द इनसाइडर्स : विधायक के साथ किया छल, मिला पूर्व बड़े साहब का संग; आईएएस अफसर का बेटा वसूल रहा कमीशन

द इनसाइडर्स में इस बार पढ़िए सत्ता यानी पावर में गोते खा रहे ब्यूरोक्रेट्स और पॉलिटिशियन के किस्से

कुलदीप सिंगोरिया | प्रसिद्ध साहित्यकार सआदत हसन मंटो अपनी कहानी तिघड़ा में कहते हैं ‘एक कुर्सी के लिए आदमी कितने चेहरे बदलता है, इसे कोई नहीं देखता है।’ आप समझ ही गए होंगे कि हमने इस बात का जिक्र क्यों किया! न समझे तो बता दें कि नए मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कार्यभार संभाल लिया। उनके आदेश जारी होने से पहले जो कुछ हुआ वह किसी फिल्मी कहानी और राजनीति में होने वाले सत्ता संघर्ष की तरह था। इस पर जिक्र फिर कभी। फिलहाल, हर तरफ जिक्र और चर्चा है कि क्या कुर्सी के चेहरे बदले हैं? यह तो सीएस महोदय ही जानें। लेकिन उनकी पोस्टिंग से कई सारे समीकरण जरूर गड़बड़ा गए हैं। इस उथलपुथल के बीच चुटीले और दिलचस्प अंदाज में पढ़िए आज का ‘द इनसाइडर्स’…

1. विधायक के बेवफा साथी के साथ पूर्व बड़े साहब की कैमेस्ट्री
कटनी जिले के एक विधायक के पार्टनर और उनकी बेनामी संपत्ति पर कब्जा जमाने की कोशिश कर रहे एक व्यक्ति की पूर्व बड़े साहब के साथ जमकर छन रही है। हमने पिछले अंकों में बताया था कि पूर्व बड़े साहब ने रिटायरमेंट के बाद चंदनपुरा और फतेहपुर डोबरा में 215 करोड़ रुपए की जमीन खरीदी है। जाहिर है कि इतना बड़ा लेनदेन वे खुद तो नहीं कर सकते हैं। इनसाइडर्स ने तफ्तीश की तो पता चला कि विधायक के साथ छल करने वाले व्यक्ति की कंपनी ने बड़े साहब के लिए रकम का बड़ा हिस्सा जुटाया था। साहब ने यहां तीन कंपनियों के नाम से जमीन खरीदी है। इनके प्रमोटर्स में साहब का नाम नहीं है लेकिन उनसे जुड़े हुए लोगों के नाम हैं।

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2. बड़ी मैडम को दोहरा झटका लगा
बड़ी मैडम रिटायर हो गईं। पहले उन्हें एक्सटेंशन की उम्मीद थी। यह नहीं हुआ तो सरकार से कम से कम चुनाव कराने वाली संस्था में नियुक्ति मिलने की ख्वाहिश थी। सरकार ने उनकी दोनों ही इच्छाओं को दफन करते हुए तीसरा झटका दे दिया। सरकार ने उनकी जगह पर जिस अफसर की पोस्टिंग की है, उनसे मैडम को तवज्जो भी नहीं मिलेगी।

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3. ‘भगवान’ भरोसे हो रहा है पीएचक्यू का प्रबंध
पीएचक्यू में प्रबंधन से संबंधित काम देखने वाली शाखा का काम ‘भगवान’ भरोसे हो रहा है। यहां इन दिनों एक एसपी से नीचे के अफसर से ‘भगवान’ का काफी लगाव माना जा रहा है। अब भगवान के कहने को भला कौन टाल सकता है? इसलिए कृपा वहीं बरस रही है, जहां भगवान कहते हैं। पहचान के लिए आपको बता दें कि यह बिना बाल वाले एआईजी साहब हैं। इन दिनों वे एक और गिरी हुई हरकत कर रहे हैं। बीमार ड्राइवर्स यदि छुट्टी का आवेदन करते हैं तो उनके परिवार के सामने हड़का देते हैं।

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4. हॉस्पिटल की मुराद नहीं हो पाएगी पूरी
जल्द ही रिटायर हो रहे पुलिस के मुखिया अपने रहते हुए पुलिस हॉस्पिटल का उद्घाटन करना चाहते हैं। मंशा तो अच्छी है लेकिन हॉस्पिटल के टेंडर के लिए कोई आने को ही तैयार नहीं। कोई नहीं आया तो टेंडर को कई भागों में तोड़ा और अलग-अलग मशीनों का अलग-अलग टेंडर लगाया। फिर भी कोई नहीं आया। अब साहब की फेयरवेल से पहले संबंधित अफसर कैसे भी ये टेंडर लगाने की कोशिश में जुटे हैं।

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5. कलेक्टर पर बिफरे सांसद
सरकार के सीनियर आईएएस अफसर ने नर्मदा किनारे वाले तीन जिलों की एक बैठक ली। इसमें सांसद और विधायक के साथ जिलों के अफसर भी थे। दो सांसदों ने महिला कलेक्टर की जमकर खबर ली। एक सांसद महोदय ने कहा कि रेत का अवैध परिवहन किसके संरक्षण में हो रहा है। रेत के लिए प्राइवेट बेरियर लगाने की भी मुखालफत करते हुए जिला प्रशासन पर कई आरोप लगा दिए। एक अन्य सांसद ने भी जानकारी न देने पर लापरवाही और मनमानी का आरोप जड़ दिया। सीनियर अफसर ने मौके की नजाकत समझ जैसे-तैसे मामला संभाला। यह वही कलेक्टर मैडम हैं, जिन पर विपक्ष के नेता ने भी पैसे देकर पोस्टिंग का आरोप लगाया था।

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6. मेरा तबादला रद्द कराओ
कमाई वाले जिले में पदस्थ एक आईएफएस का तबादला पिछले दिनों हो गया। इसे रुकवाने के लिए वे लाखों रुपए लेकर भाजपा के प्रदेश पदाधिकारियों से लेकर वन मंत्री के खासमखास लोगों की दर पर दस्तक दे रहे हैं। उन्हें पुख्ता यकीन है कि उनकी कोशिश रंग लाएगी। जिले की पहचान के लिए बता दें कि यहां से प्रदेश भाजपा के सबसे बड़े पदाधिकारी चुनाव जीते हैं। अफसर यहां अपनी सेवा राशि के लिए बहुत ख्यात रहे हैं। उन्होंने नवनिर्मित सीएफ कार्यालय के निर्माण का कार्य भी अपने नजदीकी रिश्तेदार से करवाया था।

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7. कहीं ये वो तो नहीं..
भोपाल के मशहूर शायर बशीर बद्र ने एक शेर है – तवारीख की नज़र ने एक ऐसा भी दौर देखा है…लम्हों ने ख़ता की थी और सदियों ने सजा है पाई। ऐसे ही कुछ कर्म लौट-लौट कर पानी से जुड़े विभाग के बड़के इंजीनियर संविदाधारी कृष्ण को आजकल परेशान कर रहे हैं। परेशानी दो तरह की है। पहली वल्लभ भवन के नर नारायण साहब के मिज़ाज से है। ‘नर’ नारायण या ‘हरि’ साहब सारे काम तो हमसे करवाते हैं और अब जब 1100 करोड़ का फण्ड आया तो बहुत बड़ा हिस्सा अरेरा हिल्स वाली सौतन संस्था की झोली में डाल दिया। ज्ञात हो कि इसी संस्था के PD के पद को संविदा कृष्ण ने अपने सेवा काल में बार बार ठुकराया था और अब उसी के लिए आहें भर रहे हैं। दूसरा मसला कुछ निजी किस्म का है। संविदा कृष्ण उस विभीषण की तलाश में हैं जिसने साहब की विदिशा की पोस्टिंग के दौरान के पानी की टंकी के नीचे की “सोनी सी रास लीला” के पुराने प्रसिद्ध किस्से को सार्वजनिक कर दिया हैं। अब हर मिलने वाले पुराने शख्स को वो विचारों में तौलते हैं कि कहीं ये वो (विभीषण) तो नहीं…

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8. यादव जी के बेटे भी वसूली में बंटा रहे हाथ
खाने-पीने के सामानों से संबंधित विभाग के एक निगम के मुखिया की बैटिंग की जानकारी आपको पिछले अंक में दी गई थी। यादव सरनेम वाले अफसर ने बैटिंग में मदद के लिए बेटे को भी शामिल कर लिया। बेटे पिता का आदेश लेकर जिलों में वसूली करता है। कार में ही रिश्वत की रकम लेकर गिनी जाती है। यदि 100 रूपए भी कम हो तो पिता को फोन लगा दिया जाता है। वैसे यादव जी की कोशिश है कि निगम में होने वाले कामों में बेटे को भी ठेका दिलवा कर स्थायी बिजनेस किया जाए।

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9. मौत का सौदा करने वाले पंडित जी का पूरा परिवार सेवामयी
प्रदेश की दूसरी बड़ी शहर सरकार के पंडित जी कथा आप भूल गए तो पुराने अंक को पढ़ लीजिए। द इनसाइडर्स में प्रकाशित कॉलम के बाद सरकार ने इन्हें कुत्ते पकड़ने वाले काम में लगा दिया था और इनके खिलाफ एक जांच भी शुरू कर दी थी। अब खबर यह है कि यह साहब इतने कर्तव्यनिष्ठ हैं कि अपने पूरे परिवार को शहर सरकार की सेवा में लगा रखा है। जुलाई के वेतन पत्रक से यह दिखाई भी देता है। उनकी धर्मपत्नी यानी पंडिताइन महोदया ने पूरे 31 दिन काम किया। सूत्रों ने बताया है कि पंडितजी की मिश्रा से तिवारी हुई पुत्री का विवाह कई वर्ष पहले राजधानी से बाहर हो चुका है, लेकिन वेतन नगर निगम से प्राप्त हो रहा है।

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10. 80 फर्जी मरीजों को बताया था ब्लास्ट के पीड़ित
पूर्व कृषि मंत्री के क्षेत्र वाले जिले में सिविल सर्जन बेखौफ होकर बैटिंग कर रहे हैं। अब इनके बारे में एक और खुलासा यह है कि जब यहां एक पटाखा फैक्ट्री में जबरदस्त ब्लास्ट हुआ था, तब इन महोदय ने अस्पताल में 80 फर्जी मरीजों को इस हादसे का पीड़ित बता दिया था। इसके लिए डॉक्टर साहब ने सभी से मुआवजे का आधा हिस्सा देने की शर्त रखी थी। इनकी बैटिंग को देखते हुए कलेक्टर साहब ने भी ऊपर शिकायत की है।
हमसे संपर्क करें :- 9926510865

 

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