फर्जी मार्कशीट से सरकारी नौकरी पाने का खेल उजागर, MP STF ने किया शिकंजा कसने का काम

ग्वालियर
मध्य प्रदेश एसटीएफ ने शिक्षक भर्ती में हुए बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। बीएड की फर्जी अंकसूचियों के जरिए सरकारी स्कूलों में नौकरी हासिल करने वाले शिक्षकों पर शिकंजा कस दिया गया है। एसटीएफ ने इस मामले में 34 शिक्षकों के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का प्रकरण दर्ज किया है, जिनमें से 8 आरोपी नामजद किए गए हैं।

ग्वालियर के सात शिक्षक शामिल
जानकारी के अनुसार, ये सभी शिक्षक ग्वालियर, मुरैना, शिवपुरी और इंदौर जिलों में पदस्थ हैं। इनमें से ग्वालियर जिले के सात शिक्षक शामिल हैं। एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि इन शिक्षकों ने फर्जी बीएड अंकसूचियों के आधार पर दस्तावेज जमा कर शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के बाद नियुक्ति हासिल की थी।

कई टीचर की एक जैसी मार्कशीट
जांच में पाया गया कि कई शिक्षकों की अंकसूचियां हूबहू एक जैसी थीं। अंकों, विषयों और यहां तक कि क्रम संख्या तक में समानता थी। प्रारंभिक जांच में यह भी खुलासा हुआ कि एक संगठित गिरोह ने बीएड की हूबहू अंकसूचियाँ तैयार कर बेचने का काम किया, जिससे कई अभ्यर्थियों को अवैध रूप से सरकारी नौकरी मिल गई।

मुख्य सरगना की हो रही पहचान
एसटीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गिरोह के मुख्य सरगना और सहयोगियों की पहचान की जा रही है। इनसे जुड़े शैक्षणिक संस्थानों और प्रमाणपत्र जारी करने वाले बोर्डों की भी जांच की जा रही है। जांच एजेंसी को संदेह है कि इस रैकेट का नेटवर्क राज्य के कई जिलों में फैला हुआ है।

कई सर्टिफिकेट निकले फर्जी
जांच के दौरान एसटीएफ ने शिक्षकों के दस्तावेजों को संबंधित विश्वविद्यालयों से सत्यापित कराया, जहां से यह साबित हुआ कि कई प्रमाणपत्र पूरी तरह फर्जी हैं। इसके बाद सभी संदिग्ध शिक्षकों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और शासकीय सेवा में फर्जी दस्तावेजों से प्रवेश लेने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई। फिलहाल एसटीएफ ने संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों को भी पत्र लिखकर इन शिक्षकों की सेवाओं की जांच और निलंबन की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई केवल शुरुआत है, आगे जांच में और भी नाम सामने आने की संभावना है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button