BCCI की चेतावनी के बाद नकवी का पलटवार: ‘एशिया कप ट्रॉफी दूंगा, अगर…

मुंबई 
एशिया कप ट्रॉफी का मुद्दा अब तक नहीं सुलझा है। भारतीय टीम ने 28 सितंबर को पाकिस्तान को हराकर एशिया कप 2025 का खिताब जीता था। हालांकि, भारत को ट्रॉफी नहीं मिली है। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने पिछले हफ्ते एशियन क्रिकेट काउंसिल (एसीसी) को पत्र लिखकर ट्रॉफी देने के लिए कहा। बीसीसीआई ने वॉर्निंग दी कि अगर ट्रॉफी नहीं सौंपी गई तो अगले महीने इंटनरेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) की बैठक में इस मुद्दे को उठाया जाएगा। बीसीसीआई की वॉर्निंग के बाद एसीसी चीफ मोहसिन नकवी का रिएक्शन आया है। उन्होंने कहा कि बीसीसीआई के अधिकारी या प्रतिनिधि को दुबई स्थित एसीसी मुख्यालय में आकर ट्रॉफी लेनी होगी।

बता दें कि भारतीय टीम ने एशिया कप जीतने के बाद नकवी के हाथों से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया था। वह पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के चेयरमैन हैं। नकवी पाकिस्तान के गृहमंत्री भी हैं। नकवी भारत के खिलाफ जहर उगलते रहे हैं। उन्होंने एशिया कप के दौरान अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत की सैन्य कार्रवाई का मजाक उड़ाने वाले वीडियो और मीम्स डाले थे। न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, बीसीसीआई के पत्र के बाद नकवी की ओर से आए जवाब में कहा गया कि उन्हें पहले बताया नहीं गया था कि भारतीय खिलाड़ी उनसे ट्रॉफी लेने का बहिष्कार करने वाले हैं।

पत्र में कहा गया, "जब समारोह होने वाला था और मंच पर सभी अतिथि पहुंच गए थे , तब बीसीसीआई के प्रतिनिधि ने बताया कि भारतीय टीम एशिया कप ट्रॉफी और पुरस्कार नहीं लेगी।" इसमें कहा गया, "एसीसी चीफ ने तमाम अतिथियों के साथ करीब 40 मिनट तक इंतजार किया ताकि पुरस्कार वितरण समारोह की गरिमा बनी रहे और इस पर राजनीति का प्रभाव नहीं पड़े लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।" पत्र में कहा गया, “एसीसी ट्रॉफी भारतीय क्रिकेट टीम की है और इसे तब तक यहां रखा जाएगा जब तक कि बीसीसीआई का कोई पदाधिकारी किसी भी उपलब्ध प्रतिभागी खिलाड़ी के साथ एसीसी अध्यक्ष से इसे प्राप्त नहीं कर लेता।”

इसमें आगे कहा गया, "इस तरह से ट्रॉफी लेने को निश्चित रूप से बहुत धूमधाम और कवरेज के साथ किया जाएगा क्योंकि स्थापित प्रथाओं से अलग कुछ नहीं होना चाहिए और कोई मिसाल नहीं कायम की जानी चाहिए जो उस खेल की भावना को कमजोर करे जिसे हम सभी प्यार करते हैं।" भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप में फाइनल समेत तीन मैच खेले गए थे। सूर्यकुमार यादव की अगुवाई वाली टीम ने पाकिस्तान ने तीनों मर्तबा पाकिस्तान को धूल चटाई। पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ितों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए भारतीय टीम ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया था।

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