सिंहस्थ में सरकार श्रद्धालुओं के लिए चौड़ी सडक़ें और पुल बनाने के लिए पूरी ताकत लगा रही

उज्जैन
सिंहस्थ में सरकार श्रद्धालुओं के लिए चौड़ी सडक़ें और पुल बनाने के लिए पूरी ताकत लगा रही है। इसी क्रम में रामघाट के पास शिप्रा नदी पर बने छोटे पुल को 8 लेन करने का प्रोजेक्ट भी आगे बढ़ा दिया है। राज्य स्तरीय वित्त समिति (एसएफसी) ने हरी झंडी दे दी है। प्रशासकीय स्वीकृति के बाद काम युद्धस्तर पर शुरू किया जा सकेगा। यह बनकर तैयार हुआ तो शहर का पहला सबसे चौड़ा पुल होगा।

लोक निर्माण विभाग सेतु के कार्यपालन यंत्री पीएस पंत ने बताया छोटे पुल को 8 लेन यानी करीब 100 फीट (30 मीटर) चौड़ा करने की योजना पर काम चल रहा है। इसका प्रस्ताव एसएफसी को भेजा गया था, जिसे मंजूरी दे दी गई है। किसी भी बड़े प्रोजेक्ट के लिए राज्य वित्त समिति से मंजूरी मिलना सबसे महत्वपूर्ण होता है। अब यह प्रोजेक्ट प्रशासकीय स्वीकृति (एए) के लिए भेजा गया है। सरकार से स्वीकृति मिलने की पूरी संभावना है, स्वीकृति मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सिंहस्थ 2028 के लिए पुल को चौड़ा करने का निर्देश विभाग को दिया है। सिंहस्थ में इस पुल पर साधु संतों की पेशवाई और श्रद्धालुओं की भीड़ का दबाव अत्यधिक होगा।

काम छोटा, लेकिन मुश्किलें ज्यादा…
छोटे पुल की लंबाई ज्यादा नहीं है, लेकिन इसे तोडक़र नया बनाना पड़ेगा। इसके सहारे पीएचई की पेयजल सप्लाई लाइन हैं, जिन्हें शिफ्ट करना एक मुश्किल काम होगा। अधिकारियों के अनुसार एजेंसी अच्छी मिलने पर यह काम भी सिंहस्थ से पहले किया जा सकता है। पीडब्ल्यूडी के ईई पंत और अधिकारी इसकी योजना से कलेक्टर रौशन कुमार सिंह को अवगत करा चुके हैं। तब इसे एसएफसी की मंजूरी नहीं मिल सकी थी।

योजना: मुरलीपुरा तक रोड चौड़ा होगा
इस पुल के चौड़ीकरण के साथ उज्जैन बडऩगर रोड को मुरलीपुरा तक सिक्स लेन के रूप में चौड़ा किया जाएगा। लोक निर्माण विभाग (बीएंडआर) इसकी तैयारी कर रहा है। पिछले सिंहस्थ में मुरलीपुरा से आगे तक साधु संतों और धार्मिक संस्थाओं के शिविर लगे थे। इस कारण इस रोड पर ट्रैफिक जाम के हालात ज्यादा बने थे। इसके मद्देनजर छोटा पुल भी चौड़ा करने की योजना तैयार की जा रही है।

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