कांग्रेस संगठन में नई हलचल, एमपी के ज़िला अध्यक्ष मैदान में – नवंबर में राहुल और खड़गे की सीधी बैठक

भोपाल 
मध्यप्रदेश कांग्रेस ने संगठन को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश के सभी 71 जिला अध्यक्षों के लिए 2 से 12 नवंबर तक पचमढ़ी में 10 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जा रहा है। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे सीधी क्लास लेंगे। राहुल गांधी की क्लास से पहले सभी जिला अध्यक्ष फील्ड में सक्रिय हो गए हैं। अध्यक्षों को एक महीने में कार्यकारिणी बनानी है, मुद्दों को उठाना है और जनता से सीधा संवाद करना है। यह प्रशिक्षण शिविर सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि संगठनात्मक मजबूती की नींव बनने जा रहा है। इस विशेष शिविर में कांग्रेस नेतृत्व कार्यकर्ताओं को दिशा दिखाने और जमीनी स्तर पर संगठन को सक्रिय करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। 

जिलाध्यक्षों से सीधा संवाद करेंगे राहुल
शिविर की शुरुआत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे करेंगे, जबकि राहुल गांधी दो दिन तक प्रशिक्षण में मौजूद रहेंगे। इस दौरान वे जिलाध्यक्षों से सीधे संवाद करेंगे और पूछेंगे कि आप ने  अभी तक संगठन में आपने क्या काम किया? किन मुद्दों पर आंदोलन किए? जनता के बीच कितनी बार पहुंचे? राहुल गांधी व्यक्तिगत रूप से फीडबैक लेंगे, जिससे कार्यकर्ताओं को अपने प्रदर्शन को बेहतर करने की प्रेरणा मिलेगी।

राहुल गांधी दो दिन रहेंगे, प्रभात फेरी में होंगे शामिल 
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी दो दिन तक यहां मौजूद रहेंगे. राहुल जिला अध्यक्षों को संगठन की चुनौतियों, चुनावी रणनीति और बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने के गुर सिखाएंगे. वे नेताओं से वन टू वन चर्चा कर उनके जिलों की परिस्थितियों को समझेंगे और आगे की कार्ययोजना देंगे. इस शिविर का मकसद संगठन सृजन अभियान से बने जिला अध्यक्षों को जमीनी स्तर पर प्रशिक्षित करना है. वरिष्ठ नेता महेंद्र जोशी को प्रशिक्षण स्थल की तैयारियां देखने के लिए पचमढ़ी भेजा गया है.

अनुशासन और राहुल गांधी की रणनीति 
पार्टी नेताओं का कहना है कि इस तरह के शिविर कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाते हैं. पचमढ़ी का शांत और प्राकृतिक वातावरण इसके लिए उपयुक्त माना गया है. राहुल गांधी का सीधा जुड़ाव शिविर की खासियत होगा. कांग्रेस इस शिविर से दो संदेश देना चाहती है. पहला यह कि पार्टी अनुशासन को प्राथमिकता देती है. दूसरा यह कि राहुल गांधी सीधे रणनीति बना रहे हैं. गौसेवा और प्रभातफेरी जैसी गतिविधियां परंपरा और आधुनिक राजनीति के बीच संतुलन बनाने की कोशिश हैं.

कांग्रेस का संगठनात्मक अनुशासन और सांस्कृतिक जुड़ाव पर जोर
इस शिविर का मकसद संगठन सृजन अभियान से बने जिला अध्यक्षों को जमीनी स्तर पर प्रशिक्षित करना है. सुबह योग और प्रभात फेरी से दिन की शुरुआत होगी. इसके बाद प्रशिक्षण सत्रों में रणनीति, संवाद और चुनावी प्रबंधन सिखाया जाएगा. गौसेवा और स्वच्छता कार्यक्रमों के जरिए कांग्रेस संगठनात्मक अनुशासन और सांस्कृतिक जुड़ाव पर जोर देना चाहती है.

नेताओं की मजबूत टीम देगी मार्गदर्शन
2 से 12 नवंबर तक पचमढ़ी में 10 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण शिविर में जयराम रमेश, पवन खेड़ा, सुप्रिया श्रीनेत, प्रशिक्षण विभाग के राष्ट्रीय प्रमुख सचिन राव, प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी, पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी मौजूद रहेंगे। कांग्रेस का मानना है कि यह प्रशिक्षण शिविर संगठनात्मक मजबूती और कार्यकर्ताओं की दिशा तय करने में मील का पत्थर साबित होगा।

जनसंवाद की रणनीति
1-सोशल मीडिया का प्रभावी उपयोग
2-जमीनी मुद्दों की पहचान और समाधान 

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