द इनसाइडर : पूर्व आईएएस की काली कमाई हाउसिंग प्रोजेक्ट में लगेगी, पीएस की नजर मेडिकल स्टोर्स पर
द इनसाइडर: आपके लिए लाया है सत्ता के गलियारों की वो खबरें जो बताएंगी इसके पीछे होने वाले असल खेल
कुलदीप सिंगोरिया. सत्ता के गलियारों में इन दिनों पुराने बड़े साहब का नाम चर्चा में है. द इनसाइडर के पास उनके अलावा एक प्रमुख सचिव के दलाल, कद्दावर मंत्री की कमीशनखोरी और विधायक और डॉक्टर साहिबा की अंतरंग मित्रता के भी किस्से हैं. पढ़िए इन किस्सों को और लीजिए चटखारे…
भूतपूर्व हो चुके बड़े साहब की नजर टाइगर मूवमेंट क्षेत्र पर, बनाएंगे हाउसिंग प्रोजेक्ट
पूर्व बड़े साहब नई सरकार के आते ही बेरोजगार हो गए हैं. बेरोजगारी खत्म करने के लिए उन्होंने एक अध्यात्मिक सेंटर खोल लिया. इन्वेस्टमेंट के हिसाब से बड़े साहब को इसमें कमाई कम लग रही है. लिहाजा, पूर्व आईएएस नए धंधे में उतर रहे हैं. अपने एक खास बिल्डर के जरिए वे राजधानी के टाइगर मूवमेंट वाले चंदनपुरा में आलीशान हाउसिंग प्रोजेक्ट ला रहे हैं. यह एरिया लो डेंसिटी वाला भी है इसलिए यहां पर 10 हजार वर्ग फीट से ज्यादा आकार के प्लॉट काटे जाएंगे.
आईएएस के दलाल ने दी मेडिकल संचालक को धमकी
एक प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी का दलाल इन दिनों चर्चा में है. अस्पतालों से ऊगाही करने वाला यह दलाल हाल ही में राजधानी के एक मेडिकल संचालक को धमकी देने पहुंच गया. दलाल ने निजी अस्पताल के संचालक में से एक पार्टनर को धमकी दी कि वो यह मेडिकल स्टोर्स छोड़ दें क्योंकि अब प्रमुख सचिव के खास व्यक्ति इस स्टोर्स का संचालन करेंगे. संचालकों को अपने खून पसीने की कमाई को यूं ही किसी को देने का इरादा नहीं था. लिहाजा, उन्होंने दलाल को घेर लिया और फिर ऐसा तमाशा खड़ा किया कि उसे उलटे पांव लौटना पड़ा. हालांकि कोशिशें अभी जारी है.
डॉक्टर साहिबा पर फिदा हुए विधायक
राजधानी के एक विधायक और एक डॉक्टर साहिबा की मित्रता परवान चढ़ रही है. विधायक ने बीएमओ रही डॉक्टर को सीएमएचओ बनवाया है. यही नहीं, अब वे कभी भी अपनी इन डॉक्टर साहिबा के पास मित्रता की पींगे बढ़ाने के लिए राजधानी से 150 किमी दूर उनके पदस्थापना जिले में पहुंच जाते हैं. डॉक्टर साहिबा भी विधायक का रोब दिखा जमकर रसूख दिखाती हैं. गौरतलब है कि इस बार यह विधायक मंत्री बनते बनते रह गए थे.
कद्दावर मंत्री की करतूत पकड़ाई, सीएम ने रुकवाया परमिशन का खेल
शहरों से सटे क्षेत्रों में विकास बाधित न हो, इसके लिए सरकार ने नई परमिशन जारी करने का अच्छा फैसला लिया. लेकिन इसकी आड़ में शुरू हो गई कमीशन बाजी. इस खेल में एक कद्दावर मंत्री भी शामिल हो गए. मंत्री जी की इस करतूत का जब मुख्यमंत्री को पता चला तो उन्होंने तत्काल परमिशनों पर रोक लगवा दी. साथ ही, अफसरों को हिदायत दी कि इन परमिशनों के लिए जल्द ही नए प्लान लाए जाएं ताकि लोग परेशान न हों
वापसी का डर दिखा वसूला पुराना कमीशन
एक शहर सरकार में बेहद पॉवरफुल पोस्ट पर पदस्थ रहे वित्त अधिकारी अभी लूप लाइन में है. अब वे दोबारा पॉवर में लौटने की धमकी देकर कमीशन वसूल रहे हैं. वे कह रहे हैं कि चुनाव आयोग में शिकायत की वजह से वे हट गए. उनके संबंध नागपुर से इतने मजबूत हैं कि दोबारा चुनाव के बाद पोस्टिंग हो जाएगी. इसलिए, यदि किसी ठेकेदार ने कमीशन नहीं दिया तो उसे देख लिया जाएगा. वैसे, इन महाशय का रसूख इतना है कि ठेकेदारों ने मय आडियो समेत आईएएस रहे कमिश्नरों को शिकायत की लेकिन सुनवाई नहीं हुई. हर आईएएस व नेता महाशय की ‘महिला सप्लाई’ वाली मलाई के मुरीद हैं.