बलूचिस्तान में हालात बेकाबू! इंटरनेट शटडाउन के पीछे क्या साजिश, पाकिस्तान में गृहयुद्ध के संकेत?

इस्लामाबाद 
पाकिस्तान में इस समय अशांति के दौर से गुजर रहा है। अफगानिस्तान सीमा पर तनाव पहले से ही चरम पर है, वहीं बलूचिस्तान प्रांत में हालात गृहयुद्ध के कगार पर पहुंच चुके हैं। पाकिस्तानी सेना द्वारा आम नागरिकों की हत्याएं और बलोच नेताओं के अपहरण की घटनाओं के बीच बलूचिस्तान में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है। प्रांतीय गृह विभाग के सुरक्षा अलर्ट के बाद, राजधानी क्वेटा को छोड़कर पूरे प्रांत में मोबाइल इंटरनेट सस्पेंड कर दिया गया है। बुधवार को प्रांतीय गृह विभाग द्वारा जारी सुरक्षा अलर्ट के मद्देनजर, मोबाइल इंटरनेट सेवाएं 16 नवंबर तक बंद रहेंगी। इसी तरह, राष्ट्रीय राजमार्ग एन-70 के लोरलाई खंड पर सभी परिवहन सेवाओं को 14 नवंबर तक रोक दिया गया है। एक अधिकारी के अनुसार, यह कदम प्रांत में व्याप्त सुरक्षा चिंताओं और वर्तमान परिस्थितियों के चलते उठाया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा कारणों से क्वेटा के छावनी क्षेत्र के सभी स्कूलों को बुधवार से 16 नवंबर तक बंद कर दिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रांत के ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा पूरी तरह निलंबित रहेगी, जबकि क्वेटा जिले को इससे छूट मिलेगी। हालांकि, क्वेटा के इंटरनेट यूजर्स ने बुधवार से सेवाओं में व्यवधान की शिकायतें की। गृह विभाग ने सभी जिला प्रशासनों, पुलिस और संबंधित अधिकारियों को इस निर्णय का तुरंत पालन सुनिश्चित करने और जनता की सुविधा के लिए वैकल्पिक इंतजाम करने के निर्देश जारी किए हैं।

गौरतलब है कि हाल ही में पाकिस्तान रेलवे ने बलूचिस्तान में सुरक्षा संबंधी आशंकाओं को देखते हुए क्वेटा और पेशावर के बीच चलने वाली जाफर एक्सप्रेस की सेवाओं को रविवार से चार दिनों के लिए स्थगित कर दिया था। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, 9 से 12 नवंबर तक इस ट्रेन की सेवाओं को निलंबित करने का यह अस्थायी निर्णय सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियों की सलाह पर सतर्कता के रूप में लिया गया था।

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