The Insiders Special: शिरीष मिश्रा की तरह पीएचई ईएनसी सोनगरिया भी हट सकते हैं, 25 को हाईकोर्ट करेगा सुनवाई
जल निगम के ईएनसी संजय कुमार अंधवान ने हाईकोर्ट में पीएचई के के.के. सोनगरिया की ईएनसी पद पर संविदा नियुक्ति के मामले में याचिका दायर की है।

भोपाल/जबलपुर | जल संसाधन विभाग में संविदा पर इंजीनियर-इन-चीफ (ईएनसी) रहे शिरीष मिश्रा की तरह अब लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) के ईएनसी के.के. सोनगरिया भी पद छोड़ सकते हैं। ऐसी अटकलें हाईकोर्ट में उनके खिलाफ चल रहे एक मामले के कारण लगाई जा रही हैं। 20 मार्च को हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने केस नंबर WP 13195/24 को 25 मार्च की टॉप ऑफ द लिस्ट में रखा है। यह मामला जल निगम के ईएनसी संजय कुमार अंधवान द्वारा दायर याचिका से संबंधित है, जिसमें पीएचई के ईएनसी के.के. सोनगरिया की संविदा नियुक्ति को चुनौती दी गई है।
20 मार्च को जस्टिस संजय द्विवेदी की बेंच में इस याचिका पर सुनवाई हुई। बेंच ने सोनगरिया के वकील द्वारा जवाब दाखिल करने की अपील को स्वीकार करते हुए 25 मार्च को केस को टॉप ऑफ द लिस्ट में शामिल किया है। कोर्ट की प्रक्रिया से जुड़े एक इनसाइडर के अनुसार, संभावित फैसला सोनगरिया के पक्ष में नहीं था। इसलिए 25 मार्च को फिर से सुनवाई रखी गई है। यदि इस बीच आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए गए, तो सोनगरिया स्वयं ही पद छोड़ सकते हैं। वहीं, विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव होने के बावजूद वे गुरुवार रात इंदौर चले गए और शुक्रवार को विधानसभा के बजाय उज्जैन में मौजूद थे।
शिरीष मिश्रा मामला क्या है?
जल संसाधन विभाग में सरकार ने जूनियर अधीक्षण यंत्री शिरीष मिश्रा को सेवानिवृत्ति के बाद संविदा नियुक्ति देकर ईएनसी और चीफ इंजीनियर की जिम्मेदारी सौंपी थी। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के इस निर्णय को गलत करार दिया था। कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि संविदा पर नियुक्त व्यक्ति के बजाय फीडर कैडर के वरिष्ठ अधिकारी को ही इस पद का प्रभार दिया जाएगा। इसके बाद, राज्य सरकार ने मिश्रा को हटाने का आदेश जारी किया था। गौरतलब है कि मिश्रा की संविदा नियुक्ति के कारण उनसे वरिष्ठ और नियमित सीनियर अधीक्षण यंत्री जोश सिंह कुशरे एवं विनोद सिंह टेकाम ने हाईकोर्ट में अपील की थी, जिसके आधार पर यह निर्णय आया था।
इस फैसले का अन्य संविदा नियुक्तियों पर असर
शिरीष मिश्रा मामले में कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया था कि किसी सेवानिवृत्त व्यक्ति को एक पद ऊपर संविदा नियुक्ति नहीं दी जा सकती। ऐसा करने से मौजूदा कर्मचारी एवं अधिकारियों के अधिकारों का हनन होता है। इसी तर्क को आधार बनाकर संजय कुमार अंधवान ने हाईकोर्ट में के.के. सोनगरिया की संविदा नियुक्ति को चुनौती दी है।