यूपीएससी परीक्षा पास करना प्रशांत सुरेश भोजने का सपना था जिसे उन्होंने हर मुश्किल का मजबूती से सामना किया
महाराष्ट्र
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा उत्तीर्ण करना 32 वर्षीय प्रशांत सुरेश भोजने का सपना था जिसे हकीकत में बदलने के लिए उन्होंने हर मुश्किल का मजबूती से सामना किया। प्रशांत की मां महाराष्ट्र के ठाणे शहर में नगर निगम में एक सफाई कर्मचारी के रूप में कार्यरत हैं। यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा 2023 का अंतिम परिणाम मंगलवार को घोषित किया गया और प्रशांत ने इस परीक्षा में 849वां स्थान प्राप्त किया। प्रशांत ने अपने सपने को पूरा करने की शुरुआत 2015 में की थी और आखिरकार उन्होंने अपने 9वें प्रयास में सफलता प्राप्त की।
पिता निगम में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी
खरतान रोड स्वीपर कॉलोनी में रहने वाले लोगों के लिए प्रशांत की उपलब्धि खुशियां लेकर आई। प्रशांत का परिवार यहां रहता है और बुधवार रात को इस खुशी के मौके पर लोगों ने जश्न मनाया। कुछ स्थानीय नेताओं ने भी इस जश्न में हिस्सा लिया। परिवार के सदस्यों ने बताया कि प्रशांत की मां ठाणे नगर निगम में सफाईकर्मी के रूप में काम करती हैं और पिता निगम में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी हैं। इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी करने वाले प्रशांत का मन नौकरी करने का नहीं था और उनका सपना हमेशा से भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी बनने का था।
पढ़ाई के साथ-साथ आजीविका भी कमाई
प्रशांत ने कहा कि यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करते हुए उन्होंने 2020 में दिल्ली में एक परीक्षा कोचिंग संस्थान में काम करना शुरू कर दिया था, जहां उन्हें अभ्यर्थियों के मॉक परीक्षा पत्रों की जांच करने का काम दिया गया था। उन्होंने कहा, ''इस तरीके से मैंने पढ़ाई के साथ-साथ आजीविका भी कमाई।'' उन्होंने कहा कि उनके परिजन अक्सर उनसे कहते थे कि परीक्षा देना बंद कर घर लौट आओ लेकिन उन्हें विश्वास था कि एक न एक दिन वह अपना मुकाम हासिल जरूर करेंगे।
पिता सुरेशइस बात को लेकर बेहद खुश
प्रशांत ने कहा, ''जब मैं यूपीएससी परीक्षा दे रहा था तो मेरे परिजन भी चुपचाप सब सह रहे थे लेकिन उन्हें अब इसका फल मिल गया है।'' प्रशांत के पिता सुरेश भोजने ने कहा कि वह इस बात को लेकर बेहद खुश हैं कि उनके बेटे ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली है। उन्होंने कहा, ''पहले मैं चाहता था कि मेरा बेटा नौकरी करे लेकिन अब हमें लगता है कि जो उसने किया, सही किया।''