OBC के 5 लाख विद्यार्थियों को राहत, योगी सरकार देने जा रही है खास तोहफा

लखनऊ 
यूपी के लाखों ओबीसी (पिछड़ा वर्ग) के छात्रों के लिए शुक्रवार का दिन बेहद खास होने जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ के लोक भवन स्थित ऑडिटोरियम में एक भव्य कार्यक्रम के दौरान छात्रवृत्ति वितरण समारोह में डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए प्रदेश के लाखों विद्यार्थियों के खातों में छात्रवृत्ति की धनराशि सीधे भेजेंगे. 

मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर पहली बार प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 से सितंबर माह में ही छात्रवृत्ति वितरण की शुरुआत कर दी है. पहले जहां यह प्रक्रिया दिसंबर-जनवरी तक खिंच जाया करती थी, वहीं अब इसे पहले ही चरण में पूरा कर युवाओं तक राहत पहुंचाई जा रही है. पहले चरण में सरकार ने ₹62.13 करोड़ की धनराशि खर्च कर कक्षा 9 से 12 तक के 2.5 लाख से अधिक OBC छात्रों के खातों में छात्रवृत्ति भेजी थी. अब दूसरे चरण में शुक्रवार को ₹126.68 करोड़ की राशि से 4.83 लाख से अधिक छात्रों को लाभान्वित किया जाएगा. इस प्रकार कुल मिलाकर अब तक प्रदेश के करीब 7.33 लाख छात्र इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं.

 पारदर्शी और डिजिटल प्रणाली की मिसाल
कार्यक्रम से जुड़ी जानकारी देते हुए प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने कहा कि जब प्रदेश का युवा शिक्षित और सशक्त होगा, तभी विकसित भारत – विकसित उत्तर प्रदेश के शताब्दी संकल्प-2047 को साकार किया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि सरकार की मंशा स्पष्ट है कि कोई भी प्रतिभाशाली छात्र आर्थिक तंगी के कारण शिक्षा से वंचित न रहे. मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति की प्रक्रिया को पूरी तरह तेज, पारदर्शी और डिजिटल बनाया है. अब किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार या देरी की गुंजाइश नहीं रह गई है. पहले जहां छात्रवृत्ति फाइलों में महीनों उलझी रहती थी, वहीं अब आधार-संलग्न खातों में डीबीटी के जरिए धनराशि सीधे भेजी जा रही है. इससे न केवल छात्रों को समय पर सहायता मिल रही है, बल्कि योजना की विश्वसनीयता और प्रभाव भी बढ़ा है.

 बजट में रिकॉर्ड बढ़ोतरी, दिखी सरकार की प्राथमिकता

राज्य मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने बताया कि पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का बजट वर्ष दर वर्ष लगातार बढ़ाया गया है. वर्ष 2016-17 में जहां यह 1295 करोड़ रुपये था, वहीं अब वित्तीय वर्ष 2025-26 में बढ़कर 3124.45 करोड़ रुपये हो गया है. यानी, यह ढाई गुना से भी अधिक वृद्धि है. उन्होंने कहा कि इससे यह साफ झलकता है कि मुख्यमंत्री योगी की सरकार शिक्षा और सामाजिक न्याय को कितनी प्राथमिकता दे रही है. उन्होंने बताया कि छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजनाओं के लिए भी बजट में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है. वर्ष 2016-17 में ₹1092.36 करोड़ की राशि इस मद में आवंटित थी, जो अब 2825 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है. इससे लाखों छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में नई दिशा और ऊर्जा मिली है.

शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भरता का संकल्प

उन्होंने बताया कि सरकार का उद्देश्य केवल छात्रवृत्ति देना नहीं, बल्कि युवाओं को शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि गरीबी या पिछड़ापन अब किसी के भविष्य की रुकावट नहीं बनेगा. इस दिशा में डिजिटल और पारदर्शी छात्रवृत्ति व्यवस्था एक बड़ा कदम है. प्रदेश सरकार चाहती है कि प्रत्येक छात्र, चाहे वह किसी भी सामाजिक या आर्थिक वर्ग से हो, अपनी प्रतिभा के दम पर आगे बढ़ सके. इसी सोच के तहत OBC छात्रों के लिए यह विशेष व्यवस्था लागू की गई है, ताकि वे शिक्षा प्राप्त कर समाज और राष्ट्र के विकास में सक्रिय भागीदार बन सकें.

 डिजिटल ट्रांसफर से घटा भ्रष्टाचार, बढ़ा विश्वास

डीबीटी के माध्यम से सीधा ट्रांसफर होने से व्यवस्था में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा है. अब किसी बिचौलिए या अधिकारी की मनमानी की गुंजाइश नहीं बची. छात्रों के खातों में सीधे धनराशि पहुंच रही है, जिससे प्रणाली में पारदर्शिता आई है. यही नहीं, विभाग की मॉनिटरिंग प्रणाली को भी डिजिटल किया गया है, जिससे प्रत्येक ट्रांजैक्शन की जानकारी रियल टाइम में उपलब्ध रहती है.

राज्य मंत्री ने बताया कि जल्द ही छात्रवृत्ति प्रक्रिया में AI आधारित सत्यापन प्रणाली लागू की जाएगी, ताकि फर्जीवाड़े या डुप्लीकेट आवेदन को पूरी तरह समाप्त किया जा सके. इस पहल के साथ ही प्रदेश में शिक्षा का नया अध्याय शुरू हुआ है. सरकार का लक्ष्य है कि अगले तीन वर्षों में छात्रवृत्ति वितरण का दायरा दोगुना किया जाए और हर पात्र छात्र को समय पर आर्थिक सहयोग मिले. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इस कार्यक्रम की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. उनका कहना है कि युवाओं में निवेश ही भविष्य में सबसे बड़ा लाभ देगा. योगी सरकार की इस पहल से न केवल OBC समाज के छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ा है, बल्कि ग्रामीण इलाकों के स्कूलों और कॉलेजों में नामांकन भी बढ़ा है.

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