इंसानों की तरह अब पशुओं के लिए भी ब्लड ट्रांसफ्यूजन, भोपाल में शुरू होगा ब्लड-बैंक

भोपाल 
इंसानों की तरह अब जानवरों को भी ब्लड ट्रांसफ्यूजन की सुविधा मिलने जा रही है। केंद्र सरकार ने पहली बार पशुओं के लिए ब्लड बैंक और ब्लड ट्रांसफ्यूजन की एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर) तैयार की है। इसके चलते अब कुत्ते, बिल्लियां और अन्य पशु मानकों को पूरा करने पर ब्लड डोनर बन सकेंगे। डोनर अगर डॉग है, तो उम्र 1 से 8 साल होनी चाहिए। वहीं, कम से कम 25 किलो वजन होना चाहिए। बिल्ली को डोनर तभी बनाया जा सकता है, जब उसकी उम्र 1-5 साल हो और कम से कम 4 किलो वजन हो। अन्य पशु पूरी तरह स्वस्थ और वैक्सीनेटेड होने पर ही ब्लड डोनेशन कर पाएंगे। दूध पिलाने वाली गाय, बकरी या अन्य पशु ब्लड डोनेट नहीं कर पाएंगे। खास बात यह है कि डॉग हर 4-6 हफ्ते में, कैट हर 8-12 हफ्ते में ही ब्लड डोनेशन कर पाएंगे।

पहले चरण में छोटे जानवरों के लिए
पुरानी जेल रोड स्थित राज्य पशु चिकित्सालय में देश का पहला पशुओं का ब्लड बैंक बनेगा। ब्लड बैंक के पहले चरण में छोटे जानवरों जैसे कुत्ते, बिल्ली और बकरी के लिए रक्त उपलब्ध रहेगा। पशुपालन विभाग की योजना है कि धीरे-धीरे बड़े जानवरों जैसे गाय, बैल और घोड़े के लिए भी ब्लड की व्यवस्था की जाए। फिलहाल अस्पताल में ब्लड चढ़ाने की सुविधा है, लेकिन बैंक न होने से आपात स्थिति में रक्त मिलना मुश्किल हो जाता था। इस कारण कई बार गंभीर पशुओं की जान चली जाती थी। अब हादसों, सर्जरी, एनीमिया या किसी गंभीर बीमारी में पालतू या पशु की जिंदगी बचाने के लिए ब्लड बैंक नेटवर्क मौजूद रहेगा। दरअसल, देश में 53 करोड़ से ज्यादा पशु और 12.5 करोड़ से अधिक पालतू जानवर हैं, लेकिन अब तक इनके लिए कोई राष्ट्रीय ढांचा या रेग्युलेटेड ब्लड बैंक सिस्टम मौजूद नहीं था।

इसके लिए नेशनल वेटरनरी ब्लड बैंक नेटवर्क बनाया जाएगा। इसमें डिजिटल डोनर रजिस्ट्री, रियल-टाइम ब्लड इन्वेंट्री सिस्टम, 24×7 हेल्पलाइन और ऑनलाइन पोर्टल व मोबाइल ऐप से डोनर-रिसीपीएंट मैचिंग जैसी सुविधाएं मिलेंगी। डोनेशन पूरी तरह स्वैच्छिक होगा। अक्टूबर में शुरू होगी सुविधा ^इस प्रोजेक्ट की मंजूरी में केंद्रीय पशुपालन एवं डेयरी विभाग की सचिव अलका उपाध्याय और मुख्यमंत्री की अहम भूमिका रही है। विभाग ने ब्लड बैंक की निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली है। अक्टूबर में यह सेवा शुरू हो जाएगी। ब्लड बैंक बनने के बाद पालतू पशु पालकों को जागरूक किया जाएगा, ताकि वे अपने कुत्ते या बिल्ली से स्वैच्छिक रक्तदान करा सकें। फिलहाल योजना छोटे पशुओं के लिए है,। भोपाल में ब्लड बैंक स्थापित करने के लिए गुरु अंगद देव वेटनरी एंड एनीमल साइंसेस यूनिवर्सिटी लुधियाना में यहां के पशु चिकित्सकों को भेजा जाएगा।  

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button