श्रीशैलम की पवित्रता पर पीएम मोदी का बयान, कहा- हर हिस्से में महसूस की दिव्यता

श्रीशैलम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के श्रीशैलम में स्थित श्री शिवाजी ध्यान मंदिर और श्री शिवाजी दरबार हॉल का दौरा किया। उन्होंने भगवान मल्लिकार्जुन स्वामी और देवी भ्रामरांबिका के दर्शन किए। पीएम मोदी ने कहा कि श्रीशैलम में होना अत्यंत आनंद की बात है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महान छत्रपति शिवाजी महाराज वर्ष 1677 में श्रीशैलम आए थे और यहां श्री मल्लिकार्जुन मंदिर में प्रार्थना की थी। उन्होंने कहा कि "ध्यान मंदिर वह स्थान है, जहां शिवाजी महाराज ने ध्यान किया था और भ्रामराम्बा देवी से आशीर्वाद प्राप्त किया था।" बता दें कि ध्यान मंदिर के चारों कोनों पर चार प्रतिष्ठित किलों (प्रतापगढ़, राजगढ़, रायगढ़ और शिवनेरी) के मॉडल स्थापित हैं। इसके केंद्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की गहन ध्यान मुद्रा में एक प्रतिमा है। यह केंद्र श्री शिवाजी स्मारक समिति की ओर से संचालित है।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "श्रीशैलम में होना आनंद की बात है। इस पवित्र स्थान के हर कण में दिव्यता व्याप्त है। मैं यहां के लोगों के गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए उनका आभारी हूं। श्री भ्रामराम्बिका देवी और मल्लिकार्जुन स्वामी सदैव हमारे राष्ट्र पर कृपा बनाए रखें।"
श्री भ्रामराम्बा और मल्लिकार्जुन स्वामी वरला देवस्थानम 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक और 52 शक्तिपीठों में से एक है। इस मंदिर की अनूठी विशेषता एक ही मंदिर परिसर में एक ज्योतिर्लिंग और एक शक्तिपीठ का सह-अस्तित्व है, जो इसे पूरे देश में अपनी तरह का एक अनूठा मंदिर बनाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने आंध्र प्रदेश के कुरनूल में आयोजित कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया। उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि 2047 में आजादी के जब 100 साल होंगे, तब 'विकसित भारत' होकर रहेगा। मैं विश्वास से कहता हूं कि 21वीं सदी हिंदुस्तान की होने वाली है। 21वीं सदी 140 करोड़ हिंदुस्तानियों की सदी होने वाली है। उन्होंने कहा, "आज दुनिया भारत को 21वीं सदी के नए मैन्युफैक्चरिंग सेंटर के रूप में देख रही है। इस सफलता का सबसे बड़ा आधार आत्मनिर्भर भारत का विजन है। हमारा आंध्र प्रदेश आत्मनिर्भर भारत का प्रमुख केंद्र बन रहा है। हमारी सरकार का विजन नागरिक-केंद्रित विकास है। हम लगातार नए रिफॉर्म के जरिए नागरिकों के जीवन को आसान बना रहे हैं।"

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