पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा, जल चढ़ाना, बेल पत्र खाना अंधविश्वास नहीं
रायपुर
सीहोर के शिवपुराण कथाचार्य पंडित प्रदीप मिश्रा छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के अमलेश्वर में शिव महापुराण कथा का वाचन कर रहे हैं। शनिवार को कथा से पूर्व संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि धर्म को राजनीति और राजनीति को धर्म की आवश्यकता पड़ती है। प्राचीन काल में भी राजा महाराजा राज दरबार में ऋषि मुनियों से सलाह लेकर ही कार्य करते थे। साथ ही कठोर निर्णय लेते थे। धर्म में नेताओं की दखल कोई गलत नहीं है। बस, धर्म की क्षति नहीं होनी चाहिए। देश का हित सर्वोपरि होना चाहिए।
इलाज करने वाला डॉक्टर भी शिव का रूप है। जल चढ़ाने, बेल पत्र का सेवन कोई अंधविश्वास नहीं है, बल्कि आस्था, श्रद्धा की बात है। मरीज ठीक होते हैं तो श्रद्धा बढ़ ही जाती है। मैं अपने प्रवचन में यह नहीं कहता कि चमत्कार होते हैं। हां कार्य सफल होता है तो वह चमत्कार से कम नहीं है।
पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि अज्ञानता की वजह से अपराध होते हैं। समझदार व्यक्ति कभी अपराध के दलदल में नहीं फंसता। जब व्यक्ति अपने विवेक से नहीं, दूसरों के कहे अनुसार कार्य करता है तो वह गलत भी करने लगता है। अपनी बुद्धि का उपयोग करें। अपने बच्चों को शिक्षा दिलाएं, संस्कारित करें तो वह अपराध नहीं करेगा।
पंडित मिश्रा ने भीषण गर्मी पर कहा कि यह पर्यावरण के असंतुलित होने के कारण हो रहा है। यदि कथा सुनने आए हजारों लोग एक पौधा लगाकर वृक्ष बना दें तो निश्चित ही भविष्य में तापमान नियंत्रित किया जा सकता है। नदी, तालाब, सरोवर को साफ रखें, गंदा ना करें। प्रकृति की रक्षा करें।
पंडित प्रदीप मिश्रा ने मतांतरण पर कहा कि हमारी, आप सबकी, संपूर्ण हिन्दू समाज के कर्णधारों की गलतियों के कारण लोग दूसरे धर्म में जा रहे हैं। हम सभी ने कहीं ना कहीं उन लोगों को उपेक्षित किया है। यदि उपेक्षित वर्ग को सुविधाएं दी जाएं। उन्हें पर्याप्त सम्मान दिया जाए। ऊंच नीच का भेद खत्म कर आगे बढ़ाया जाए तो लोग क्यों मतांतरण करेंगे।
पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि बंद अथवा उपेक्षित पड़े मंदिरों की स्थिति सुधरेगी। जिस तरह का शिवमय माहौल बन रहा है। उसे देखकर निश्चित ही उम्मीद है कि उपेक्षित मंदिर की हालत सुधरेगी । यह कृपा शिवजी ही करेंगे। मुगल काल में अनेक मंदिर उपेक्षित हुए। उनकी हालत सुधर रही है।
पंडित मिश्रा ने कहा कि हम जैसी धारणा बनाते हैं, वैसा हो ही जाता है। यदि सोचें कि फलां व्यक्ति मेरा दुश्मन है तो वह बाद में दुश्मन बन जाता है। अपनी सोच सही रखिये। पहले डॉक्टर के पास जाएं, इलाज कराएं। साथ ही अपनी आस्था भोलेनाथ पर रखें। आपकी समस्या दूर होगी।