गाजा में मौत और भूख की कहानी, UN रिपोर्ट ने खोला पोल: 1760 लोग राहत लेने गए और नहीं बचे

गाजा 
गाजा में मानवीय संकट गहराता जा रहा है। राहत सामग्री लेने पहुंचे फिलीस्तीनियों को जिंदा रहने के बजाय मौत का सामना करना पड़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय (UN Human Rights Office) ने शुक्रवार को चौंकाने वाले आंकड़े जारी किए। उसके अनुसार,  27 मई से 13 अगस्त के बीच कम से कम 1,760 फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है। ये लोग या तो खाने-पीने का सामान लेने गए थे या फिर राहत काफिलों की प्रतीक्षा कर रहे थे।

मौत का मैदान बन रहे राहत केंद्र
यूएन रिपोर्ट के मुताबिक, मरने वालों में से 994 लोग खाने-पानी के सेंटर्स के आसपास  मारे गए जबकि 766 लोग राहत काफिलों के रास्ते पर  गोलियों का शिकार बने। एजेंसी ने साफ कहा कि इनमें से अधिकांश मौतें इज़राइली सेना की कार्रवाई में हुईं।गाज़ा की सिविल डिफेंस एजेंसी ने दावा किया कि शुक्रवार को ही इज़राइल की गोलीबारी में कम से कम 38 लोग मारे गए जिनमें 12 वे लोग थे जो मानवीय सहायता का इंतजार कर रहे थे।
 
अमेरिका और इजराइल पर आरोप
फिलीस्तीनी संगठन और स्थानीय लोग आरोप लगा रहे हैं कि अमेरिका और इज़राइल भोजन के नाम पर जाल बिछा रहे हैं । जैसे ही भूखे लोग सहायता के लिए इकट्ठा होते हैं, उन पर गोलीबारी शुरू हो जाती है। इसे मानवीय त्रासदी के बजाय “शिकार का खेल” बताया जा रहा है। वहीं इज़राइली सेना का कहना है कि वह केवल हमास की सैन्य क्षमताओं को खत्म करने के लिए ऑपरेशन  चला रही है और नागरिकों को निशाना बनाने से बचने की कोशिश कर रही है।
 
गाज़ा में नया सैन्य अभियान
बुधवार को इज़राइल के सैन्य प्रमुख ने गाज़ा में नए ऑपरेशन की मंजूरी दी । इसका उद्देश्य हमास को पूरी तरह खत्म करना और सभी बंधकों को छुड़ाना बताया गया है। सेना अब गाज़ा सिटी और आसपास के घनी आबादी वाले शरणार्थी कैंप्स पर नियंत्रण स्थापित करने की योजना बना रही है। इस अभियान को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ी आलोचना हो रही है। यूएन समर्थित विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इज़राइल की नाकेबंदी और मानवीय सहायता पर पाबंदियों की वजह से गाज़ा में तेजी से भुखमरी फैल रही है। गाजा की स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, अब तक इज़राइल की कार्रवाई में 61,827 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं।

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