राष्ट्रीय कीर्तिमान: बालोद में पिछले दो वर्षों से नहीं हुआ कोई बाल विवाह

बालोद

छत्तीसगढ़ के बालोद जिले ने राष्ट्रीय पटल पर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यह देश में पहला बाल विवाह मुक्त जिला बन गया है। ऐसा जिला प्रशासन के प्रयासों और आम जनता के सहयोग से संभव हो पाया है। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 27 अगस्त 2024 को बाल विवाह मुक्त नामक राष्ट्रीय अभियान की शुरुआत की थी जिसके तहत बालोद जिले ने यह उपलब्धि हासिल की। यहां जिले की सभी 436 ग्राम पंचायत और नव नगरीय निकायों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए हैं। पिछले दो वर्षों में बालोद जिले से एक भी बाल विवाह का मामले सामने नहीं आया है। बालोद एक राष्ट्रीय उदाहरण बनकर सामने आया है।

विधिक प्रक्रिया और सत्यापन
आपको बता दें कि सरकारी आंकड़ों के हिसाब से पिछले दो वर्षों में बालोद जिले से बाल विवाह का एक भी मामला सामने नहीं आया। राष्ट्रीय स्तर पर विधिक प्रक्रिया और दस्तावेजों के सत्यापन के बाद पूरे जिले को बाल विवाह मुक्त घोषित किया गया। इस उपलब्धि के साथ बालोद ने पूरे देश के सामने एक मिसाल पेश की है। बालोद एक विकासशील जिला होने के साथ एक बेहतरीन उदाहरण बनता जा रहा है साक्षरता और समझदारी में भी।

कलेक्टर ने कही ये बात
बालोद जिले की इस उपलब्धि से प्रशासनिक और जनप्रतिनिधियों सहित आम जनता में खुशी है। जिला कलेक्टर दिव्या उमेश मिश्रा ने कहा कि यह सफलता प्रशासन, जनप्रतिनिधियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और समुदाय की सामूहिक भागीदारी का परिणाम है। उन्होंने सभी पंचायतों व नगरीय निकायों के सहयोग के लिए आभार जताया।

वहीं भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष चेमन देशमुख ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सरकार और प्रशासन के बेहतरीन सहयोग और आम जनता की जागरूकता से यह काम संभव हो पाया है सभी जिलेवासी बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र में बैठे हमारे प्रधानमंत्री जी ने जिस तरह का सपना बालोद, छत्तीसगढ़ या पूरे देश के लिए देखा है उसी दिशा में हमारा देश आगे बढ़ रहा है। यह गर्व की बात है कि बाल विवाह मुक्त भारत अभियान में बालोद ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है।

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