संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के रूप में घोषित किया

नई दिल्ली
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के रूप में घोषित किया है। इस अवसर पर दिल्ली के मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान में विश्व ध्यान दिवस पर सैकड़ों लोगों ने ध्यान लगाया।

योग अनुसंधान अधिकारी ए. दौरेन सिंह ने बताया, “मैं इस केंद्र में लगभग 25 सालों से काम कर रहा हूं। 21 जून को विश्व योग दिवस मनाया जाता है। साथ ही 21 दिसंबर को अब से विश्व ध्यान दिवस मनाया जाएगा। यह दोनों ही विशेष दिवस हैं। एक साल का सबसे बड़ा दिन है, तो दूसरा साल की सबसे बड़ी रात है। बिना ध्यान के योग अधूरा है। इसलिए हर व्यक्ति को योग करना चाहिए। अभी तक लोगों को लगता था कि योग अलग है, ध्यान अलग है। लेकिन, ध्यान एक योग की ही प्रक्रिया है। जिसको योग करना है, उसके लिए ध्यान जरूरी है। बिना ध्यान के मन शांत नहीं होता है। आजकल की भागम भाग भरी जिंदगी में हर किसी को तनाव और एनजाइटी है। इसलिए मन शांत रखना चाहिए।”

एक अन्य प्रतिभागी सेजल ने बताया, “मैं यहां फाउंडेशन कोर्स की छात्र हूं। मुझे योग सीखते दो महीने हो गए है। हम इसके माध्यम से दुनिया को दिखा रहे हैं कि हमारी जड़ें कहां हैं। आजकल के लोग मानसिक रूप से स्वस्थ महसूस नहीं कर रहे हैं। इसी वजह से योग की भूमिका अहम हो जाती है।”

पीतमपुरा की रहने वाली रजनी अग्रवाल ने कहा, “मैंने यहां से फाउंडेशन कोर्स किया है। इसके बाद मैंने यहां से कई कोर्सेज किए। हम सब योग को बहुत मानते हैं। योग हमारे शरीर को ठीक रखता है। लेकिन, ध्यान हमारे मानसिक तनाव को दूर करता है। इस समय की कार्यशैली की वजह से लगभग हर व्यक्ति तनाव में रहता है। इससे लोगों को कई मानसिक बीमारियां हो जाती हैं। इससे हमारी शारीरिक स्थिति भी खराब हो जाती है। जब तक हम अंदर से शांत नहीं होंगे तब तक हमारा योग करने से कोई मतलब नहीं है। इसमें ध्यान बहुत बड़ी भूमिका निभाता है।”

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button