18 साल बाद पहली बार आरसीबी बिकने की कगार पर, डियाजियो कर रही हिस्सेदारी हटाने पर विचार

नई दिल्ली
आईपीएल शुरू होने के 18 साल बाद पहली बार उसका खिताब जीतने वाली आरसीबी क्या बिक जाएगी? ब्लूमबर्ग की मंगलवार को छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, डियाजियो पीएलसी आईपीएल की इस फ्रेंचाइजी को बेचने पर विचार कर रही है। वह आरसीबी में अपनी कुछ हिस्सेदारी या फिर पूरा का पूरा स्टेक बेचने की संभावना तलाश रही है। ब्रिटिश डिस्टिलरी डियाजियो के पास अपने भारतीय यूनिट यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड के तहत रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु का मालिकाना हक है। रिपोर्ट के मुताबिक, आरसीबी को बेचना ही है, अभी इस पर डियाजियो ने अंतिम फैसला नहीं किया है। इसे लेकर डियाजिओ और यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड ने चुप्पी साध रखी है। ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि डियाजिओ के प्रवक्ता ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। यूनाइटेड स्पिरिट्स के एक प्रतिनिधि से भी इस पर प्रतिक्रिया मांगी गई थी लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

स्वास्थ्य मंत्रालय की सख्ती है वजह?
डियाजियो के आरसीबी से हाथ पीछे खींचने को लेकर चर्चा ऐसे वक्त में उठी है जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय आईपीएल के दौरान तंबाकू, गुटखा और शराब के ब्रैंड्स के अप्रत्यक्ष प्रचार पर प्रतिबंध के मूड में है। मंत्रालय यह भी चाहता है कि खेल से जुड़ीं हस्तियां किसी भी ऐसी चीज का प्रचार न करें जो स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। भारत में पहले ही तंबाकू और शराब का विज्ञापन प्रतिबंधित है। लेकिन इसका तोड़ निकालने के लिए इनसे जुड़ी कंपनियां इलायची या फिर सोडा या नॉन-एल्कोहलिक पेय पदार्थ की आड़ में अपने ब्रैंड्स का अप्रत्यक्ष प्रचार करती हैं। क्रिकेट से जुड़ी कई हस्तियां भी ऐसे प्रचार में दिखते हैं। अब स्वास्थ्य मंत्रालय सख्त तेवर अपनाते हुए इस पर पूरी तरह रोक चाहता है। यूनाइटेड स्पिरिट लिमिटेड जानी-मानी बेवरेज कंपनी है। वह अलग-अलग नाम से विस्की, स्कॉच विस्की, ब्रैंडी, रम, वोडका, जिन और वाइन बेचती है।

कभी विजय माल्या के पास था आरसीबी का स्वामित्व
डियाजियो से पहले आरसीबी का स्वामित्व विजय माल्या के हाथ में था। 2016 में माल्या के वित्तीय संकट के कारण उसका स्वामित्व यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड के पास चला गया। अभी यूनाइटेड स्पिरिट्स में डियाजियो की 54.8 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

 

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