एनएचआरसी ने मांगा जवाब: MP के मदरसों में 556 हिंदू बच्चों के धर्मांतरण का आरोप

भोपाल 
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) के पास पहुंची शिकायत में आरोप लगाया गया है कि मध्य प्रदेश के मदरसों में हिंदू बच्चों के मतांतरण का रैकेट चल रहा है। प्रदेश के 27 मदरसों में 556 हिंदू बच्चों को निशाना बनाया जा रहा है। शिकायतकर्ता ने मामले में एफआइआर दर्ज कराने की मांग की है।

आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो की अध्यक्षता वाली एनएचआरसी की पीठ ने मामले का संज्ञान लेते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव से 15 दिन में जवाब मांगा है। प्रमुख सचिव को भेजे पत्र में आयोग ने कहा है कि मदरसे शिक्षा के अधिकार अधिनियम के दायरे से बाहर हैं। ऐसे में यह समझ से परे है कि हिंदू बच्चों को वहां कैसे और क्यों प्रवेश दिया जाता है।

 NHRC ने मांगी रिपोर्ट, कानूनगो बोले-सरकार बंद करें ग्रांट

एनएचआरसी के सदस्य प्रियांक कानूनगो ने बताया कि आयोग को 26 सितंबर को एक शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया कि प्रदेश में अवैध धर्मांतरण का गिरोह सक्रिय है, जो 556 हिन्दू बच्चों को 27 अवैध मदरसों में दाखिला देकर उन्हें इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा है। शिकायत में यह भी कहा गया कि ये मदरसे मुरैना, इसलामपुरा, जौरा, पोरसा, अंबाह, कैलारस, संबलगढ़ और अन्य क्षेत्रों में संचालित हो रहे हैं। बिना सरकारी अनुमति के ये संस्थान हिन्दू बच्चों को कुरान और हदीस की शिक्षा दे रहे हैं, जो किशोर न्याय (देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 का उल्लंघन है।

सरकार ग्रांट देना तुरंत बंद कर दें 
प्रियांक कानूनगो ने कहा कि मध्य प्रदेश में पिछली कई वषों से समस्या चल रही है। मध्य प्रदेश में मदरसा संचालक हिंदू बच्चों को प्रवेश देते है और कुरान पढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि मदरसा शिक्षा केंद्र नहीं है। यह धार्मिक परंपरा सीखाने के केंद्र हैं। राज्य सरकारों को मदरसों को ग्रांट देने का काम तुरंत बंद कर देना चाहिए। यह सरकार का काम नहीं है।  

शिकायतकर्ता का आरोप

एनएचआरसी को 26 सितंबर को भेजी शिकायत में आरोप लगाया गया है कि मुरैना, इस्लामपुरा, जौरा, पौरसा, अंबाह, कैलारस, संबलगढ़ और अन्य क्षेत्रों में स्थित ये मदरसे, किशोर न्याय (देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 का उल्लंघन करते हुए, बिना उचित सरकारी अनुमति के हिंदू नाबालिगों को कुरान और हदीस पढ़ा रहे हैं।

शिकायतकर्ता ने यह भी कहा है कि यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 28(3) और 16 अगस्त 2024 को मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जारी आदेश का उल्लंघन है, जिसमें गैर-इस्लामी बच्चों को इस्लामी मदरसों में पढ़ने से रोक दिया गया है।

इसके अलावा यह आरोप भी लगाया गया कि इस रैकेट का अवैध विदेशी फंडिंग और राष्ट्र-विरोधी तत्वों से संबंध हो सकता है। 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button