मध्यप्रदेश की 3 बेटियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने संसद भवन में देंगी स्पीच

इंदौर

मध्यप्रदेश की तीन मेधावी लड़कियां संसद के सेंट्रल हॉल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने स्पीच देने का अवसर प्राप्त करेंगी। इनका चयन राज्य स्तरीय युवा संसद प्रतियोगिता में हुआ है, जिसे विधानसभा के मानसरोवर सभागार में आयोजित किया गया था। यह प्रतियोगिता 'विकसित भारत' थीम पर आधारित थी, जिसमें प्रदेशभर के युवा शामिल हुए थे। प्रतियोगिता में इंदौर की सजल जैन, भिंड की यति सिंह सिसोदिया और राशि त्रिपाठी का चयन हुआ है, जिनको संसद में प्रधानमंत्री के समक्ष अपने विचार रखने का मौका मिलेगा।  

इंदौर, भिण्ड और सतना की होनहार बेटिया

इंदौर की सजल जैन, भिण्ड की यति सिंह सिसोदिया और सतना की राशि त्रिपाठी ने मध्यप्रदेश विधान सभा में जीत का परचम लहराया है। अब ये तीनों दिल्ली स्थित संसद भवन में मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व करेंगी और प्रदेश का नाम गौरवान्वित करेंगी।
सजल जैन ने अपने भाषण में कही ये बात

बता दें कि इंदौर की सजल जैन ने राष्ट्रीय स्त्तर पर प्रथम स्थान किया है। सजल जैन ने अपने भाषण में अधिकार और कर्तव्य के संतुलन पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि, ‘अधिकारों को दौड़ में हम आगे निकल गए है लेकिन कर्तव्य कही पिछे छूट गए है।’
बेटी ने बढ़ाया मान

एकेएस यूनिवर्सिटी और राष्ट्रीय सेवा योजना की स्वयंसेविका राशि त्रिपाठी का चयन राष्ट्र स्तरीय ’विकसित भारत युवा संसद’ दिल्ली के लिए हुआ है। वहां वह विश्वविद्यालय और प्रदेश का नाम गौरवान्वित करेंगी। दिल्ली युवा संसद में स्वयंसेविका के चयन पर जिला संगठक अधिकारी डॉ. क्रांति मिश्रा, अनंत कुमार सोनी, डॉ. हर्षवर्धन श्रीवास्तव, महेंद्र तिवारी ने शुभकामनाएं दी हैं।

फर्स्ट आई सजल जैन बोलीं
 हजारों किलोमीटर तीर्थ करते हैं 500 मीटर वोट डालने नहीं जाते सजल जैन ने कहा- मैंने जो बात अलग कही थी वे दो बातें थीं। पहली- संशोधन की थी। 75 सालों में संविधान वो संविधान नहीं रहा जो उस समय गढ़ा गया था। वर्तमान का संविधान उस समय से बहुत अलग है। लेकिन, जो हमारी भावनाएं, इच्छाएं हैं। जो हमें आवश्यकताएं हैं उसके अनुरुप उस संविधान में संशोधन होते गए। और आज संविधान हमारे अनुकूल है।

मैंने दूसरी बात रखी थी वो मुख्यत: कर्तव्य की थी। कि हम हजारों किलोमीटर पैदल चलकर तीर्थ यात्रा तो कर लेते हैं। लेकिन, वर्तमान में 500 मीटर की दूसरी तय करके मतदान केन्द्र जाकर मतदान नहीं करते तब हमारे अधिकार तो आगे बढ़ जाते हैं लेकिन, हमारे कर्तव्य पीछे रह जाते हैं।

यति सिसोदिया बोलीं
जिस भिंड की पहचान डाकुओं से थी वो प्रोग्रेस कर रहा सेकेंड रैंक पर सिलेक्ट हुई यति सिंह सिसोदिया पुरस्कार लेकर सभागार से दौड़कर बाहर आईं और मां को फोन किया। यति की आंखों से आंसुओं की धारा बह रही थी। भरे हुए गले से मां को बताया – मैं सेकेंड आई हूं। अब मैं जाऊंगी दिल्ली और वहां कॉम्पटीशन में भाग लूंगी। मोदी जी के सामने जाऊंगी मुझे यकीन नहीं हो रहा। ठीक है बाय।

यति सिंह सिसोदिया ने बताया- मैं मप्र के चंबल क्षेत्र हूं, जो बहुत ज्यादा ही फेमस है अपने डाकुओं के लिए। आज मैं पूरे देश को ये संदेश देना चाहती हूं कि वो क्षेत्र जो कभी डकैती के लिए जाना जाता था। आज प्रगति के लिए जाना जा रहा है। इतने छोटे से भिंड शहर से मप्र की विधानसभा में दूसरा स्थान पाकर भिंड शहर की छोटी सी लड़की यहां खड़ी है।

राशि बोलीं-
पहली बार इतने बडे़ मंच पर बोली, भरोसा नहीं हो रहा तीसरे नंबर पर सिलेक्ट हुई सतना की राशि त्रिपाठी ने बताया- मैं बहुत खुश हूं कि मेरी थर्ड रैंक लग गई। मैंने संविधान की 75 साल की यात्रा के बारे में बताया था। हम किस तरह प्रोग्रेस कर पा रहे हैं जब से हमारा संविधान लागू हुआ तो हम और हमारा देश किस तरह तरक्की कर रहा है। मुझे अभी भरोसा नहीं हो रहा है कि मेरी पोजिशन लग गई है। ये मेरा पहला स्टेट चैंपियनशिप था। इतने बडे़ मंच पर इससे पहले कभी नहीं बोला। मैं दिल्ली के लिए सिलेक्ट हो गई मेरे लिए इससे बड़ी खुशी कोई और नहीं हो सकती। मेरे सिलेक्शन के बाद मुझे ये महसूस हुआ कि मैं बहुत आगे जा सकती हूं।

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