भूलने की बीमारी वाले प्रमुख सचिव डॉक्टर पर मेहरबान, यादव जी दिलवा रहे प्रापर्टी, विष्णु के अवतार वाले नामों पर बरस रही लक्ष्मी कृपा

द इनसाइडर्स आपके लिए लाया है सत्ता के गलियारों की वो चटपटी खबरें जो बताएंगी इसके किरदारों के असल चेहरे...

कुलदीप सिंगोरिया | द इनसाइडर्स में एक बार फिर लौटते हैं जमीन पर। जमीन मतलब प्रापर्टी। जिसके पीछे हमारे सत्ताधीश और नौकरशाह जिंदगी भर दौड़ते हैं। उनकी यह तड़प उन्हें जमीन पर उतरने के लिए मजबूर भी कर देती है। खैर, हमें तो इससे मतलब है कि आसमान की तरफ देखने वाले इस बहाने जमीन की तरफ भी नजरें इनायत कर देते हैं। तो फिर देर किस बात की, जमीन से बेइंतहा मोहब्बत रखने वाले हमारे अफसरों के किस्सों को दिलचस्प अंदाज में पढ़िए…

पूर्व आईएएस दिला रहे वर्तमान आईएएस अफसरों को प्रॉपर्टी
प्रदेश में यादवों के बोलबाले का किस्सा सिर्फ किस्सागोई के लिए बुना गया हो या नहीं, यह बात पावर कॉरिडोर में होती रहती है। लेकिन, एक पूर्व यादव आईएएस अफसर इसे सही साबित करने में जुटे हैं। वे तेजी से सत्ता के निकट आ रहे हैं। इसके लिए उन्होंने प्रॉपर्टी के कारोबार को हथियार बनाया है। वे वर्तमान आईएएस अफसरों को राजधानी में प्लॉट आदि बेहद सस्ते में दिलवा रहे हैं।
यह भी पढ़ें : आईपीएस ने किया प्यार का इजहार, पूर्व मंत्री के दामाद को छापे का डर

राजधानी में बड़ी प्रापर्टी डील के लिए आईपीएस बिल्डरों के संपर्क में
राजधानी में बड़ी पोस्ट पर पदस्थ एक सीनियर आईपीएस अफसर का प्रापर्टी से मोह नहीं छूट पा रहा है। यह मोह उन्हें इसलिए भी हुआ क्योंकि इससे पहले उनकी पूरी नौकरी आर्थिक राजधानी में हुई है। खैर, राजधानी में भी प्रापर्टी खरीद के लिए वे इन दिनों शहर के बड़े डेवपलर्स के संपर्क में है। अच्छी डील के लिए बातचीत का दौर जारी है। वैसे साहब को हमारी सलाह है कि ऊपर बताए गए यादव जी को याद कर लेंगे तो शायद अच्छी डील मिल जाएगी।

यह भी पढ़ें : बिजली गुल ने कराया कलेक्टर के शीशमहल का पर्दाफाश, पूर्व बड़े साहब नहीं लौटा रहे 50 लाख रुपए

विंध्य के पंडितजी से जुड़े बिल्डर ने राजधानी में लॉन्च किया हाउसिंग प्रोजेक्ट
विंध्य के हमारे पंडितजी को कौन नहीं जानता? अभी प्रदेश में नंबर दो पर हैं। इनकी एक बिल्डर से साझेदारी भी जगजाहिर है। बिल्डर ने इनके इलाके यानी विंध्य की राजधानी कहे जाने वाली नगरी में बड़ा मॉल बनाया था। साथ ही कई जगह जमीनों में निवेश किया था। अब यह बिल्डर प्रदेश की राजधानी यानी भोपाल में भी बड़ा प्रोजेक्ट लेकर आया है। प्रोजेक्ट भी ओल्ड सिटी में। तो ऊपर के कॉलम में बताए गए अफसर को हमारी यह भी सलाह है कि जरा इस प्रापर्टी पर भी नजरें इनायत कीजिए।

यह भी पढ़ें : बिजली गुल ने कराया कलेक्टर के शीशमहल का पर्दाफाश, पूर्व बड़े साहब नहीं लौटा रहे 50 लाख रुपए

मंत्री जी के अच्छे दिन नहीं आ रहे
प्रदेश की आर्थिक राजधानी और इसके आसपास जिलों में उद्योगों के लिए प्लॉट आवंटन में गड़बड़ी की जा रही थी। जैसे ही प्रदेश के मुखिया की टीम को इसकी भनक लगी, तत्काल प्लॉट आवंटन को रद्द करवा दिया गया। इससे एक मंत्री जी नाराज हो गए। वे कुछ वक्त पहले तक अपने पद जाने की टेंशन में मशगूल थे। अब मंत्री जी इसलिए नाराज हो गए क्योंकि प्लॉट आवंटन में उन्हें चढ़ावा देने वाले लोग भी शामिल थे। उन्होंने प्लॉट आवंटन रद्द करने वाले विभाग के मंत्री को फोन लगाकर अपनी नाराजगी भी जाहिर कर दी है।

यह भी पढ़ें – द इनसाइडर्स: डेढ़ लाख की साड़ी पहनती हैं डॉक्टर साहिबा, दोस्तों को गांजे और मुजरे का लुत्फ दिलवा रहे कलेक्टर साहब

जमीन की खबरों से बोरियत हो रही है तो इन किस्सों पर चटखारे लीजिए…

भूलने की बीमारी से परेशान हैं प्रमुख सचिव
मजदूरों से जुड़े विभाग में कर्मचारियों की खुशी सिर्फ दो सेकंड ही टिक पाई। जैसे ही तबादला सूची में उन्होंने वर्तमान प्रमुख का नाम देखा तो खुशी से उछल पड़े लेकिन इसके आगे वाले नाम को पढ़कर माथा पकड़ लिया। दरअसल, पहले वाले साहब के सनक से भरे हुए किस्से आम हैं। सभी इनसे दुखी थे। इसलिए इनके तबादले पर खुशी तो बनती थी लेकिन इनके स्थान पर जो नए साहब आए हैं, वह पहले भी इस विभाग में रह चुके हैं। इनको भूलने की बीमारी है। जिससे बात कर रहे हैं, उसका नाम या किस विषय पर बात हो रही है, यह भूल जाते हैं। इंदौर से लेकर मुंबई तक, सब जगह इलाज करा चुके हैं। जब पहले इस विभाग में पदस्थ थे तब एक डॉक्टर पर खूब भड़के और कहा कि मेरी इम्यूनिटी की जांच करवाओ। डॉक्टर भी इनके डांट-डपट से भड़का हुआ था सो मना कर दिया। आखिरकार मजदूरों के अस्पतालों के संचालक ने मंडीदीप के एक अस्पताल के प्राइवेट आयुष डॉक्टर को इनके पास भेजा और विटामिन डी की जांच करवाई। इस उपकार के बदले में इन्होंने उस आयुष डॉक्टर के मजदूरों के इलाज से संबंधित करोड़ों के बिल पास कर दिए।

कृष्ण नाम की महिमा, इंजीनियर पानी से बना रहा सोना
द्वापर युग में जन्मे भगवान विष्णु के अवतार कृष्ण की महिमा से अपरंपार है। उनके नाम वाले तीन व्यक्तियों के संयोग से पानी वाला विभाग दुधारू गाय बन गया है। यहां के एक प्रमुख इंजीनियर साहब ने कृष्ण के नाम वाले व्यक्ति के प्रसिद्ध मंदिर में साढ़े सात किलो का प्रसाद चढ़ा कर ‘संविदा’ का आशीर्वाद प्राप्त किया है। अब हर महीने किलो भर प्रसाद चढ़ा कर पापों से मुक्त हो जाते हैं और निकल पड़ते हैं प्रदेश भर में नवीन पाप कर्मों के लिए… वे प्रदेश भर से धन संपदा का अर्जन करते हैं। फिर, प्रदेश की आर्थिक राजधानी में उसी नाम वाले एक बिल्डर के यहां धन संपदा का साप्ताहिक विसर्जन करते हैं। बता दें कि प्रमुख इंजीनियर का नाम भी भगवान विष्णु के अवतार पर ही है।

इंजीनियर से जुड़ा यह किस्सा भी पढ़ें : इंजीनियर के पुत्र ने कैश में ली 25 लाख की कार

बड़ी मैडम का फोन न उठाकर ठेकेदार पर झड़ाया रौब
नगरीय निकाय के एक ताकतवर अपर आयुक्त का किस्सा आपको पहले भी बता चुके हैं। चूंकि इनके हाथ में वित्त यानी लक्ष्मी की ताकत होती है, इसलिए कोई कुछ भी उनका बिगाड़ नहीं पाता है। हाल ही में एक ठेकेदार उनसे मिलने ऑफिस गया। अफसर ने तपाक से कहा कि जब तक मनमर्जी की भेंट नहीं मिलेगी, तब तक पेमेंट नहीं होगा। इसी बीच बड़ी मैडम का फोन अफसर के पास पहुंचा तो फोन को पलटकर रख दिया और ठेकेदार से कहा कि मैं ऊपर से आया हूं। फिर ठेकेदार ने मेयर साहिबा से गुजारिश की। मेयर ने अफसर को फोन लगाया तो उसने झूठ बोलते हुए कहा कि वे अभी वल्लभ भवन में हैं, बाद में बात करेंगे।

यह भी पढ़ें : मेयर को फार्म हाउस गिफ्ट कर निगम की मलाई सूत रहा अफसर

पिता कर रहे कलेक्टर मैडम को बचाने की कोशिश
अदालतों की डांट सुनने के लिए मशहूर एक कलेक्टर साहिबा के दिन अच्छे नहीं चल रहे हैं। इसलिए पूर्व आईएएस जो कि कलेक्टर साहिबा के पिता भी हैं, वे अपनी बेटी को बचाने के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं। मैडम की यह पोस्टिंग भी उन्होंने संगठन में अपने संबंधों का इस्तेमाल करके हासिल की थी। अब संगठन से लेकर सरकार तक बेटी को बेकसूर बताने के लिए चक्कर काट रहे हैं। बता दें कि मंत्रालय की पांचवी मंजिल पर बैठने वाले अफसर मैडम से नाराज हैं।

यह भी पढ़ें : कलेक्टर मैडम को सीएम की सीनियर टीम पर भी विश्वास नहीं

महिला आईएएस अफसर को बाई कह कर दिखाओ साहब
एक जिला पंचायत सीईओ साहब के कुछ कारनामे हमने आपको पिछले अंक में बता चुके हैं। वे हाल ही में जिला पंचायत की महिला जनप्रतिनिधियों से उलझ गए थे। वे महिला जनप्रतिनिधियों को बाई कह कर संबोधित कर रहे थे। इस पर जनप्रतिनिधियों ने आपत्ति ली तो अपनी सफाई में कहा कि उनके क्षेत्र में बाई सम्मानित शब्द हैं और उन्हें ऐसा कहने की आदत है। महिला जनप्रतिनिधयों ने भी वाकपटुता दिखाते हुए कहा कि ऐसा है तो अपनी सीनियर या जूनियर महिला आईएएस अफसर को बाई कह कर दिखाओ। अब साहब को न निगलते बना और न उगलते। फिर भी साहब ने जाने दो, जाने दो कहकर महिला जनप्रतिनिधियों से पीछा छुड़ाने की कोशिश की। महिला जनप्रतिनिधि भी कहां उनका पीछा छोड़ती, उन्होंने कलेक्टर को शिकायत कर दी।

यह भी पढ़ें – शादी के भोज के लिए आईएएस अफसर ने पंचायतों से वसूला चंदा

हमसे संपर्क करें : – 9926510865

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button