें इन नियमों का पालन करना होगा.

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