हमारे नगर-निगम अब मेट्रोपॉलिटन सिटी बनने की ओर अग्रसर: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

स्वच्छता के लिए बने वातावरण से अब शहरों और प्रदेशों में साफ-सफाई के लिए बढ़ी प्रतिस्पर्धा : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

हमारे नगर-निगम अब मेट्रोपॉलिटन सिटी बनने की ओर अग्रसर
नगरीय निकायों को दी रुपए 7 हजार करोड़ की परियोजनाओं की सौगात
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की पहल पर दीपावली से पहले हुआ स्वच्छता मित्रों का सम्मान
5वें राज्य स्तरीय स्वच्छता सम्मान एवं कार्यशाला “स्वच्छता समग्र समारोह” में हुए शामिल

भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से स्वच्छता को अपनी महत्वपूर्ण प्राथमिकता बनाया। उनकी इस पहल से स्वच्छता के क्षेत्र में न केवल देश का माहौल बदला अपितु विश्व के कई देशों ने उनकी इस पहल को अनुकरणीय बताया। प्रधानमंत्री  मोदी के नेतृत्व में भारत आर्थिक रूप से सशक्त देश के रूप में स्थापित हुआ है। अब हमारी पहचान स्वच्छ देश के रूप में होने लगी है। स्वच्छता को दी गई प्राथमिकता से राज्यों के साथ शहरों में भी स्वच्छता के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ी है। राज्य सरकार और प्रदेशवासियों के लिए यह उपलब्धि और गर्व का विषय है कि मध्यप्रदेश देश के प्रमुख स्वच्छतम राज्यों में शामिल है। यह प्रधानमंत्री  मोदी का ही नेतृत्व और मार्गदर्शन है जिसके परिणामस्वरूप हमारे नगर-निगम अब मेट्रोपॉलिटन सिटी बनने की ओर अग्रसर हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को रवीन्द्र भवन में 5वें राज्य स्तरीय स्वच्छता सम्मान एवं कार्यशाला “स्वच्छता समग्र समारोह” को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया तथा सफाई मित्रों का सम्मान किया। इस अवसर पर स्वच्छता अभियान पर केंद्रित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया। कार्यक्रम में नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री मती प्रतिमा बागरी उपस्थित थीं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सिंगल क्लिक से प्रदेश के नगरीय निकायों को रुपए 7 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात दी। उन्होंने कहा कि हम प्रदेश को ग्रीन और क्लीन सिटी वाला प्रदेश बनाने की दिशा में योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ रहे हैं। स्वच्छता में इंदौर ने नित नए कीर्तिमान गढ़े हैं। स्वच्छता सर्वेक्षण में मध्यप्रदेश के उज्जैन, भोपाल और जबलपुर सहित 8 शहरों को स्वच्छता पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। स्वच्छता में मंडला, टीकमगढ़ जैसे 6 छोटे जिलों ने भी स्थान बनाया है। राज्य सरकार का संकल्प है कि हम आने वाले समय में शहरों से लिगेसी वेस्ट को समाप्त करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में स्थान प्राप्त करने पर जबलपुर, उज्जैन, भोपाल, ग्वालियर, देवास, इंदौर नगर निगम, शाहगंज नगर परिषद, बुदनी नगर पालिका के जनप्रतिनिधियों एवं सफाई मित्रों को पुरस्कार प्रदान किए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है आज स्वच्छता की विभिन्न कैटेगरी में 64 पुरस्कार प्रदान किए गए हैं। प्रदेश को दीपावली से पहले ही साढ़े 22 हजार करोड़ रुपए की सौगात मिल रही है। आज 10 हजार करोड़ रुपए की नमामि नर्मदे योजना प्रारंभ की जा रही है। अमृत 2 योजना के अंतर्गत 7 हजार करोड़ रुपए की सौगात मिल रही है। मुख्यमंत्री अधोसंरचना योजना की भी शुरुआत हो रही है जो 5 हजार करोड़ रुपए लागत की है। आगामी 3 वर्षों में लगभग 20 हजार करोड़ रुपए की योजनाएं मूर्तरूप लेंगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सिंहस्थ: 2028 उज्जैन का ही नहीं, विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है। इसके लिए विशाल स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं। पृथ्वी पर जल से ही जीवन की उत्पत्ति हुई है इसीलिए सिंहस्थ जैसे आयोजनों में पवित्र नदियों में जल को नमन करते हुए स्नान का महत्व है। सिंहस्थ-2028 का आयोजन विश्व के लिए उदाहरण बनेगा।

हमें स्वच्छता को संस्कार में लाना होगा : राज्यमंत्री मती प्रतिमा बागरी

नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री मती प्रतिमा बागरी ने कहा कि हमें आसपास स्वच्छता के साथ मानसिक स्वच्छता को भी सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। हमें स्वच्छता को संस्कार में लाना होगा और अपने विचार और संस्कार से ही व्यक्ति अपने आसपास की स्वच्छता के लिए सक्रिय होता है। हमें वार्डवार कचरा प्रबंधन सुनिश्चित करते हुए कचरा संग्रहण के लिए सक्रिय होना होगा, तभी शहरों को सुंदर बनाया जा सकेगा। सड़कों और गलियों के साथ-साथ जल संरचनाओं की स्वच्छता को भी प्राथमिकता देनी होगी।

अपर मुख्य सचिव नगरीय विकास एवं आवास  संजय दुबे ने कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में मध्यप्रदेश निरंतर 8 वर्षों से नए प्रतिमान स्थापित कर रहा है। प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छता के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की शुरुआत की है। प्रधानमंत्री  मोदी की मंशा के अनुरूप राज्य सरकार ने स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव की पहल पर ही सफाई मित्रों के स्वागत और सम्मान का यह कार्यक्रम रखा गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का विचार था कि दीपावली पर्व पर सफाई का बहुत महत्व है और हमारे घर-द्वार तथा इलाके की सफाई में सफाई मित्रों का विशेष महत्व रहता है। स्वच्छता मित्रों का सम्मान दीपावली से पहले किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की इस प्रतिबद्धता के परिणाम स्वरूप ही यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारा संकल्प है कि इस वर्ष बारिश से पहले प्रदेश के लगभग 40 नगरीय निकायों में वर्षों से जमा कचरे को हटा दिया जाएगा। प्रदेश में डोर टू डोर कचरा संकलन गतिविधि का विस्तार किया जाएगा। कार्यक्रम में विधायक  रामेश्वर शर्मा, महापौर भोपाल मती मालती राय, राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष  प्रताप सरोठिया, आयुक्त नगरीय विकास  संकेत भोंडवे सहित प्रदेश से आए महापौर, पार्षदगण एवं सफाई मित्र उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किया सफाई मित्रों का सम्मान

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्वच्छता सम्मान समारोह में उल्लेखनीय कार्य करने वाले नगरीय निकायों को पुरस्कृत किया। साथ ही उल्लेखनीय कार्य करने वाले सफाई मित्र लक्ष्मी, गुड्डी बाई, पुष्पा, कालीचरण और जीवन को सम्मानित कर पुरस्कार किया।

पुरस्कृत स्थानीय निकाय

सफाई मित्र सुरक्षित श्रेणी में जबलपुर नगर निगम, सुपर स्वच्छ लीग में उज्जैन नगर निगम, स्वच्छ शहर श्रेणी में जनसंख्या के अनुसार भोपाल, ग्वालियर, देवास नगर निगम को सम्मानित किया गया है। वायु सर्वेक्षण में देवास, स्वच्छ शहर में सीहोर जिले के शाहगंज और बुदनी नगरीय निकायों को पुरस्कृत किया गया। इन नगरीय निकायों ने राष्ट्रीय स्तर पर भी पुरस्कार प्राप्त किये हैं। समारोह में पीएम आवास योजना में इंदौर, बैरसिया और निवाली बुजुर्ग को, पीएम स्वनिधि योजना में रतलाम, सारणी, शाडोरा नगरीय निकाय को पुरस्कृत किया गया। मिशन कर्मयोगी में श्रेष्ठ कार्य करने वाले कर्मी सु निलोफर,  अशोक राय,  सत्यप्रकाश सिंह को पुरस्कृत किया गया। प्रदेश की फास्टेस्ट मूवर्स सिटीज की श्रेणी में 15 नगरीय निकायों को आबादी की श्रेणी के आधार पर पुरस्कृत किया गया। तरल और ठोस अपशिष्ट के बेहतर निष्पादन के लिये 11 निकायों को पुरस्कृत किया गया।

कार्यशाला

5वें राज्य स्तरीय स्वच्छता सम्मान समारोह में कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में आयुक्त नगरीय प्रशासन  संकेत भोंडवे ने नगरीय निकायों से कहा कि कचरे के सुरक्षित निष्पादन के लिये टेक्नोलॉजी को अंतिम पायदान तक लाना जरूरी है। उन्होंने नगरीय निकायों से कर वसूली कार्य को प्राथमिकता के साथ 31 दिसम्बर तक करने का अनुरोध किया है। क्लिनवेल्ड पीट मारविक गोएर्डेलर (केपीएमजी) के संचालक  प्रबल भारद्वाज ने बताया कि स्वच्छता अभियान में लगातार बदलाव को रहे हैं। प्रदेश के जो शहर स्वच्छता लीग में आ गये हैं, उनके सामने और भी चुनौती बढ़ गयी है। मध्यप्रदेश ने स्वच्छता के मामले में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना ली है। स्वच्छता के मामले में नागरिकों को लगातार जागरूक किये जाने की जरूरत है। कार्यशाला में स्वच्छता और कचरा निष्पादन के मामले में बेस्ट प्रेक्टिस करने वाले नगरीय निकायों ने प्रेजेन्टेशन के माध्यम से जानकारी दी।

 

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