कश्मीर में शिंदे का जलवा: उमर-महबूबा से ज्यादा दिखे शिवसेना पोस्टर, जानें क्या है वजह

LoC से श्रीनगर तक: शिवसेना प्रमुख शिंदे का कश्मीर कनेक्शन मजबूत

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की सड़कों पर इस वक्त न तो मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की तस्वीरें ज्यादा नजर आती हैं और न ही पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की। हैरत की बात है कि उनसे कहीं ज्यादा पोस्टर और बैनर शिवसेना प्रमुख व महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के दिखाई दे रहे हैं। साफ है—शिवसेना घाटी में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने की कोशिश तेज कर चुकी है।

हाल ही में श्रीनगर एयरपोर्ट के पास एक होटल में शिंदे की अगुवाई में बड़ी बैठक हुई। इसमें करीब 700 लोग शामिल हुए। बैठक से पहले पार्टी कार्यकर्ताओं ने रक्तदान शिविर भी आयोजित किया। शिवसेना के स्थानीय नेता याक़ूब, जो कभी पीडीपी का हिस्सा रहे थे, ने बताया—

“हमने सैकड़ों होर्डिंग्स लगाए ताकि लोग जान सकें कि शिवसेना अब कश्मीर में है। इन पर एक रुपया भी खर्च नहीं किया गया। मकसद सिर्फ चर्चा छेड़ना था।”

घाटी में शिंदे का बढ़ता दखल

याक़ूब का दावा है कि एकनाथ शिंदे लगातार घाटी के दौरे कर रहे हैं और स्थानीय लोगों के बीच पार्टी को मजबूत करने में गंभीरता से जुटे हैं। उनके मुताबिक—

“पहले शिवसेना को लेकर कश्मीर में कई भ्रांतियां थीं, लेकिन शिंदे जी की मौजूदगी और लगातार संवाद से अब नजरिया बदल रहा है। लोग पार्टी को सकारात्मक रूप में देखने लगे हैं।”

बैठकों और प्रतीकों से बढ़ता असर

जून 2023 में शिंदे ने श्रीनगर में 15 राज्यों के शिवसेना पदाधिकारियों के साथ बड़ी बैठक की थी—यह महाराष्ट्र से बाहर पार्टी की पहली बड़ी राजनीतिक गतिविधि थी। इसके बाद नवंबर 2023 में उन्होंने LoC के नजदीक कुपवाड़ा में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण किया, जिसने राजनीतिक हलकों में खूब चर्चा बटोरी।

अगली यात्रा की तैयारी

शिवसेना कश्मीर अध्यक्ष मोहम्मद शफी ने बताया कि शिंदे अगले महीने फिर घाटी का दौरा करेंगे। उनका कहना है—

“आदिल शाह के परिवार का घर लगभग बनकर तैयार है। शिंदे जी उसे देखने जरूर आएंगे।”
गौरतलब है कि आदिल शाह पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों में शामिल थे।

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