स्टूडेंट्स ने फर्स्ट च्वाइस लेकर बीएड की सीटें की ब्लाक

भोपाल
उच्च शिक्षा विभाग चार राउंड की काउंसलिंग पूरी कर चुका है, लेकिन सूबे के 665 कालेजों की करीब आठ हजार सीटों पर प्रवेश नहीं हो सके हैं। प्रथम च्वाइस पर अलाटमेंट के बाद भी 17 हजार विद्यार्थी कालेजों में प्रवेश नहीं ले रहे हैं। इससे अधिकारी परेशान हैं। अब ऐसे विद्यार्थियों को पृथक कर अलाटमेंट करने की तैयारी की जा रही है। यूजी के बाद विद्यार्थी बीएड में प्रवेश लेने के लिए पसंद के कालेजों का चयन कर उन्हें लॉक करते हैं।

 विभाग उन्हें सीट अलाट कर रहा है,लेकिन 17 हजार विद्यार्थियों ने पसंदीदा सीट पर प्रवेश नहीं लिया है। प्रथम राउंड में आठ हजार, दूसरे राउंड में चार हजार, तीसरे राउंउ में साढे तीन हजार और प्रथम अतिरिक्त राउंड में करीब दो हजार विद्यार्थी ऐसे थे जिन्हें प्रथम च्वाइस में अलाटमेंट किए गए, लेकिन उन्होंने कालेजों से संपर्क ही नहीं किया। एनसीटीई कोर्स में सीएलसी के तहत प्रवेश नहीं दिए जाएंगे। ये रोक सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी। सीएलसी नहीं होने से कालेज संचालक भी परेशान हंै। वे भी सीएलसी शुरू करने के लिए सभी प्रयास कर रहे हैं।

काउंसलिंग में करेंगे फिल्टर
विभाग दूसरे अतिरिक्त राउंउ की काउंसलिंग  कर रहा है। विभाग इन 17 हजार विद्यार्थियों को फिल्टर करने की तैयारी में है, जो प्रवेश नहीं ले रहे हैं। इसके बाद उन विद्यार्थियों को कालेजों की सीट आवंटित की जाएंगी, जिन्हें पिछले राउंड में सीटें आवंटित नहीं हो सकी या प्रवेश लेने से वंचित रह गए थे।

रुक जाना नहीं:  18030 विधार्थी प्रथम
10 वीं-12वीं बोर्ड में फेल विद्यार्थियों के लिए रुक जाना नहीं योजना के तहत जून में आयोजित 10वीं की परीक्षा परिणाम आ गए हैं। इसमें प्रदेश से 73,061 विद्यार्थी शामिल हुए थे। परीक्षा परिणाम 38.70 प्रतिशत रहा। इसमें 18,030 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। द्वितीय श्रेणी में 22,358 एवं तृतीय श्रेणी में 4167 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए हैं।

26 मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश
नीट यूजी काउंसल्ािंंग में प्रदेश में 26 मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सीटों पर दाखिला दिया जाएगा। भोपाल में सबसे ज्यादा 6 मेडिकल कॉलेजों में प्रदेश में कुल एमबीबीएस सीटों 4538 की 28 फीसदी सीटें शामिल हैं। इन 6 मेडिकल कॉलेजों में 1300 सीटें हैं। चार मेडिकल कॉलेजों में जहां 250-250 सीटें हैं। दो मेडिकल कॉलेजों में 150-150 सीटें हैं। चिकित्सा शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अगले दो साल में शहर में चार नए मेडिकल कॉलेज और शुरू हो सकते हैं।

 

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