आजम खान के खिलाफ बेदखली मामले में अंतिम आदेश पारित करने पर रोक

प्रयागराज
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जबरदस्ती बेदखली मामले में पूर्व सांसद आजम खान और कई अन्य आरोपियों के खिलाफ दर्ज 12 प्राथमिकियों के समेकित मुकदमे में अंतिम आदेश पारित करने पर रोक लगा दी। न्यायमूर्ति दिनेश पाठक ने सह आरोपी मोहम्मद इस्लाम उर्फ इस्लाम ठेकेदार और अन्य द्वारा दायर एक याचिका पर यह आदेश पारित किया। अदालत ने इस मामले पर तीन जुलाई को नए सिरे से सुनवाई करने का निर्देश देते हुए स्पष्ट किया कि अधीनस्थ न्यायालय में सुनवाई जारी रहेगी।

हालांकि तीन जुलाई को होने वाले सुनवाई तक कोई अंतिम आदेश पारित नहीं किया जाएगा। मामला 15 अक्टूबर, 2016 की कथित घटना से जुड़ा है, जिसमें यतीम खाना (वक्फ संख्या 157) नाम से अनाधिकृत ढांचे को ध्वस्त किया गया था। इस मामले में 2019 और 2020 के बीच रामपुर जिले के कोतवाली थाना में 12 प्राथमिकियां दर्ज की गई थीं। शुरुआत में इन प्राथमिकियों को लेकर अलग-अलग मुकदमे चलाए गए, जिन्हें रामपुर जिले के विशेष न्यायाधीश (सांसद-विधायक) द्वारा आठ अगस्त 2024 को समेकित कर दिया गया।

मामले में शामिल सभी आरोपियों पर तत्कालीन भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत डकैती, घुसपैठ और आपराधिक षड़यंत्र के आरोप हैं। अदालत ने 11 जून को याचिकाकर्ताओं के वकील की दलीलें सुनने के बाद यह निर्णय दिया और कहा कि अधीनस्थ न्यायालय जून महीने के भीतर ही मुकदमा निस्तारित करने के लिए संकल्पबद्ध है, जिससे प्रक्रियात्मक निष्पक्षता के बारे में आशंका पैदा होती है।

इस मामले से जुड़ी एक घटना में आजम खान और उनके साथी वीरेंद्र गोयल द्वारा दायर याचिका पर आज (बुधवार) सुनवाई होनी है। याचिका में अधीनस्थ न्यायालय के 30 मई, 2025 के निर्णय को चुनौती दी गई है, जिसमें सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर अहमद फारुकी सहित प्रमुख गवाहों को बुलाने और 2016 के बेदखली की घटना का वीडियोग्राफिक साक्ष्य पेश कराने का अनुरोध खारिज कर दिया गया था। याचिकाकर्ताओं ने दलील कि इस साक्ष्य से फारुकी घटनास्थल पर अपनी अनुपस्थिति साबित कर सकेंगे।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button