जिस दिन परामर्श उसी दिन होगी पैथोलॉजी जांच, मरीज को नहीं आना होगा दूसरे दिन

जयपुर
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व एवं चिकित्सा मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के मार्गदर्शन में प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लगातार सुदृढ़ किया जा रहा है। इसी कड़ी में अब प्रदेश के सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में मरीज की पैथोलॉजी जांच परामर्श के दिन ही की जाएगी। इसके लिए जांच लैब में सैंपल कलेक्शन का समय और स्टाफ बढ़ाया जाएगा। साथ ही, किसी भी रोगी को निजी अस्पताल में नहीं भेजा जाएगा।

चिकित्सा शिक्षा सचिव श्री अम्बरीष कुमार ने शुक्रवार को चिकित्सा शिक्षा निदेशालय में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में इस संबंध में निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह माता पिता अपने बच्चों का ख्याल रखते हैं, उसी भावना के साथ रोगी की सेवा की जाए। बैठक में सभी 29 मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्य एवं संबद्ध 81 अस्पतालों के अधीक्षक उपस्थित रहे।

डीडीसी में एक माह एवं सब स्टोर में तीन माह का स्टॉक अवश्य रहे—
चिकित्सा शिक्षा सचिव ने कहा कि अस्पतालों में आमजन को बेहतरीन उपचार उपलब्ध करवाने के लिए जांच, दवा एवं उपचार की व्यवस्थाओं को सुदृढ़ बनाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस दृष्टि से लगातार सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि भीषण गर्मी एवं लू तापघात की स्थितियों के दृष्टिगत सभी अस्पतालों में माकूल इंतजाम सुनिश्चित किए जाएं। किसी भी अस्पताल में पंखे, कूलर, एसी, पेयजल, छाया, साफ—सफाई, जांच, दवा एवं उपचार की व्यवस्थाओं में कोई कमी नहीं रहे। उन्होंने कहा कि दवा वितरण केंद्रों पर एक माह एवं सब स्टोर पर तीन माह का स्टॉक आवश्यक रूप से उपलब्ध रहे। इससे कम स्टॉक होने पर तत्काल ई औषधि स्टॉक के आधार दवाइयां भिजवाई जाएं।

24 घंटे काम के लिए स्थापित की जाए पीडब्ल्यूडी चौकी—
चिकित्सा शिक्षा सचिव ने कहा कि सभी अस्पतालों में बिजली से संबंधित समस्याओं के त्वरित निस्तारण के दो इलेक्ट्रिशियन रखे जाएं। साथ ही, उन्होंने सार्वजनिक निर्माण विभाग को सभी अस्पतालों में सिविल और विद्युत दोनों कार्यों के लिए वार्षिक रखरखाव अनुबंध (AMC) करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ठेकेदार को अस्पताल परिसर में 24×7 चौकी स्थापित करनी होगी, जिसमें इलेक्ट्रीशियन, प्लम्बर, बढ़ई और मिस्त्री तैनात रहेंगे, जो चौबीसों घंटे मरम्मत कार्य के लिए उपलब्ध होंगे।

ऑक्सीजन प्लांट्स की क्रियाशीलता सुनिश्चित हो—
चिकित्सा शिक्षा सचिव ने प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट्स के सुचारू संचालन पर जोर देते हुए कहा कि जहां भी प्लांट्स मेंटीनेंस के अभाव में बंद हैं, उन्हें तुरंत प्रभाव से ठीक करवाकर क्रियाशील किया जाए। साथ ही, ऑक्सीजन रिफिलिंग का भुगतान भी समय पर किया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में अव्यवस्था पाए जाने पर नोडल अधिकारी एवं संस्थान प्रभारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। रोगियों के उपचार में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं होगी।

बजट घोषणाओं में नहीं हो देरी —
श्री अम्बरीष कुमार ने ई—फाइलों एवं ई—डाक के समयबद्ध निस्तारण, नकारात्मक समाचारों पर तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बजट घोषणाओं को समय पर पूरा करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसे ध्यान में रखते हुए घोषणाओ की टाइमलाइन निर्धारित कर उनसे संबंधित कार्यवाही समय पर की जाए। साथ ही, अस्पतालों में सिविल कार्यों को समय पर पूरा करने के साथ ही उनकी गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए।

जेके लोन अस्पताल में देखी स्वास्थ्य सुविधाएं —
इससे पहले चिकित्सा शिक्षा सचिव ने जेके लोन अस्पताल पहुंचकर वहां वार्डों, आईसीयू, जांच लैब, दवा वितरण केंद्र आदि का गहन निरीक्षण किया और अधिकारियों को सुधार के लिए निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अस्पताल में भीड प्रबंधन एवं क्यू मैनेजमेंट पर काम शुरू किया जाए, ताकि लोगों को कतारों से मुक्ति मिले। इस अवसर पर विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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