द इनसाइडर्स : गांजे की शौकीन मैडम दे रही कलेक्टर को सलाह, आईएएस अफसर का कमीशन चोरी कर रहा जूनियर

द इनसाइडर्स में ब्यूरोक्रेट्स और पॉलीटिशियन के चुटीले किस्से पढ़िए...

कुलदीप सिंगोरिया। चौथी दुनियां। अर्थात हम पत्रकारों की दुनियां। हम क्या हैं ये सिर्फ गुणी लोग ही समझ पाते हैं। नासमझ को कौआ और कोयल एक से दिखते हैं। इन सबके बीच हमारा काम है समाज को यथार्थवादी आईना दिखाना। इसमें नेता, अधिकारी कर्मचारी और जनता सभी आते हैं। बस इस यथार्थवादिता को लोग आलोचना की जगह निंदा समझ लेते हैं और फिर उस पत्रकार को प्रताड़ना के सलीब पर टांगने की कोशिश की जाती है। जबकि उस शासक वर्ग को याद रखना चाहिए…
“निंदक नियरे राखिए आंगन कुटी छवाय…बिन पानी बिन साबना निर्मल करे सुभाय..”
बहुतायत को कबीर का ये दोहा समझ आता है। पर कुछ होते हैं, विशेष रूप से नई पीढ़ी के। उन्हें समझ नहीं आता। उनके लिए तुलसीदास लिखते हैं – “प्रभुता पाये काहू मद नाहीं” और समरथ को नहीं दोष गुसाईं’। लिहाजा, इसी तर्ज पर अफसर राजतंत्र के जमाने वाले राजा की तरह व्यवहार करने लगते हैं। लिहाजा, उनके वरिष्ठों को ऐसे अफसरों को याद दिलाना चाहिए कि
‘पुरुष बलि नहीं होत है, समय होत बलवान।
भीलन लूटीं गोपियां, वही अर्जुन वही बाण।’
लेकिन सत्य तो यही है कि खट्टे मीठे अनुभव हमारी खबरों को और चटपटा तीखा कर देतें हैं ..तो प्रस्तुत है आज का ‘द इनसाइडर…’

गांजे वाली मैडम दूसरे के कंधे पर बंदूक रख रही
पत्रकार के परिवार को निशाना बनाकर खुश हो रही नर्मदा किनारे वाले जिले की कलेक्टर मैडम के पीछे कौन है? यह सवाल मंत्रालय के गलियारों में गूंज रहा है। तो इसके जवाब के रूप में इस पहली किस्त में पहले किरदार का खुलासा करते हैं। मैडम की सहेली है एक अन्य जिले की कलेक्टर मैडम। यह मैडम मालवा के एक जिले में पदस्थ हैं। यह अपने ड्राइवर से लेकर कई पुरुषों पर प्रताड़ना के आरोप लगा चुकी हैं। गांजा और फ्लेवर्ड ई सिगरेट की शौकीन हैं। यही पर्दे के पीछे पत्रकारों को परेशान करने की रणनीति बनाती हैं। और नर्मदा किनारे वाले जिले की कलेक्टर मैडम के कंधे पर बंदूक रख निशाना लगा रही हैं। मैडम, अच्छे से निशाना लगाइए। चूका तो फिर तय मानिए कि यह बैक फायर ही करेगा। वहीं, इन्होंने अपने मन से ही मान लिया है कि अमुक-अमुक अधिकारी पत्रकारों के सोर्स हैं। और इसी आधार पर उनसे लड़ भी चुकी हैं। मैडम को सिर्फ इतनी सी सलाह है कि सोर्स या इनसाइडर के नाम आप तो क्या हमारे खुद के परिवार के सदस्य भी पता नहीं कर पाएंगे। इसलिए पत्रकारों पर एक्शन जरूर लीजिए। बदलापुर कीजिए। पर याद रखिए नौकरी में आप हो, हम नहीं। और गलतियां इंसान से ही होती है। तब हमारी नजर पड़ना लीजिमी होगा।

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मंत्री ने दी इस्तीफे की धमकी
मालवांचल से आने वाले भाजपा के कद्दावर नेता और राज्य सरकार में बड़े विभाग के मंत्री जी सरकार से नाराज हो गए हैं। उनकी नाराजगी इतनी ज्यादा बढ़ गई कि एक दिन उन्होंने सरकार को इस्तीफे की धमकी दे दी। अभी चुनाव तक मंत्री जी को मना लिया गया लेकिन दीपावली के बाद बम कभी भी फूट सकता है। मंत्री जी इसलिए नाराज हैं कि उनके विभाग में उन्हीं की चल नहीं पा रही है। बता दें कि मंत्री के पुत्र बहुत अच्छी बल्लेबाजी कर लेते हैं। उनके बल्लेबाजी वाला वीडियो बहुत वायरल है। मंत्री जी की एक और खासियत है कि उन्हें यारी पसंद है या खारी। 

प्रदेश अध्यक्ष के लिए शुरू हुई लॉबिंग
भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा? इस पर लगातार मंथन चल रहा है। एक इनसाइडर ने बताया कि केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधायक रामेश्वर शर्मा का नाम आगे बढ़ाया है। जबकि वर्तमान अध्यक्ष बीडी शर्मा ने विधायक भगवान दास सबनानी का। नगरीय विकास एव आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी इस दौड़ में शामिल है। हमारा इनसाइडर भी एक मंत्री है। यानी उनकी बातों में कितना दम है, यह आप खुद तय कीजिए।

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पत्नी की पीड़ा, पति का कमीशन जूनियर खा रहा
उद्योगों से संबंधित एक विभाग के मुखिया की पत्नी को शक है कि उनके पति को पूरा कमीशन नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने अपनी सहेलियों को बताया कि पति के कमीशन वाले हिस्से में एक जूनियर अधिकारी चोरी कर रहा है। सहेलियों को चोरी करने वाले जूनियर अफसर का नाम भी बताया है। अफसर की पत्नी जल्द ही जूनियर अफसर को तलब कर पाई-पाई का हिसाब लेंगी।

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पूर्व बड़ी मैडम के खास अफसर ने महिला अफसर को किया तंग
दहेज प्रताड़ना के केस में आरोपी रहे एक आईएएस अफसर की बैटिंग की चर्चा द इनसाइडर के पिछले अंक में की थी। अब इसके बारे में एक और इनसाइडर ने बताया कि अफसर से तंग आकर इसी संस्थान में कार्यरत महिला आईएएस अफसर लंबी छुट्‌टी पर चली गई हैं। उनके छुट्टी पर जाते ही कमीशनखोरी के लिए जमकर पैसा खर्च किया जा रहा है। अफसर पहले से बने आलीशान चैंबर को तोड़कर नया चैंबर भी बनवा रहा है। मुख्यसचिव महोदय ने हाल ही में एक मीटिंग में जिन शार्कों का जिक्र किया था, उनसे से एक यह अफसर भी है।

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प्रमुख सचिव से छिनेगा आदिवासियों वाला विभाग
एक प्रमुख सचिव जो कि नारी प्रेमी हैं, उनसे जल्द ही आदिवासियों से संबंधित विभाग छिन सकता है। उनसे सिर्फ गौ सेवा से संबंधित काम ही कराया जाएगा। क्योंकि वे पूर्व बड़ी मैडम के खास थे। अब उन्हीं बड़ी मैडम के कारण प्रमुख सचिव महोदय को नुकसान हो सकता है।

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कप्तान साहब फिर फिसड्‌डी
हमारे कप्तान साहब एक बार फिर फिसड्‌डी साबित हुए। मस्का लगाने और पीआर शिप करने में माहिर कप्तान साहब मुख्यमंत्री के कामों में इस बार फिर चूक कर गए। हाल ही में मुख्यमंत्री कार्यालय में समीक्षा में मॉनिट के ए और ए प्लस की नोटशीटों कप्तान साहब की पेंडेंसी सबसे ज्यादा निकली। कप्तान साहब का अगले महीने रिटायरमेंट है। यही हाल रहा तो उनके एक्सटेंशन की प्लानिंग पर संकट आ सकता है।

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आचार संहिता महाराष्ट्र में, हलाकान मध्यप्रदेश का अफसर
लड़ाई ईरान और इजरायल की होती है और शेयर बाज़ार हिन्दुस्तान का डूब जाता है। ऐसा ही कुछ ही हो रहा है पानीदार विभाग के सबसे बड़के इंजीनियर बाबू उर्फ हमारे संविदाधारी कृष्ण के साथ। हालांकि, इनका चाल चरित्र और नीयत स्पष्ट है। यह तीनों शब्द एकाकार होकर धन, धन और सिर्फ धन हो गया है। विभाग के ऑफिस में इनके एक प्रिय पात्र हैं “खजांची खरे” होने को तो लिपिक हैं पर स्वयं भोपाल में तीन फॉर्म हाउस, SUV, पॉश कॉलोनी में बंगले के मालिक हैं। साहब को डायरी में हिसाब नोट करवाने की जिम्मेदारी इनकी हैं क्योंकि इतना पैसा आता है कि आजकल साहब भूल जाते हैं। इसके बाद संविदाधारी बंगले पर कृष्णा सिक्योरिटी के गार्ड्स की सुरक्षा में दोनों हाथ से लगान वसूलते है। अब समस्या ये है कि पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में चुनाव आचार संहिता लग गई है। अब आप सोच रहे होंगे कि इससे संविदाधारी को क्या परेशानी?
दरअसल संविदा कृष्ण की और इनके बेटे की दोनों की ससुराल महाराष्ट्र में है और इन्होंने अपने प्रमुख इंवेस्टमेंट्स प्रदेश की जांच एजेंसियों से बचने के लिए महाराष्ट्र में कर रखे हैं। इतना ही नहीं, MH 18 नंबर की गाड़ियों से माल पहुँचवाते रहते हैं। आचार संहिता लगने से अब ऐसा कर पाना असम्भव सा हो गया है। लिहाजा, अब इनके गण हवाला वालों को ढूंढ रहे हैं।

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