पाकिस्तान की नींद उड़ी! POK में कुछ बड़ा होने की खबर, जॉइंट अवामी कमेटी ने किया ऐलान

इस्लामाबाद 
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (Pok) में जनाक्रोश और विरोध प्रदर्शनों के कारण तनाव चरम पर पहुंच गया है। नीलम वैली पब्लिक एक्शन कमेटी के नेता शौकत नवाज मीर ने जनता की लंबे समय से लंबित मांगों ( जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढांचा और स्वच्छ पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं ) को पूरा करने के दबाव में पूरे क्षेत्र को पूरी तरह से बंद करने की घोषणा कर दी है। उन्होंने चेतावनी जारी की है कि लोगों का सब्र अब अपनी हद पार कर चुका है और यह वर्षों की सरकारी उपेक्षा, भ्रष्टाचार तथा संसाधनों के दुरुपयोग का सीधा परिणाम है, जहां राजनीतिक संरक्षण और रिश्वतखोरी पर धन बर्बाद हो रहा है। उनके इस आह्वान पर व्यापक बहस छिड़ गई है कि क्या कुछ बड़ा होने वाला है?

शौकत नवाज मीर की अपील के बाद पीओके में तनाव है। दूसरी ओर स्थानीय प्रशासन ने प्रदर्शन को बलपूर्वक दमन करने की धमकी दी है। कमेटी के प्रवक्ता के रूप में मीर ने कहा कि लोगों का सब्र अब अंतिम सीमा पर पहुंच चुका है और यह बंद सरकारी लापरवाही तथा भ्रष्टाचार के खिलाफ सीधा प्रतिकार है। उन्होंने आरोप लगाया कि बुनियादी सुविधाओं जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़कें और स्वच्छ जल से नागरिकों को वंचित रखा जा रहा है, जबकि फंड राजनीतिक संरक्षण और रिश्वतखोरी में उड़ाए जा रहे हैं।

दूसरी ओर सरकार की बल प्रयोग की चेतावनी ने आग में घी डालने का काम किया है, जिससे जनता का रोष और भड़क गया। स्थानीय वकीलों ने पब्लिक एक्शन कमेटी का खुला समर्थन किया और हड़ताल को लोकतांत्रिक हक करार दिया। उन्होंने सरकार से दमन के बजाय शिकायतों का निपटारा करने की अपील की। मुफ्तीराबाद के एक वरिष्ठ वकील ने कहा कि लोगों की मांगें पूरी होनी चाहिए, उन्हें कुचलना नहीं। कानूनी बिरादरी प्रदर्शनकारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहेगी।

बताया जा रहा है कि पूरे पीओजेके में हड़ताल से सामान्य जीवन ठप होने की पूरी आशंका है। दुकानें, बाजार और परिवहन सेवाएं बंद रहेंगी। नागरिक समाज का मानना है कि बल प्रयोग से तनाव और बढ़ेगा, जिससे अशांति फैल सकती है। वहीं कई लोग सरकार के कठोर रवैये को असहमति दबाने की साजिश बता रहे हैं। विभिन्न जिलों की पब्लिक एक्शन कमेटियां पारदर्शी फंड वितरण, आरक्षण और स्थानीय शासन में भ्रष्टाचार खत्म करने जैसी मांगों पर लोगों को एकजुट कर रही हैं। ऐसे में पीओके पर सभी की नजरें टिकी हैं, जहां सरकार और जनता के बीच टकराव तेज होता नजर आ रहा है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button