द इनसाइडर्स स्पेशल: मोदी सरकार का अभियान ‘प्रशासन गांव की ओर’, पर आईएएस अफसर चले राजधानी की ओर

मध्यप्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में गफलत, आईएएस मीट के लिए राजधानी आने का फरमान माने या 'प्रशासन गांव की ओर' में सक्रिय रहे

कुलदीप सिंगोरिया @9926510865
भोपाल| मध्यप्रदेश सरकार के दो आदेशों से आईएएस अफसरों में गफलत और रोष की स्थिति बन गई है। पहला आदेश आईएएस अफसरों की सालाना सर्विस मीट में शामिल होने का है। इसी बीच एक और दूसरा आदेश केंद्र सरकार के एक अभियान की तारतम्य में जारी हो गया है। पहले आदेश में अफसरों को सर्विस मीट के लिए भोपाल पहुंचना है। जबकि दूसरे आदेश में इसके उलट गांवों तक अफसरों को पहुंच कर सुशासन की थीम पर काम करना है।

अफसरों की दिक्कत यह है कि सर्विस मीट में शामिल होते हैं तो दूसरे आदेश की अवहेलना हो जाएगी। यदि दूसरे आदेश को मानते हैं तो सालाना मिलन कार्यक्रम का आनंद खटाई में पढ़ जाएगा। साथ ही, सर्विस मीट की रंगत भी फीकी पड़ जाएगी। इस गफलत के बीच शुक्रवार को भोपाल में प्रशासन अकादमी में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आईएएस सर्विस मीट का शुभारंभ किया।

यह भी पढ़ें : द इनसाइडर्स एक्सपोज: मोदी सरकार की जांच रिपोर्ट; मोहन सरकार ने जल जीवन मिशन में ग्रामीणों को पिलाया गंदा पानी, फर्जी दस्तावेज भी लगाए

क्या है पूरा माजरा
सामान्य प्रशासन विभाग ने 17 दिसंबर को सभी आईएएस अफसरों के लिए एक पत्र जारी किया है। इसमें उन्हें 20 से 22 दिसंबर तक राजधानी में चलने वाली आईएएस सर्विस मीट में शामिल होने की अनुमति दी गई। यह अनुमति इस शर्त पर दी गई है कि जिले की कानून व्यवस्था की मौजूदा स्थिति का आंकलन करने के बाद ही सर्विस मीट में शामिल होंगे। इसके ठीक एक दिन बाद 18 दिसंबर को सामान्य प्रशासन विभाग ने एक और आदेश जारी किया। इसमें भारत सरकार के पत्र की जानकारी देते हुए बताया गया कि 19 दिसंबर से 24 दिसंबर तक सुशासन सप्ताह मनाया जाए। 19 दिसंबर को इसका वर्चुअल शुभारंभ भी किया जाएगा। इसकी थीम प्रशासन गांव की ओर 2024 रखी गई है। भारत सरकार के पत्र के आधार पर गांवों में विशेष शिविर से लेकर सुशासन के काम किए जाएंगे।

यह खबर भी पढ़ें : द इनसाइडर्स: बाबू कर रहा आईएएस को रिश्वत देने-लेने की कंसल्टेंसी, पूर्व आईपीएस की कंपनी ने किया कमाल, “संस्कृति” से रोशन हुआ कलेक्टर बंगला

किरकिरा हो गया मजा
अब अफसरों के सामने पशोपेश यह है कि 20 तारीख से आईएएस मीट में शामिल हो या फिर जिले में रहकर सुशासन अभियान चलाएं। इसके चलते कई जिलों के अफसरों ने भोपाल आने का कार्यक्रम रद्द कर दिया है। जबकि कुछ भोपाल पहुंच चुके हैं। कई अफसर इस बात से खफा है कि आईएएस मीट को सुशासन अभियान के बीच में क्यों रखा है? तो कई सुशासन अभियान की सफलता के लिए चिंतित हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button