राजधानी में बनेगा नए कलेक्ट्रेट भवन, 90 घरों को नोटिस, सांसद ने जताई नाराजगी

भोपाल
भोपाल शहर की प्रोफेसर कॉलोनी में नए कलेक्ट्रेट भवन के लिए 90 घरों को नोटिस दिए गए। बीते दिन इस पर कलेक्टर ने पूछताछ की, जिसमें बताया गया कि जिन्हें नोटिस दिए वे खाली है। सरकारी मकान है जो बेहद जर्जर है। यहां कोई नहीं रहता, लेकिन ये आवंटित है। इन पर नोटिस चस्पा किए गए हैं।
गौरतलब है कि जारी किए नोटिस पर सांसद आलोक शर्मा ने आपत्ति ली थी। टेंडर जारी होने से पहले ही मकान खाली कराने के नोटिस जारी होने पर रहवासियों में तो नाराजगी है ही, सांसद आलोक शर्मा ने कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह से इन मकानों में रहने वालों को नोटिस जारी करने पर तीखी नाराजगी जताई है।
मामले में प्रोफेसर कॉलोनी रहवासी संघ भी सक्रिय हुआ। संघ के त्रिभुवन मिश्रा ने बताया वे मामले में मंगलवार को हाउसिंग बोर्ड पहुंचकर उच्चाधिकारियों को ज्ञापन देंगे। सांसद शर्मा ने मामले में संभवत: बुधवार या गुरुवार को संबंधित प्रशासनिक अफसरों के साथ जनप्रतिनिधियों की बैठक तय करने की बात कही। यहां कुल 149 घर है। इसके अलावा अन्य भवन है।
शिफ्ट होने है कई ऑफिस
रीडेंसीफिकेशन प्रोजेक्ट लगभग 500 करोड़ रुपए का है। इससे यहां संभागायुक्त, आईजी देहात, कलेक्टर, चार एडीएम कार्यालय, नाजिर शाखा, खनिज शाखा, आबकारी विभाग, खाद्य विभाग, निर्वाचन के लिए अलग से कार्यालय, खाद्य विभाग व इनसे संबंधित कार्यालय, बाबुओं के बैठने की व्यवस्था, कांफ्रेंस हाल, रिकॉर्ड रूम, लोकसेवा गारंटी केंद्र, एसएलआर, अधिवक्ता कक्ष, महिला बाल विकास, आदिम जाति कल्याण विभाग, सामाजिक न्याय विभाग सहित अन्य दफ्तर शिफ्ट होने हैं। इसके साथ ही मौजूदा ओल्ड सेक्रेटरिएट की खाली होने वाली जमीन पर हाउसिंग और कमर्शियल प्रोजेक्ट लाने की योजना है।
शिफ्टिंग के साथ वैकल्पिक व्यवस्था के लिए भी आदेश जारी हो गया है। सीबीआई व्यापम स्कैम b1, सीबीआई व्यापम स्कैम b8, 10 समेत साइन मंदिर और गीतांजलि होस्टल भी खाली होगा। सर्किट हाउस समेत क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं मेरेलिया नियंत्रक ऑफिस चंबल बेतवा विषय मुख्य अभियंता कार्यालय भी खाली होगा। 500 करोड़ की लागत से भोपाल का नया कलेक्ट्रेट कार्यालय भवन बनेगा।
प्रोजेक्ट भी तालाब से 60 से 150 मीटर दूर बनाय जा रहा है। हाउसिंग बोर्ड के अधिवक्ता शांतनु सक्सेना ने बताया कि एनजीटी के जज एसके सिंह और एक्सपर्ट मैंबर अफरोज अहमद ने हाउसिंग बोर्ड के तर्कों को स्वीकार करते हुए सिटीजंस फोरम की याचिका को निरस्त कर दिया है। एनजीटी ने इसका ऑर्डर अपनी वेबसाइट पर भी अपलोड कर दिया है।
सोलर एनर्जी से लेकर प्राकृतिक प्रकाश की व्यवस्था
कलेक्टोरेट की इमारत को पूरी तरह से जनता से जुड़ा हुआ बनाया जाएगा। उनके लिए यहां अलग से कक्ष भी बनाया जाएंगे। जनसुनवाई कक्ष अत्याधुनिक होगा, वहीं अलग-अलग इमारतों में अधिकारियों की बैठक के लिए भव्य कक्ष बनाए जाएंगे। भविष्य को देखकर इस बिल्डिंग में सोलर एनर्जी से लेकर प्राकृतिक प्रकाश तक की व्यवस्था की गई है। प्रोेफेसर कालोनी के साथ सर्किट हाउस व मंत्री बंगलों को तोड़कर नई कलेक्टोरेट व कुछ अन्य दफ्तरों को यहां शिफ्ट किया जाना है। ये काम रीडेंसिफिकेशन प्रोजेक्ट के तहत हो सकेगा। इसको लेकर पीएस रेवेन्यू के यहां तक बैठकें हो चुकी हैं। इसके बाद इस प्रस्ताव को मंजूरी मिली है।
बदल जाएगी पुराने शहर की तस्वीर
चार बंगला ऑफिस और मकान टूटकर कलेक्ट्रेट और अन्य ऑफिस ब्लॉक बनेंगे।
पॉलिटेक्निक चौराहा ..
.यहां अर्बन फॉरेस्ट और पोडियम पार्किंग बनाई जाएगी।
किलोल पार्क मलेरिया ऑफिस को तोड़कर पार्क का विस्तार होगा और नई सड़कें बनेंगी।
पुराने शहर में पहला बड़ा प्रोजेक्ट… यह प्रोजेक्ट सिर्फ नए कलेक्ट्रेट के निर्माण तक सीमित नहीं है। इसमें प्रोफेसर कॉलोनी, कलेक्ट्रेट, चूना भट्टी और मेन रोड नंबर 2 के 58.94 एकड़ जमीन का रिडेंसिफिकेशन होगा। 42.63 एकड़ में सरकारी दफ्तर और अन्य सुविधाएं बनेंगी, जबकि 16.31 एकड़ पर प्राइवेट रेसीडेंशियल और कमर्शियल डेवलपमेंट होगा।
शहर के बड़े डेवलपमेंट की रूपरेखा ऐसी होगी
बी टाइप अपार्टमेंट : 20 टॉवर (जी+11)
हॉस्टल ब्लॉक : जी+3 और जी+4 के ब्लॉक
रवींद्र भवन के सामने शॉपिंग : 3000 वर्ग मीटर
अरबन फॉरेस्ट : 7.3 एकड़
स्टेट गेस्ट हाउस : 68 कमरे और 5 सुइट्स बनेंगे।
चूना भट्टी पर जी एफ सरकारी फ्लैट बनेंगे चूना भट्टी : जी+6 के 5 ब्लॉक। इसमें 3 जी टाइप (72 फ्लैट), 2 एफ टाइप (48 फ्लैट) यानी कुल-120 फ्लैट बनेंगे। कुल जमीन 15,000 वर्ग मीटर।
ओल्ड सेक्रेटरिएट : यहां 2.24 हेक्टेयर पर ई टाइप जी+6 के 3 ब्लॉक, 72 फ्लैट व एफ।
कलेक्ट्रेट के लिए 9 बार तलाशी जगह...
1972 से अब तक कलेक्ट्रेट के लिए 9 बार अलग-अलग जगहों पर विचार हुआ, लेकिन हर बार कोई न कोई अड़चन आ गई। अब जाकर 2024 में इस नई साइट को मंजूरी मिली है।