विंध्य-बुंदेलखंड में 15 दिसंबर तक पूरा हो जाएगा तक हर घर नल से जल का संकल्प: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने तय की फेजवार कार्यों की डेडलाइन, तय समयसीमा तक लगाना होगा नल कनेक्शन और कराना होगा थर्ड पार्टी ऑडिट

फील्ड में कार्य कर रही एजेंसियों से मुख्यमंत्री ने किया सीधा संवाद, समस्याएं-अपेक्षाएं सुनीं और कहा समयसीमा और गुणवत्ता का रखें पूरा ध्यान

फेज-2 की 90% पूर्ण परियोजनाओं को फेज-1 के अनुरूप दिसंबर तक पूरा करने के निर्देश

75% पूर्ण कार्य का समापन मार्च 2026 तक कराने का लक्ष्य; समयसीमा और गुणवत्ता पर कोई समझौता नहीं

राज्य में 90,223 करोड़ रुपये लागत की 611 सतही और भूजल स्रोत आधारित योजनाएँ चल रही हैं

85,364 गांवों के 1.98 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को मिला नल कनेक्शन

केंद्र सरकार के नोडल अधिकारियों ने 74 जनपदों में 147 योजनाओं का निरीक्षण किया

शिकायत निवारण: Jalsamadhan पोर्टल और टोल फ्री नंबर से 62,688 शिकायतें, 46,354 का निस्तारण; मुख्यमंत्री ने संतुष्टिपरक निस्तारण के निर्देश दिए

लखनऊ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विंध्य और बुंदेलखंड क्षेत्र के हर घर में नल से शुद्ध जल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 15 दिसंबर 2025 तक की समय सीमा तय की है। उन्होंने कहा है कि इस अवधि तक न केवल नल कनेक्शन लगाया जाना है, बल्कि थर्ड पार्टी ऑडिट भी करा लिया जाए।

इसी तरह, फेज-2 व 3 की जो परियोजनाएं वर्तमान में 90% तक पूर्ण हो चुकी हैं, उन्हें भी फेज-1 के अनुरूप 15 दिसंबर तक पूरा करा लिया जाए। जबकि वर्तमान में 75% तक पूर्ण हो चुके कार्य का समापन मार्च 2026 तक कराने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। यह योजना केवल पेयजल आपूर्ति का कार्यक्रम नहीं, बल्कि जन-स्वास्थ्य, महिलाओं की गरिमा और ग्रामीण जीवन की गुणवत्ता से सीधा जुड़ा मिशन है। योजनाओं की समयसीमा और गुणवत्ता, दोनों पर किसी भी स्तर पर समझौता स्वीकार नहीं होगा। कहीं भी किसी भी स्तर पर धनराशि की कमी नहीं होने दी जाएगी।

मुख्यमंत्री रविवार को ‘जल जीवन मिशन-हर घर नल योजना’ की अद्यतन स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में नमामि गंगे, ग्रामीण जलापूर्ति विभाग, जल निगम और विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं के वरिष्ठ अधिकारियों ने विस्तृत प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। बैठक में जल जीवन मिशन का कार्य कर रहीं विभिन्न एजेंसियों के प्रतिनिधियों की विशेष उपस्थिति रही।

मुख्यमंत्री ने एनसीसी लिमिटेड, लार्सन एंड टुब्रो, मेघा इंजीनियरिंग, पीएनसी इन्फ्राटेक, आईसी इंफ्रा, पॉवर मैक, कल्पतरु प्रोजेक्ट्स सहित अनेक एजेंसियों के प्रतिनिधियों से फील्ड में काम करने के दौरान आ रही चुनौतियों के बारे में जानकारी ली। कार्य की गुणवत्ता, फेजवार अवशेष कार्य, बकाया और भुगतान सहित एजेंसियों से हर आवश्यक विषय पर चर्चा की और गुणवत्ता व समयसीमा का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए।

बैठक में बताया गया कि राज्य में कुल 90,223 करोड़ रुपये लागत की योजनाएँ क्रियान्वित की जा रही हैं, जिनमें 63 सतही स्रोत आधारित और 548 भूजल स्रोत आधारित योजनाएँ शामिल हैं। बैठक में यह भी बताया गया कि अब तक 85,364 गांवों के 1.98 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन प्रदान किए जा चुके हैं। वर्तमान में 34,274 गांवों में नियमित जलापूर्ति की जा रही है।

मुख्यमंत्री को बताया गया कि केंद्र सरकार द्वारा जल जीवन मिशन की अवधि दिसंबर 2028 तक बढ़ाने और परियोजना लागत में वृद्धि करने का प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से कार्यों को निरंतर जारी रखेगी ताकि जनता को योजनाओं का लाभ समय से मिल सके। 

बैठक में बताया गया कि केंद्र सरकार के नामित नोडल अधिकारियों ने देश के 74 जनपदों में 147 योजनाओं का निरीक्षण किया, जिनमें से 132 योजनाएं संतोषजनक पाई गईं। शिकायत निवारण प्रणाली के तहत राज्य द्वारा विकसित पोर्टल https://jalsamadhan.in को 13.5 करोड़ से अधिक बार देखा जा चुका है। पोर्टल पर 62,688 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 46,354 का निस्तारण हो चुका है। साथ ही टोल फ्री नंबर 1800-121-2164 के माध्यम से भी शिकायतें दर्ज की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने शिकायतकर्ताओं के समस्याओं का संतुष्टिपरक निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button