मध्यप्रदेश में कोदो-कुटकी की MSP पर खरीदी का आगाज़, 15 सितंबर से रजिस्ट्रेशन शुरू

जबलपुर
मध्य प्रदेश सरकार पहली बार किसानों से कोदो-कुटकी खरीदेगी। इसकी शुरुआत जबलपुर के कुंडम तहसील से हो रही है। 15 सितंबर से सरकार को फसल बेचने वाले किसानों का पंजीयन शुरू हो गया है। कुंडम तहसील में करीब सात हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में किसानों ने कोदो-कुटकी की खेती की है।सीएम ने कहा कि इस कृषि उत्पाद को देश के साथ-साथ विदेश में भी पहुंचाया जाएगा. उन्होंने धान उत्पादक किसानों को प्रति हेक्टेयर 4 हजार रुपये बोनस देने की बात भी कही.
प्रशासन ने यह जिम्मा कृषि विभाग को सौंपा है। जिसके बाद विभाग, किसानों से फसल खरीदने के लिए एफपीओ चयनित करेगा। पहले चरण में सिर्फ एक एफपीओ, फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी को यह काम दिया जाएगा।
कृषि विभाग के उपसंचालक डॉ. एसके निगम ने बताया कि खरीदी में प्रदेश सरकार पारंपरिक पब्लिक-प्रोक्योरमेंट यानी धान, गेहूं जैसी खरीदी नहीं करेगा, बल्कि सरकार इसमें केवल व्यवस्था का समन्वय करेगी, जबकि खरीदे गए अनाज का भुगतान अन्न फेडरेशन कंपनी, भोपाल द्वारा किया जाएगा।
राघवेंद्र सिंह (कलेक्टर जबलपुर) के अनुसार, इस बार जिले के कुंडम तहसील में किसानों से कोदो और कुटकी की खरीदी करने जा रहे हैं। एफपीओ के माध्यम से खरीदी होगी, जिसके लिए पंजीयन सोमवार से शुरू हो गया है। सरकार हर एक किलो पर 10 रुपये का समर्थन मूल्य भी देगी।
देश में पहली बार ऐसा हो रहा
यह देश में संभवत: पहली बार हो रहा है कि सरकार अनाज की खरीदी किए बगैर किसानों को बोनस देने जा रही है। सरकार का बोनस देने का मकसद प्रदेश में आने वाले वर्षों में अधिक से अधिक किसानों को कोदी-कुटकी की खेती के लिए प्रोत्साहित करना है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में गत 3 जनवरी को जबलपुर में हुई कैबिनेट की बैठक में रानी दुर्गावती श्री अन्न प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी गई थी। योजना में मिलेट्स की खेती को प्रोत्साहन देने और किसानों से उचित दाम पर इसकी समरीदी का कार्य किया जाना है। बैठक में मिलेट्स का उत्पादन करने वाले किसानों को प्रति किलो 10 रुपए प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद सरकार ने मिलेट्स की खरीदी से लेकर इसके प्रसंस्करण, ब्रांडिंग व मार्केटिंग के लिए मिलेट्स फेडरेशन का गठन किया। कृषि विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश में करीब एक लाख हेक्टेयर से ज्यादा रकबे में कोदो- कुटकी की बुवाई की गई है। मिलेट्स फेडरेशन को राजस्व विभाग से इसका फाइनल आंकड़ा मिलना बाकी है। इस तरह कोदो-कुटकी के रकबे के आधार पर सरकार किसानों को प्रति विटेयर 3900 रुपए के हिसाब से करीब 40 करोड़ का बोनस देगी। सचिव कृषि विभाग एम, सेलवेदन का कहना है कि जल्द ही किसानों के खाते में बोनस की राशि ट्रांसफर की जाएगी। इसकी तैयारी की जा रही है।