भारत में 21 करोड़ मुसलमान, यदि 50 लाख लोग भी वक्फ बिल का विरोध करें तो फिर इसे रोका जा सकता है- जाकिर नाइक

नई दिल्ली

कट्टरवादी इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक ने प्रस्तावित वक्फ विधेयक का विरोध का किया है। यही नहीं भगोड़े इस्लामिक प्रचारक ने भारत के मुसलमानों को उकसाने की भी कोशिश की है और कहा कि आप लोगों को इसके लिए एकजुट होकर विरोध करना होगा। जाकिर नाइक ने कहा कि मौजूदा भाजपा और उसके गठबंधन की सरकार बीते 10 सालों की तरह ताकतवर नहीं है। इसलिए आप मजबूती से विरोध करेंगे तो उन्हें कदम वापस खींचने होंगे। जाकिर नाइक ने वीडियो जारी करके कहा कि भारत में 21 करोड़ से ज्यादा मुसलमान हैं। यदि उसके ढाई पर्सेंट यानी 50 लाख लोग भी वक्फ बिल का विरोध करें तो फिर इसे रोका जा सकता है।

जाकिर नाइक ने एक लिंक भी जारी किया और मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि आप लोग इसके खिलाफ मतदान करें। जाकिर नाइक ने वक्फ संपत्ति को सिर्फ मुसलमानों की जमीन बताते हुए कहा कि भारत में जमीन के मामले में वक्फ बोर्ड तीसरे नंबर पर है। यह कोई सार्वजनिक संपत्ति नहीं है। यह मैं भारत के गैर-मुसलमानों को बताना चाहता हूं। इसके तहत वे जमीनें आती हैं, जिन्हें मुसलमानों ने ही इतिहास में दान किया है। इसलिए कोई गैर-मुस्लिम इसमें दखल नहीं दे सकता और भारत का संविधान इसकी सुरक्षा देता है। यह मुस्लिम विरोधी सरकार वक्फ बिल के जरिए कुचलना चाहती है।

जाकिर नाइक ने कहा कि इस बार भाजपा उतनी मजबूत नहीं है। वह बीते 10 सालों की तरह मजबूत नहीं है। वहीं विपक्ष अब पहले के मुकाबले अच्छी स्थिति में है। जाकिर नाइक ने कहा कि यदि यह बिल पास हुआ तो फिर हजारों मस्जिदों, मदरसों और कब्रिस्तानों को मुसलमानों से छीना जा सकता है। यदि हम इसे नहीं रोक पाए तो फिर हमारी अगली पुश्तें माफ नहीं करेंगी। वे कहेंगी कि हमारी पुरखों की जमीनों को सौंप दिया गया। यह पूरी उम्मा के लिए फायदेमंद है। जाकिर नाइक अकसर विवादित बयान देता रहा है। धर्मांतरण कराने, हिंदू देवी देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर उस पर सवाल उठते रहे हैं।

भगोड़ा इस्लामिक प्रचारक फिलहाल मलयेशिया में बसा हुआ है और वहीं से अब भी वीडियो जारी करता रहता है। उसके खिलाफ भारत में मनी लॉन्ड्रिंग, नफरत फैलाने और गैर-कानूनी गतिविधियों में हिस्सा लेने के आरोपों में केस दर्ज हैं। वह 2016 में ही भारत छोड़कर भाग निकला था। जाकिर नाइक के भाषण अकसर हिंदू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणियों से भरे रहते हैं। इसी के चलते लोगों ने बड़े पैमाने पर उसका विरोध किया था और सरकार हरकत में आई थी।

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