संघर्ष समिति ने रावघाट खदान से निकलने वाले ट्रकों के खिलाफ खोला मोर्चा, ट्रेन शुरू करने की मांग

रायपुर

 रावघाट खदान से चलने वाले ट्रकों को बंद कर ट्रेन शुरू करने रावघाट संघर्ष समिति ने मांग की है. समिति पदाधिकारियों ने बताया कि ट्रकों के बेलगाम बेतरतीब परिचालन की वजह से क्षेत्र के 16 बच्चों की जान जा चुकी है. समिति ने इसके साथ अच्छी सड़क बनाने की भी मांग की है.

रावघाट संघर्ष समिति के गीत ने रायपुर प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि रावघाट का खदान नारायणपुर और कांकेर बोर्डर में स्थित है. जब खदान का काम शुरू हुआ तब कहा गया था कि काम ट्रेन से होगा. लेकिन बाद में कहा गया कि ट्रेन परिचालन शुरू नहीं हुआ है, जिससे ट्रक से काम किया जा रहा है.

ट्रकों के चलने से प्रदूषण बढ़ने के साथ-साथ दुर्घटना में भी इजाफा हुआ है. दंतेवाड़ा-कांकेर के सारे इलाकों की यही स्थिति है. रावघाट समिति और बचाओ अभियान के तहत एक याचिका दायर की गई थी, उसमें महत्वपूर्व ऑर्डर है. रात-दिन बेहताशा चल रही ट्रकों से फैल रहे प्रदूषण पर महत्वपूर्व डायरेक्शन है. एक साल में कांकेर के अंदर में 16 बच्चों की जान गई है. ट्रेन के चलने से प्रदूषण कम होगा.

समिति के पदाधिकारी ने कहा कि रावघाट खदान चालू होने के पहले क्षेत्र को व्यवस्थित करे. रावघाट से अंतागढ़ की दूरी मात्र 23 किलोमीटर है, वहां से उसे छोड़ रहे हैं. वहां की सड़क जर्जर है. रावघाट को खोलने के पहले उसे व्यवस्थित करे. उसे बनाए. हमने पहले भी कहा था जब तक रावघाट से ट्रेन का परिचालन शुरू नहीं होता, तब तक घाट शुरू नहीं करे. रावघाट क्षेत्र में एक्सीडेंट बहुत ही रहे हैं.

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