मालदीव के नए राष्ट्रपति का झुकाव चीन की तरफ, सीक्रेट तरीके से चीन बना रहा सैन्य अड्डा?

माले
मालदीव की सत्ता में आने के बाद मोहम्मद मुइज्जू ने भारत विरोधी कदम उठाए हैं। मुइज्जू का झुकाव लगातार चीन की ओर बढ़ता जा रहा है। मालदीव में चीन का आना भारत की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है। इस बात का खतरा जताया जा रहा है कि चीन कृषि प्रोजेक्ट की आड़ में गुप्त रूप से नौसैनिक अड्डा बना रहा है। प्रमुख विपक्षी दल मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) के अध्यक्ष फैयाज इस्माइल की ओर से किए गए दावों के मुताबिक चीन उथुरु-थिला-फाल्हू (UTF) एटोल पर एक सैन्य परियोजना पर काम कर सकता है।

पिछले महीने 28 मार्च को चीन की हार्बर इंजीनियरिंग कंपनी ने UTF के सबसे उत्तरी द्वीप पर एक कृषि आर्थिक जोन (AEZ) परियोजना के निर्माण के लिए मालदीव औद्योगिक विकास मुक्त क्षेत्र (MIDF) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किया। चाइना हार्बर इंजीनियरिंग कंपनी का चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ गहरे संबंध होने का संदेह है। यह वही कंपनी है, जिसने श्रीलंका में घाटे में चल रहे हंबनटोटा बंदरगाह के निर्माण की देखरेख की थी, जिसे अब 99 साल के लिए चीन को लीज पर दिया गया है।

पेड़ नहीं लगाएगी चीन की कंपनी

फैयाज इस्माइल का दावा है कि चीनी कंपनी चाइना हार्बर इंजीनियरिंग कंपनी पेड़ नहीं लगाएगी, बल्कि सैन्य कार्य करेगी। उन्होंने चीन की ओर इशारा करते हुए कहा कि वह यहां एक बड़े देश का सैन्य कार्य करने के लिए आ रहे हैं। UTF में सैन्य परियोजना चिंता पैदा करने वाली बात है, क्योंकि माले में आने वाले किसी भी शिपिंग की एटोल से आसानी से निगरानी की जा सकती है। चीन की ओर से 'सैन्य अड्डा' बनाने का दावा तब आ रहा है, जब मुइज्जू लगातार भारत से संबंध खराब कर रहे हैं।

भारत विरोध करते हैं मालदीव के राष्ट्रपति

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने अपना चुनाव भारत विरोध के दम पर लड़ा। मालदीव ने इंडिया आउट अभियान चलाया। मालदीव के राष्ट्रीय रक्षा बल (MNDF) को भारत ने उपहार में कई सैन्य उपकरण दिए थे। इनके रखरखाव के लिए मालदीव में भारतीय सैनिक तैनात हैं। इसका जिक्र करते हुए मुइज्जू ने कहा कि 10 मई के बाद कोई भी भारतीय सैनिक उनके देश में नहीं रहेगा। भारत मालदीव को उथुरु-थिला-फाल्हू एटोल पर मालदीव तटरक्षक बल के लिए एक हार्बर बनाने में मदद कर रहा है। फैयाज का दावा अगर सही है तो चीन की ओर से हिंद महासागर में एक बड़ा खतरा पैदा हो रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button