राजस्व प्रकरणों का ऑनलाईन निराकरण साइबर तहसीलदार के माध्यम से सुनिश्चित, ऐसी पहल करने वाला मध्यप्रदेश,देश का पहला राज्य : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

प्रदेश के समग्र विकास और जनकल्याण के लिए समर्पित रहा वर्ष-2024  : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

राजस्व प्रकरणों का ऑनलाईन निराकरण साइबर तहसीलदार के माध्यम से सुनिश्चित, ऐसी पहल करने वाला मध्यप्रदेश,देश का पहला राज्य : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मंत्रीगण अपना इनकम टैक्स स्वयं भरेंगे, वह शासन से कोई वित्तीय सहायता नहीं लेंगे:मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि वर्ष – 2024 प्रदेश के समग्र विकास के साथ जनकल्याण के लिए समर्पित रहा है। राज्य सरकार ने अनेक ऐसे निर्णय लिये जो सीधे जनता से जुड़े थे। इन निर्णयों से प्रदेश की जनता के जीवन में खुशहाली लाने और शासकीय सेवाएँ सहज रूप से उपलब्ध कराने के समुचित प्रयास किये गये। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मध्यप्रदेश को दी गईं देश की पहली राष्ट्रीय नदी लिंक परियोजनाओं केन-बेतवा और पार्वती-कालीसिंध-चंबल से वर्ष 2024 ऐतिहासिक तौर पर यादगार बन गया, जो आने वाले समय में मध्यप्रदेश की समृद्धि का आधार बनेगा।

 सरकार की प्रमुख  उपलब्धियाँ एवं महत्वपूर्ण निर्णय

        साइबर तहसील परियोजना प्रदेश के सभी 55 जिलों में लागू। इसके माध्यम से नामांतरण, बंटवारा आदि विभिन्न राजस्व प्रकरणों का ऑनलाईन निराकरण साइबर तहसीलदार के माध्यम से सुनिश्चित होगा। ऐसी पहल करने वाला मध्यप्रदेश, देश का पहला राज्य है।

        प्रदेश सरकार की अभिनव पहल साइबर तहसील 2.0 का शुभारंभ, नामांतरण प्रक्रिया कार्य 25 दिवसों के भीतर पूर्ण किया जा सकेगा। नागरिकों को दावा-आपत्ति संबंधी लिंक, आदेश प्रति, अद्यतन खसरा और नक्शों की प्रतियां एसएमएस, व्हाट्सअप या ईमेल के माध्यम से घर बैठे प्राप्त होंगी।

        ध्वनि विस्तारक यंत्रों के अनियंत्रित एवं असीमित आवाज के प्रयोग को किया प्रतिबंधित।  

        प्रदेश में खुले में मांस-मछली की बिक्री पर लगाया गया प्रतिबन्ध।

        यातायात की सुगमता के लिए भोपाल में बीआरटीएस कॉरिडोर हटाया गया।

        राजस्व महाभियान के तीन चरणों में 80 लाख राजस्व प्रकरणों का निराकरण।

        राज्य सरकार द्वारा जिलों, संभागों, तहसीलों आदि की सीमाओं  के पुनः निर्धारण एवं नियुक्तिकरण के एक पृथक प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग बनाया।

        उज्जैन शहर के केडी गेट से इमली तिराहा मार्ग चौड़ीकरण के लिये 23 धार्मिक स्थलों को हटाने के लिये व्यवस्थापकों, पुजारियों और नागरिकों द्वारा सहयोग कर साम्प्रदायिक सौहार्द का उल्लेखनीय उदाहरण प्रस्तुत किया गया।

        मंत्रीगण अपना इनकम टैक्स स्वयं भरेंगे, वह शासन से कोई वित्तीय सहायता नहीं लेंगे।

        मध्यप्रदेश की अन्तर्राज्यीय सीमाओं पर 1 जुलाई, 2024 से परिवहन जांच चौकियों के स्थान पर रोड सेफ्टी एंड इंफोर्समेंट चेकिंग प्वाइंट की व्यवस्था शुरू की।

        इंदौर में एक दिन में वृहद पौधारोपण का बना वर्ल्ड रिकॉर्ड। एक दिन में रोपे गए 12 लाख पौधे।

        प्रदेश में जल स्रोतों के संरक्षण एवं पुनर्जीवन के लिए 5 जून से 30 जून तक जल-गंगा संवर्धन अभियान चलाया गया। इसमें जनभागीदारी से जलाशयों की सफाई के साथ पौधरोपण भी किया गया।

        विकसित भारत संकल्प यात्रा में 54 लाख से अधिक लोगों को मिला योजनाओं का लाभ।  

        इंदौर की हुकुमचंद मिल के 4 हजार 800 श्रमिक परिवारों को 224 करोड़ की राशि का सरकार ने भुगतान किया ।

        प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के माध्यम से 36 लाख के लक्ष्य के विरुद्ध लगभग 24 लाख लोगों को स्वामित्व अधिकार पत्र वितरित।

        मुख्यमंत्री जन-कल्याण (संबल) योजना 2.0' के अंतर्गत 1 करोड़ 73 लाख से अधिक श्रमिकों का पंजीयन। वित्तीय वर्ष 2023-24 में  30 हजार 500 से अधिक श्रमिक परिवारों को 895 करोड़ रुपये से अधिक की अनुग्रह सहायता राशि का अंतरण।

        मजदूरों की दिव्यांगता और मृत्यु के आधार पर मिलने वाली सहायता राशि बढ़ाकर 4 लाख रुपये की।

        तेंदूपत्ता संग्राहकों का संग्रहण पारिश्रमिक 3000 रुपये प्रति मानक बोरा  से बढ़कर 4000 हजार रुपये हुआ।

        30 लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों को वर्ष 2023 के तेदूपत्ता संग्रहण के लाभांश 115 करोड़ रुपए की बोनस राशि का वितरण।

        पीएम जन-मन मिशन में प्रदेश के बैगा, भारिया और सहरिया परिवारों के अविद्युतीकृत घरों तक बिजली पहुँचाने की कार्य योजना स्वीकृत।

        छात्रावासों के विद्यार्थियों की समस्याओं के निराकरण एवं मार्गदर्शन हेतु 24×7 मित्र हेल्पलाइन प्रारंभ की गई।

        विमुक्त, घुमन्तू एवं अर्द्ध-घुमन्तु वर्ग के बालकों को मिलने वाली स्कॉलरशिप 1230 रुपए से बढ़ाकर 1550 रुपए की गई। बालिकाओं को मिलने वाली स्कॉलरशिप 1,270 रुपए से बढ़ाकर 1,590 रुपए प्रतिमाह की गई।

        विशेष पिछड़ी जनजातीय के युवाओं को पुलिस, सेना एवं होमगार्ड में भर्ती कराने के लिये प्रशिक्षण हेतु  बैगा, भारिया एवं सहरिया बटालियन का गठन।

        विशेष सशस्त्र पुलिस बल (SAF) की 35वीं बटालियन, मण्डला का नामकरण वीरांगना रानी दुर्गावती के नाम पर किया जाएगा।

        पेसा मोबिलाइजर्स का मानदेय 4 हजार रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 8 हजार रुपए  प्रतिमाह करने का निर्णय।

        छिंदवाड़ा में बादल भोई जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय एवं जबलपुर में राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय का लोकार्पण किया।

        ग्वालियर-बेंगलुरू, ग्वालियर-अहमदाबाद और ग्वालियर-दिल्ली-अयोध्या विमान सेवा का शुभारंभ।

        350 करोड़ रुपये की लागत से इंदौर में एलिवेटेड कॉरिडोर का भूमि-पूजन हुआ। इसके अलावा भोपाल, देवास, ग्वालियर, जबलपुर एवं सतना में भी बन रहे हैं एलिवेटेड कॉरिडोर।

        प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2 अलग-अलग कार्यक्रमों में 24 हजार 500 (17000+7500) करोड़ रुपये की अधोसंरचना परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया।

        प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अमृत भारत स्टेशन योजनांतर्गत मध्यप्रदेश के 33 स्टेशनों के पुनर्विकास कार्य का शिलान्यास एवं 133 रेल ओवर ब्रिज  एवं अंडरपास का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया।

        मध्यप्रदेश को 364 विभिन्न रेल परियोजनाओं की सौगात। प्रदेश की चौथी सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस (खजुराहो से हजरत निजामुद्दीन) ट्रेन की सौगात मिली।  

        निशातपुरा-संत हिरदाराम नगर रेल खण्ड का लोकार्पण।

        भोपाल, इन्दौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन एवं सागर में प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के अंतर्गत 550 से अधिक शहरी ई बसों का संचालन करने का निर्णय।

        जबलपुर में 485 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से मध्यप्रदेश राज्य न्यायिक अकादमी के लिये नवीन भवन निर्माण की स्वीकृति।

        उज्जैन-जावरा के मध्य 4-लेन ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड हाई-वे निर्माण के लिए 5 हजार 17 करोड़ रुपये से अधिक की स्वीकृति। इस मार्ग के निर्माण से उज्जैन, इंदौर एवं आस-पास के क्षेत्र मुम्बई-दिल्ली 8 लेन इण्डस्ट्रीयल कारीडोर (एक्सप्रेस-वे) से जुड़ जाएंगे।

        1540 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले भोपाल मेट्रो के नए 8 स्टेशनों का भूमि-पूजन।

        ग्वालियर में देश में सबसे कम समय में बनकर तैयार हुए, मध्यप्रदेश के सबसे बड़े राजमाता विजयाराजे सिंधिया एयरपोर्ट का उद्घाटन।

        रीवा एयरपोर्ट को डीजीसीए का लाइसेंस मिला।

        राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के कर कमलों से 1 हजार 692 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले उज्जैन-इन्दौर सिक्स-लेन मार्ग का भूमि-पूजन हुआ।

        रीवा-भोपाल के मध्य नई ट्रेन का संचालन प्रारम्भ।

        विंध्य क्षेत्र को मिली बड़ी सौगात। मध्यप्रदेश का छठा एयरपोर्ट, रीवा एयरपोर्ट का शुभारंभ किया गया।

        18 हजार 36 करोड़ की लागत से इंदौर-मनमाड़ रेलवे लाईन परियोजना स्वीकृति,309 किमी लंबी रेल लाइन पर 30 नए रेलवे स्टेशन बनेगे।

        रेल परियोजना से प्रदेश के जनजातीय बहुल आकांक्षी जिला बड़वानी, धार, खंडवा, खरगोन, इंदौर सहित निकटवर्ती जिले लाभान्वित होंगे।

        3 हजार 589 करोड़ की लागत से भोपाल-कानपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर के 4-लेन में अपग्रेड करने की स्वीकृति।

        6-लेन आगरा-ग्वालियर राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर की परियोजना स्वीकृत।

        उद्योगों सहित सभी गैर-कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे तथा कृषि उपभोक्ताओं को प्रतिदिन औसतन 10 घंटे बिजली प्रदान की जा रही है।

        308 करोड़ रुपये की लागत से खरगौन जिले में जलूद उर्जा संयंत्र का भूमि-पूजन।

        सभी प्रमुख शहरों में PNG पाइपलाइन से गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने का निर्णय।

        गुणवत्तापूर्ण व विश्वसनीय विद्युत आपूर्ति के लिए रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) का क्रियान्वयन।

        ओंकारेश्वर में फ्लोटिंग सोलर पॉवर प्रोजेक्ट ने प्रथम चरण में 278 मेगावॉट की पूर्ण क्षमता से विद्युत उत्पादन करना प्रारंभ किया।

        प्रदेश में कुल 50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित। वर्ष 2025-26 तक 65 लाख हेक्टेयर और वर्ष 2028-29 तक 1 करोड़  हेक्टेयर तक सिंचाई क्षमता बढ़ाने का  लक्ष्य।

        प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की पहली केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना का भूमि-पूजन किया।

        पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना के लिए मध्यप्रदेश, राजस्थान और केंद्र सरकार के बीच त्रिपक्षीय समझौता हुआ।

        प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में प्रदेश के 51 हजार आवासों में गृह प्रवेश करवाया।

        हर ग्राम पंचायत में पीएम किसान समृद्धि केन्द्र की होगी स्थापना।

        कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2023-24 में शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कृषकों को अल्पावधि फसल ऋण दिये जाने की योजना जारी।

        वर्ष 2024-25 बजट में किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर अल्पकालीन फसल ऋण उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से 600 करोड़ रुपए का प्रावधान। लगभग 32 लाख से अधिक कृषक लाभान्वित हो रहे हैं।

        मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना अंतर्गत 81 लाख से अधिक किसानों के खातों में अब तक 10 किस्तों के माध्यम से 15 हजार 800 करोड़ रुपये से अधिक का अंतरण किया गया।

        फसल बीमा योजना खरीफ – 23 के अंतर्गत 25 लाख से ज्यादा किसानों को 750 करोड़ रुपये से अधिक की राशि के दावों का भुगतान किया गया। किसानों को अनावश्यक ब्याज  भरने के दण्ड से बचाया।

        रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना में कृषकों के खाते में 1 हजार रुपए प्रति क्विंटल की दर से अधिकतम राशि रूपये 3900/- प्रति हेक्टेयर अतिरिक्त सहायता राशि की स्वीकृति।

        वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिये घरेलू एवं कृषि उपभोक्ताओं को बिजली बिलों में राहत देने 24 हजार 420 करोड़ रूपये की सब्सिडी देने का निर्णय।

        रागी के बराबर न्यूनतम समर्थन मूल्य 4290 रुपए के बराबर कोदो और कुटकी का न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपार्जन होगा।

        अनुसूचित जाति एवं जनजाति के 1 हेक्टेयर तक के भूमिधारकों को 5 हॉर्स पॉवर तक के विद्युत पंप उपयोग पर निःशुल्क विद्युत आपूर्ति।

        फसल विविधीकरण योजना के लिए 20 करोड़ रुपए एवं प्राकृतिक खेती प्रोत्साहन एवं विस्तार के लिए 30 करोड़ रुपए का प्रावधान।

        किसानों के हित में निर्णय लेते हुए सोयाबीन का समर्थन मूल्य 4 हजार 892 प्रति क्विंटल की दर से उपार्जन करने का निर्णय लिया गया है।

        पशुपालकों एवं गौ-संवर्धन के विकास व संरक्षण के लिए वर्ष 2024-25 के लिए 590 करोड़ रुपए का प्रावधान।

        मुख्यमंत्री सहकारी दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना के लिए बजट में  150 करोड़ रुपए का प्रावधान।

        भारतीय नव वर्ष इस चैत्र माह से अगले वर्ष तक गौ-वंश रक्षा वर्ष मनाया जा रहा है।

        गौ-वंश के बेहतर आहार के लिये प्रति गौ-वंश मिलने वाली 20 रुपये की राशि बढ़ाकर 40 रुपये करने का निर्णय।

        घायल गायों के लिये हाइड्रोलिक कैटल लिफ्टिंग वाहन की व्यवस्था।

        दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने म.प्र. सरकार और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के बीच एमओयू।

        ग्वालियर स्थित आदर्श गौ-शाला में देश के पहले 100 टन क्षमता वाले सीएनजी प्लांट की स्थापना।

        दुग्ध उत्पादन और ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देने प्रदेश के हर ब्लॉक में एक गाँव बनेगा वृंदावन गांव।

        महिला सशक्तिकरण के लिए जेंडर बजट में 19 हजार 21 करोड़ से अधिक की वृद्धि।

        महिलाओं को मध्यप्रदेश लोक सेवा में 35% तक आरक्षण देने का निर्णय लिया।

        लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत 1 करोड़ 29 लाख बहनों के खातों में राशि का अंतरण निरंतर जारी।

        प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) एवं गैर PMUY अंतर्गत कनेक्शनधारी पात्र लाड़ली बहनों के लिए 450 रुपए में गैस रीफिल।

        प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना अंतर्गत 3 चरणों में अब तक लगभग 89 लाख नि:शुल्क गैस कनेक्शन उपलब्ध कराए गए।

        5 लाख स्व- सहायता समूहों के माध्यम से 62 लाख ग्रामीण बहने आत्मनिर्भर हुई।

        महिला उद्यमियों के प्रोत्साहन के लिए 850 एमएसएमई इकाइयों को 275 करोड़ रुपए का अंतरण।

        सभी नगरीय निकायों के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के मानदेय में 20 प्रतिशत वृद्धि की घोषणा।

        सेनिटेशन एवं हाईजीन योजना अंतर्गत 19 लाख से अधिक बालिकाओं के बैंक खाते में 57 करोड़ 18 लाख रुपए की राशि का अंतरण किया।

        12 हजार 670 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों को पूर्ण आंगनवाड़ी केन्द्र में उन्नयन किये जाने का निर्णय एवं 549 नए आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत किये गए।

        इंदौर की पुलिस बटालियन नंबर-1, अहिल्याबाई बटालियन के नाम से जानी जाएगी।

        प्रदेश में 369 सर्व-सुविधायुक्त सीएम राइज़ विद्यालयों का संचालन शुरू हुआ। बच्चों के लिए परिवहन व्यवस्था लागू।

        विद्यार्थियों में कौशल विकास एवं इमर्जिंग ट्रेंड्स के दृष्टिगत ए.आई, मशीन लर्निंग, कोडिंग आधारित शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी।

        राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू करने वाले देश का पहला राज्य बना मध्यप्रदेश।

        शासकीय स्कूलों में विषयवार शिक्षकों की उपलब्धता के साथ खेल, नृत्य, संगीत शिक्षकों के 11 हजार पदों पर नियुक्ति की कार्यवाही की जा रही है।

        शिक्षा का अंतर्राष्ट्रीयकरण हुआ- 12 अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के साथ एम.ओ.यू।

        व्यावसायिक शिक्षा एवं सामान्य शिक्षा का एकीकरण कर  क्षेत्रीय आवश्यकताओं के आधार पर 35 व्यावसायिक विषयों का पाठ्यक्रम में समावेश किया गया है।

        सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 योजना के अंतर्गत 11 हजार 706 केंद्रों को सक्षम आंगनवाड़ी केंद्र में उन्नत किया जा रहा है।

        प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम उषा) के अंतर्गत प्रदेश के 8 विश्वविद्यालयों में अधोसंरचना तथा अन्य विकास कार्यों के लिए 400 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत।

        55 जिलों में पूर्व से संचालित एक महाविद्यालय का पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में उन्नयन। इन कॉलेजों में 1750 शैक्षणिक एवं 369 तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के पद सृजित।

        पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस को बहुसंकायी बनाने एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं के संचालन हेतु 7 महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर नवीन संकाय एवं 55 महाविद्यालयों में स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर पर संस्कृत, बॉयोटेक्नोलॉजी, कम्प्यूटर साइंस विषय प्रारंभ।

        महाविद्यालयों के लिए 2 हजार से अधिक नवीन पद सृजित।

        खरगोन में 170 करोड़ रुपये की लागत से  क्रांतिसूर्य टंट्या भील विश्वविद्यालय का उद्घाटन।

        सागर में रानी अवंतीबाई लोधी विश्वविद्यालय एवं गुना में तात्या टोपे विश्वविद्यालय प्रारंभ।

        शासकीय महाविद्यालयों में कृषि को एक विषय के रूप में जोड़ा गया।

        पायलट ट्रेनिंग के लिए विश्वविद्यालय में कोर्स शुरू होगा।।

        केंद्र के नर्सिंग एक्ट के अनुसार राज्य में आयोग गठित होगा। भविष्य में नर्सिंग संस्थाओं को मान्यता राष्ट्रीय आयोग देगा।

        शिक्षा में गुणवत्ता के लिये भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, इंदौर, उज्जैन, रीवा के 6 विश्वविद्यालयों में इन्क्यूबेशन केंद्रों की स्थापना की गयी है।  

        उज्जैन के इंजीनियरिंग कॉलेज में आईआईटी का सैटेलाइट कैंपस प्रारंभ करने का निर्णय लिया।

        मध्यप्रदेश के महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को बस की सुविधा दी जाएगी।

        विश्वविद्यालयों में छात्र-छात्राओं की अंक सूची एवं उपाधियों को डिजी लॉकर में अपलोड करने की व्यवस्था लागू हुई।

        मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा के सकल नामांकन अनुपात में राष्ट्रीय औसत से आगे निकला। राज्य का वर्ष 2021-22 का सकल पंजीयक (जीईआर) अनुपात अखिल भारतीय अनुपात 28.4 की तुलना में 28.9 दर्ज हुआ है।

        राज्य सरकार का निर्णय, प्रदेश के विश्वविद्यालयों के कुलपति अब कुलगुरु कहलायेंगे।  

        प्रदेश में 22 नवीन आई.टी.आई. प्रारंभ की जायेंगी, जिनसे 5 हजार 280 अतिरिक्त सीट्स की वृद्धि होगी।

        देवास, छिंदवाडा एवं धार को ग्रीन स्किलिंग आई.टी.आई. में विकसित कर सोलर टेक्नीशियन एवं इलेक्ट्रिक व्हीकल मैकेनिक पाठ्यक्रम प्रांरभ किये गये हैं।

        प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 961 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित नीमच, मंदसौर और सिवनी में चिकित्सा महाद्यिालयों का लोकार्पण किया।

        592 करोड़ रुपए की लागत से उज्जैन में प्रदेश की पहली मेडिसिटी एवं मेडिकल कॉलेज का भूमि-पूजन हुआ।

        प्रदेश में अभी 17 शासकीय मेडिकल कॉलेज संचालित हैं। अगले सत्र से सिंगरौली और श्योपुर में शासकीय मेडिकल कॉलेज प्रारंभ होंगे। इसके अलावा अगले दो वर्ष में 6 अन्य नए शासकीय मेडिकल कॉलेज संचालित होने लगेंगे।

        पीएमएयर एम्बुलेंस सेवा का शुभारम्भ – प्रदेश के दूरस्थक्षेत्रों से गंभीर रूप से बीमार/दुर्घटनाग्रस्त  लोगों को एयरलिफ्ट कर समय पर उपचार उपलब्ध कराने के लिए सरकार की संवेदनशील पहल।

        चिकित्सा शिक्षा विभाग और लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग का विलय सुशासन और कार्य दक्षता का उदाहरण बना है।

        आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत अब तक 4 करोड़ 2 लाख से अधिक आयुष्मान कार्ड वितरित। अब तक 38 लाख से अधिक हुए निःशुल्क उपचार।

        प्रत्येक जिले में जिला अस्पताल एवं सिविल अस्पतालों को एक-एक शव-वाहन उपलब्ध कराने का निर्णय।

        सिंहस्थ को देखते हुए उज्जैन में नवीन शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना की जाएगी।

        प्रदेश में चिकित्सा महाविद्यालयों को पीपीपी मोड पर स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।

        मेडिकल कॉलेजों के साथ नए नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना के लिए राशि स्वीकृत।

        शिवपुरी, रतलाम, खण्डवा, राजगढ़ एवं मंदसौर में शासकीय नर्सिंग महाविद्यालयों का भूमि-पूजन किया गया।

        स्वास्थ्य संस्थानों में 46 हजार 491 नये पदों (नियमित/संविदा/आउटसोर्स) के सृजन की स्वीकृति।

        सभी को सस्ती दरों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए 50 जिला चिकित्सालयों में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों का संचालन प्रारम्भ।

        512 आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों को नियुक्ति-पत्रों का वितरण।

        प्रदेश में 800 आयुष आरोग्य मंदिर का संचालन भी प्रारंभ हुआ।

        22 जिलों में आयुष चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिए 213 पदों के सृजन का निर्णय।

        02 नवीन श्योपुर एंव शुजालपुर (शाजापुर) में 50 बिस्तरीय चिकित्सालय की स्थापना।

        विभागों को सुविधाजनक तरीके से क्लॉउड सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए "मध्यप्रदेश क्लॉउड पॉलिसी 2024" का अनुमोदन।

        वारंट और समन की तामील के लिए ई-तकनीक का उपयोग किया जाएगा। मध्यप्रदेश, ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य होगा।

        2000 से अधिक पुलिसकर्मियों को मिला उनकी पात्रतानुसार उच्च पद का प्रभार।

        बालाघाट के कमको दादर में हुई मुठभेड़ में नक्सलियों को धूल चटाने वाले 24 शासकीय पुलिस सेवकों का आउट ऑफ टर्न प्रमोशन।

        प्रदेश में थानों की सीमाओं के पुर्निर्धारण का कार्य तेजी से जारी।

        एक साल में मध्यप्रदेश पुलिस में होगी 7500 पुलिसकर्मियों भर्ती।

        प्रदेश के किसी जवान के शहीद होने पर दी जाने वाली सहायता राशि में से 50% शहीद की पत्नी और 50% राशि माता-पिता को दी जाएगी।

        शहीदों के माता-पिता को दी जाने वाली मासिक अनुदान राशि बढ़ाकर 10 हजार रूपये की गई।

        शहीदों की बेटियों एवं बहनों के विवाह पर आशीर्वाद राशि भी बढ़ाकर 51 हजार रूपये की गई।

        भूतपूर्व सैनिकों को शासकीय नौकरियों में आरक्षण।

        मध्यप्रदेश निवासी ऐसे माता-पिता, जिनकी पुत्री सेना में है, उनकी सम्मान निधि 10 हजार रुपए से बढ़ाकर 20 हजार रुपए  प्रतिवर्ष की गई।

        स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित करने के लिए नई पहल, प्रदेश के स्टार्टअप को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में सहभागिता के लिए 50 हजार रुपये से लेकर डेढ़ लाख रुपये तक वित्तीय सहायता का प्रावधान किया गया।

        प्रदेश में राज्य स्तरीय 'रोजगार दिवस' के अवसर पर रिकार्ड 7 लाख युवाओं को 5 हज़ार करोड़ रुपये का स्व-रोजगार ऋण वितरित।

        अग्निवीर योजना में युवाओं का अधिक से अधिक चयन हो, इस उद्देश्य से 360 घंटे प्रशिक्षण प्रदान करने का लक्ष्य।

        मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना अंतर्गत वर्ष 2024 में करीब 20 हजार चयनित छात्र-प्रशिक्षणार्थियों को लगभग 41 करोड़ रुपये स्टाइपेंड वितरित किये गए।

        ग्वालियर में नव-निर्मित श्रीमंत माधवराव सिंधिया अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का उदघाटन।

        प्रधानमंत्री मोदी के कर-कमलों से 29 फरवरी, 2024 को विक्रमोत्सव के अवसर पर विश्व की पहली “विक्रमादित्य वैदिक घड़ी” का शुभारंभ कर भारतीय काल गणना परंपरा का साक्षात्कार पूरी दुनिया से कराया गया है।

        लोकमाता देवी अहिल्याबाई की 300वीं जयंती वर्ष पर विजयादशमीं का पावन पर्व पूरे प्रदेश में शस्त्र-पूजन के साथ मनाया गया।

        सिंहस्थ-2028 की तैयारी हुई प्रारंभ, टास्क फोर्स का हुआ गठन।

        सिंहस्थ- 2028 की कार्य योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में 500 करोड़ रुपए का प्रावधान।

        मां शिप्रा शुद्धिकरण का संकल्प पूरा करने के लिए 1 हजार 24  करोड़ की लागत से बनने वाली कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना का भूमि-पूजन।

        साधु-संतों के लिए हरिद्वार की तरह उज्जैन में स्थायी धार्मिक नगरी व आश्रम बनाए जाएंगे। इसके अंतर्गत सभी 13 अखाड़ों के महामंडलेश्वर, संत-महंत और प्रतिनिधियों के लिए आवश्यक भूमि उपलब्ध कराई जाएगी।

        प्रदेश के किसी जवान के शहीद होने पर दी जाने वाली सहायता राशि में से 50% शहीद की पत्नी और 50% राशि माता-पिता को दी जाएगी।

        मध्यप्रदेश जैन कल्याण बोर्ड का गठन करने का निर्णय।

        उद्योगों को बढ़ावा देने और स्व-रोजगार के लिये प्रदेश में 6 रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव, 4 महानगर मंबई, कोयंबटूर, बैंगलुरू और कोलकाता में रोड़-शो, भोपाल में खनन कॉन्क्लेव और यूके एवं जर्मनी यात्रा में लगभग 4 लाख करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इससे 3 लाख 69 हजार से अधिक रोजगार सृजन हो सकेंगे।

        उद्योगों को बढ़ावा देने प्रदेश के प्रत्येक जिले में इन्वेस्टमेंट फैसिलिटेशन सेंटर स्थापित करने का निर्णय।

        मुरैना में मेगा लेदर, फुटवेयर एण्ड एसेसरीज़ क्लस्टर डेव्हलपमेंट पार्क की स्थापना के लिए स्वीकृति।

        औद्योगिक क्षेत्र मोहासा-बाबई जिला नर्मदापुरम में पॉवर एवं रिन्युबल एनर्जी इक्यूपमेंट मेन्युफैक्चरिंग जोन की स्थापना एवं संचालन के लिए स्वीकृति।

        भारतमाला परियोजना अंतर्गत तहसील पीथमपुर, जिला धार में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क की स्थापना स्वीकृति।

        त्यौंथर (रीवा) में 400 एकड़ में औद्योगिक क्षेत्र स्थापित होगा।

         माइनिंग कॉन्क्लेव में 11 औद्योगिक घरानों से प्रदेश में 19 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।

        उद्योगों को प्रोत्साहित करने और एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए कटनी और सिंगरौली में इनलेंड कंटेनर डिपो का निर्माण किया जाएगा।

        विंध्य क्षेत्र में मऊगंज और मैहर में एमएसएमई का नया इंडस्ट्रियल एरिया विकसित किया जाएगा।

        आगामी वर्षों के लिए तैयार किया प्रदेश के विकास का रोड-मैप

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विकसित भारत के सपनों को पूरा करने, विकसित मध्यप्रदेश के लिए हमने समग्र विकास को आधार बनाकर रोड-मैप तैयार किया है। रोडमैप में प्रधानमंत्री मोदी के 4 प्रमुख स्तंभों को शामिल कर हम अपनी कार्य योजना को अमल में लाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी का विजन ही हमारे मिशन का मार्गदर्शक होगा।

        प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दोगुना किया जायेगा।

        एक लाख 25 हजार अस्थाई विद्युत कनेक्शन लेने वाले कृषकों को सौर ऊर्जा के पम्प प्रदाय किये जाएंगे। अगले 4 वर्ष में सौर ऊर्जा पम्प प्रदाय कर किसानों को विद्युत आपूर्ति में आत्मनिर्भर बनाया जायेगा।

        कृषि फसलों के विविधीकरण की पहल की जाएगी, जिससे किसानों की आय में बढ़ौत्तरी हो। अधिक दाम प्रदान करने वाली फसलों की ओर किसानों को प्रोत्साहित किया जायेगा।

         प्रदेश में वर्तमान में 50 लाख हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र है। अगले पाँच वर्षों में इसे दोगुना एक 1 करोड़ हेक्टेयर किया जायेगा।

        वर्तमान में 17 शासकीय मेडिकल कॉलेज है तथा 13 प्रायवेट मेडिकल कॉलेज है। पीपीपी मोड पर 12 और 8 शासकीय मेडिकल कॉलेज चालू किये जायेंगे।

        प्रदेश में दुग्ध समितियों का विस्तार किया जायेगा। वर्तमान में प्राथमिक दुग्ध समितियां 8,500 गाँवों में ही है। एक वर्ष में 15 हजार गांवों तथा 4 वर्षों में प्रदेश के समस्त गाँवों तक दुग्ध समितियां गठित की जायेंगी।

        महिला स्व-सहायता समूह को जन आंदोलन बनाया जायेगा। वर्तमान में 25 लाख महिलाएं स्व-सहायता समूह से जुड़ी है। यह संख्या चार वर्ष में 50 लाख तक बढ़ाई जायेगी।

        यात्रियों की सुविधा के लिए प्रदेश में बसों के लिये परिवहन कंपनी बनाकर संचालन किया जाएगा।

        वर्ष-2025 को उद्योग एवं रोजगार-वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। जिसमें युवाओं को शासकीय नौकरी के साथ स्व-रोजगार से जोड़ने का वृहद स्तर पर कार्य होगा। एक लाख सरकारी भर्तियां की जाएंगी।

        प्रदेश में मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र (महानगर) का गठन किया जाएगा। इंदौर-उज्जैन-देवास-धार को मिलाकर एक तथा भौपाल-सीहोर रायसेन विदिशा-ब्यावरा (राजगड) को मिलाकर दूसरा मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र बनाया जाएगा।

        संभाग, जिला, तहसीलों और अनुविभागों का पुनर्गठन किया जायेगा।

        भारत सरकार के विजन के अनुरूप राज्य के सभी संभाग मुख्यालयों जैसे ग्वालियर, सागर, रीवा, जबलपुर, नर्मदपुरम्, शहडोल आदि को भी क्षेत्रीय आर्थिक विकास केंद्र के रूप में विकसित करने की अवधारणा के साथ कार्य योजना बनाई जाएगी।

        प्रदेश में संतुलित नगरीय विकास को गति देने तथा आर्थिक विकास के केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए पुनर्घनत्वीकरण और पुनर्विकास नीति के अतिरिक्त एकीकृत टाउनशिप नीति तैयार की जाएगी। इसमें निजी भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा।

 

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